एकल क्रिय प्रत्यागामी पम्प की कार्यप्रणाली, बनावट | Single acting Reciprocating Pump in Hindi

इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि एकल क्रिय प्रत्यागामी पम्प की कार्यप्रणाली, एकल क्रिय प्रत्यागामी पम्प की बनावट ,अपकेन्द्री पम्प व प्रत्यागामी पम्प के बीच अंतर, Single acting Reciprocating Pump in Hindi. इस आर्टिकल में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं

Single acting Reciprocating Pump in Hindi

जब भी pressure change के निरपेक्ष, constantflow की आवश्यकता होती है, प्रत्यागामी पम्प का प्रयोग किया जाता है। 150 bar अथवा इससे | अधिक के कार्यकारी दाब पर यह pump अत्यधिक उपयोगी है।

Construction of Reciprocating Pump-इसमें मुख्य भाग निम्नांकित हैं

(i) Suction Pipe- यह cylinder को जलाशय से मिलाता इसका एक सिरा cylinder से व दूसरा सिरा पानी में डूबा होता है। इसके नीचे एक flat valve तथा एक vessel लगा होता है। 

(ii) Cylinder- इस cylinder में एक piston आगे-पीछे घूमता जिससे पानी जलाशय से दाब द्वारा ऊपर चढ़ता है|

(iii) Delivery Pipe- इस pipe द्वारा cylinder से आने वाले पानी की डिलीवरी की जाती है।

(iv) Suction Valve- यह cylinder a suction pipe के बीच लगा होता है जो पानी को जलाशय से cylinder में प्रवेश करने देता है, परंतु cylinder से पानी को वापिस suction pipe में जाने से रोकता है।

(v) Delivery Valve- यह cylinder a delivery pipe के बीच लगा होता है। Cylinder से delivery pipe में पानी को जाने देता है, परंतु वापिस नहीं आने देता है।

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कार्यप्रणाली सिद्धान्त (Working Principle)

इस pump मुख्यतया एक piston होता है जो cylinder में आगे-पीछे घूमता है। Cylinder में suction व delivery pipe connect रहते हैं। इस pipe में valve लगे होते हैं जो suction valve a delivery valve के नाम से जाने जाते हैं। ये valve एक ही दिशा में खुलने वाले होते हैं। इस प्रकार suction हैं valve पानी को pump से cylinder में तथा delivery valve पानी को cylinder से delivery में जाने देता है। Pump का piston एक छड़ द्वारा crank से जुड़ा होता है। किसी prime mover engine या motor को समान गति से घुमाने पर cylinder में piston आगे-पीछे घूमता है। 

Suction Stroke- माना कि piston अपनी left चरम सीमा पर है। Crank को θ = 0° से 180° पर घुमाने पर piston अपनी बाईं चरम सीमा से दाईं चरम सीमा पर पहुंच जाता है अर्थात् piston बाहर की ओर आता है। इस क्रिया