लाइन सपोर्ट क्या है? – लाइन सपोर्ट कितने प्रकार का होता है

दोस्तों आज इस आर्टिकल में आप जानेंगे की लाइन सपोर्ट क्या है? – लाइन सपोर्ट कितने प्रकार का होता है लाइन सपोर्ट के प्रकार- Types Of Line Support in hndi: अगर आप भी है जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिए | तो चलिए शुरू करते हैं 

लाइन सपोर्ट के प्रकार- Types Of Line Support

लाइन आधार मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं  

1.खम्बे (Poles) 

2. बुर्ज (Tower)

What is Line Support

1. खम्बे (Poles)

खम्बों का उपयोग संचरण एवं वितरण लाइनों में 66kV तथा 100 मीटर पाट तक के लिये किया जाता ।

सामान्यतः निम्न प्रकार के खम्भे काम में लिए जाते हैं

(i) लकड़ी के खम्भे (Wooden poles) 

(ii) स्टील के खम्भे (Steel poles) 

(iii) सीमेन्ट कंक्रीट के खम्भे (Cement concrete poles)

 

(i) लकड़ी के खम्भे

लकड़ी के खम्भे मैदानी इलाकों में सामान्यतः अस्थाई लाइनों के लिए उपयोग किए जाते है। जहां लकड़ी सस्ती एवं आसानी से पाई जाती है किन्तु पर्वतीय क्षेत्रों में जहां पर अन्य प्रकार के खम्भों का परिवहन दुष्कर कार्य है वहां लकड़ी के खम्भे स्थाई लाइन के भी काम में लिए जाते हैं। लकड़ी के खम्भों का उपयोग 22KV वोल्टता एवं 50 से 70 मीटर पाट (Span) के लिए किया जाता है। कुछ पर्वतीय स्थानों पर लकड़ी के खम्भों को 132kV तथा 150 मीटर स्थान के लिए भी काम में लिया गया है। इसके लिए लम्बा एकल अथवा ‘H’ प्रकार का खम्भा काम में लिया जाता है। इन खम्भों में लिये साल, चीड़, शीशम की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है। इनकी लम्बाई लगभग 11 से 15 मीटर तक होती है तथा शिखर परिधि 38 सेमी. व नीचे से परिधि 66 सेमी. की होती है।

बाहरी वातावरण की सर्दी, गर्मी बरसात में बचाने के लिए इसको तार कोल या क्रिऑसाइट तेल (Creosote oil) से संशोधित किया जाता है। वर्म (worm)एवं पानी से बचाने के लिए खम्भे के शीर्ष पर एलुमिनियम, जिंक अथवा सीमेन्ट की टोपी पहनाई जाती है। क्रिआसाइट से संसेचित खम्भों आयु अच्छी होती है तथा यह 25 से 30 वर्ष तक होती हैं लकड़ी के खम्भों की नम्यता (Flexibility) अच्छी होती है।

लकड़ी के खम्भे निम्न तीन प्रकार से काम में लिये जाते हैं।

(a) एकल खम्भे (Single wooden poles) 

(b) ‘A’ प्रारूपी खम्भे (A type poles) 

(c) ‘H’ प्रारूपी खम्भे (H type poles)

Types Of Line Support

 

लकड़ी के खम्भों के लाभ (Advantages of Wooden Poles) 

(i) इनकी प्रारम्भिक लागत कम आती है। 

(ii) भार के हल्के होने के कारण सुवहनीय (Portable) होते हैं। 

(iii) विद्युत के कुचालक होते हैं। 

(iv) तेल से अच्छे से संसेचित का जीवन काल अधिक होता हैं

 

लकड़ी के खम्भों के अवगुण (Disadvantages of wooden poles) 

(i) इनके उपयोग के कारण जंगल नष्ट होते हैं। 

(ii) इनके दीमक एवं आग लगाने का खतरा अधिक होता हैं 

(iii) इनकी यांत्रिकी सामर्थ्य कम होती हैं

(iv) इन खम्भों के लिए सुरक्षा गुणांक (Factor of safety) बहुत अधिक 3.5 रखना पड़ता है ।

(ii) स्टील के खम्भे (Steel Poles)

भारत में सामान्यतः 66kV वोल्टता तथा 100 मीटर पाट के लिए गैदानी क्षेत्रों में स्टील के पाट के लिए मैदानी क्षेत्रों में स्टील के खम्भों का उपयोग किया जाता हैं जंग से बचाने के लिए इनको गेल्वेनाइज्ड किया जाता है तत्पश्चात् इनके ऊपर पैंट किया जाता हैं इनका जीवन काल 40-50 वर्ष होता है। इन खम्भों की लम्बाई 9 मीटर से 14 मीटर तक होती है। इस्पात के खम्भे चार प्रकार के होते हैं। 

(a) नलिकादार इस्पात के खम्भे (Tubular Steel poles) 

(b) रेल खम्भे (Rail Poles)

(c) I-परिच्छेद इस्पात के खम्भे (I-Section Steel Poles) 

(d) जालक स्टील के खम्भे (Lattice Steel Poles)

 

(a) नलिकादार इस्पात के खम्भे- ये सामान्यत कम होती हुई तीन नलियों से मिलकर बने होते हैं।

इनकी लम्बाई 9 मीटर के करीब होती है। इन खम्भों का उपयोग सामान्यतः 11kV व वितरण लाइनों में किया जाता है। आजकल रोड लाइटिंग में तथा सड़कों पर डिवाडर पर भी इनका उपयोग किया जाता है। इनकी लागत तथा यांत्रिकी सामर्थ्य लकड़ी के खम्भों से अधिक होती है।

tubular steel poles

(b) रेल खम्भे (RailPoles)- यह खम्भे पुरानी रेल की पटरीयों के बने होते हैं जिनकी लम्बाई 11 से 13 मीटर तक होती है। इनका उपयोग 33kV तक किया जाता है। इनकों एकल अथवा ‘H’ प्रारूप दोनों में प्रयोग में किया जाता है। इनकी यांत्रिक सामर्थ्य नलीकादार स्टी खम्भों से अधिक होती है।

(c) I-परिच्छेद के खम्भे- ये खम्भे I आकार के परिच्छेद (Cross section) वाले इस्पात के बने होते हैं। इनका उपयोग 33kV तक किया जाता है तथा इनकी ऊंचाई 10 से 12 मीटर तक होती है। इनकी यांत्रिकी सामर्थ्य नलीकादार इस्पात खम्भे से अधिक होती है, परन्तु रेल खम्भे से कम होती है। ये स्टील खम्भे से सस्ते होते हैं क्योंकि प्रति मीटर लम्बाई का भार कम होता है

(d) जालक स्टील के खम्भे- इन खम्भों का निर्माण इस्पात की एंगिल तथा पत्ती से किया जाता है। इनका प्रयोग वहां किया जाता है जहां पर रेल खम्भे अथवा I परिच्छेद वाले की उपलब्धता अथवा ले जाना मंहगा पड़ता है। इनका एक लाभ यह भी यह कि इसे दो यो तीन टुकड़ों में बनाकर उसी स्थान ले जाकर फिट कर लिया जाता है। इनका उपयोग 66kV तथा 150 मीटर के पाट तक काम में लिया जाता है।

 

(iii) सीमेन्ट कंक्रीट के खम्भे

इन खम्भों का उपयोग ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कम वोल्टता (440 वोल्ट एवं 33kV) के लिए किया जाता है।

इनकी आयु एवं यांत्रिक सामर्थ्य अधिक होता है। ये खम्भे रेनफॉर्सड सीमेन्ट कंक्रीट के बने होते हैं। इनका आकार नीचे की 25 x 25 cm तथा ऊपरी हिस्से में 13cm x 12cm होता है। ये दो प्रकार के होते हैं एक ऊपर एवं नीचे से वर्गाकार होते हैं तथा दूसरे नीचे से आयताकार किन्तु ऊपर से वर्गाकार होते हैं। दिखने में सुन्दर रखरखाव रहित तथा कुचालक होते हैं। यह बहुत मजबूत एवं अधिक आयु वाले होते हैं। इनकी 80 मीटर से 200 मीटर पाट के लिये काम में लिए जाते हैं। ये ऐसे क्षेत्रों में विशेष लाभकारी होते हैं जहां जमीन में नमी अथवा पानी भरा रहता हैं, क्योंकि वहां लकड़ी में दीमक तथा इस्पात में जंग लगने का खतरा रहता है। ये खम्भे भारी होते हैं अतः इनका परिवहन महंगा होता है अतः कभी-कभी इनका निर्माण साइट पर भी किया जाता है। दाबयुक्त सीमेन्ट के खम्भे (Prestressed current poles) का उपयोग भी किया जाता है। PCC खम्भे RCC खम्भों की तुलना में हल्के होते हैं। इन खम्भों का उपयोग एकल एवं H प्रारूप में किया जाता है।

Types Of Line Support

 

2. इस्पात टावर (Steel Tower)

इनका प्रयोग 132kV य. इसे अधिक एवं 200 मीटर पाट (Span) से अधिक पाट वाली विद्युत लाइनों में किया जाता है। यह जालक खम्भों की तरह इस्पात की एंगिल एवं पत्तीयों के बने होते हैं। इनका आकार विशालकाय होता है अत: इनको परिवहन करने के स्थान पर खड़ा किया जाने वाले स्थान पर (Fabricate) किया जाता है। इनका आधार चार अलग-अलग पाद (Leg) पर होता हैं यद्यपि ये मंहगे होते हैं परन्तु इनकी लम्बाई व आयु अधिक (लगभग 100 वर्ष) होने के कारण ये प्रभावी रूप से सस्ते पड़ते हैं। इन टावरों की विश्वसनीयता भी काफी अधिक होती है। साथ ही इन्हें एक परिपथ (Single Circuit) तथा दो परिपथ (Double circuit) भी बनाया जा सकता है।

Types Of Line Support

संचरण लाइनें खेतों, तालाबों, नदियों, रल्वे तथा हाइवे आदि से होकर गुजरती है। अतः टावर की डिजाइन प्रत्येक केस में अलग-अलग हो सकती है तथा यह लाइन की ऊंचाई एवं पाट के ऊपर निर्भर करती है। संचरण लाइन सीधी न होकर मोड़ वाली हो सकती है जिससे लाइन में जगह-जगह कोण बनते हैं। इन मोड़ों के बीच का कोण 2°-15° छोटे मोड़ों के लिये 15020° मध्यम कोणों के लिये तथा 30°-60° का कोण बड़े मोड़ों के लिये होता है। सीधी लाइन में प्रयोग होने वाले टावर स्पर्शज्या टावर (Tangent Tower) भार में भारी होते हैं । टावरों की उनके बीच के कोण के आधार पर निम्भ श्रेणियों में बांटा जाता है।

आज आपने क्या सीखा :-

दोस्तों आज आपने सीखा कि लाइन सपोर्ट क्या है? – लाइन सपोर्ट कितने प्रकार का होता है लाइन सपोर्ट के प्रकार- Types Of Line Support in hindi, लाइन सपोर्ट क्या है, लाइन सपोर्ट क्या है, के बारे में भी आपने जाना तो अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ में इसे शेयर कर सकते हो और अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके बता सकते हो

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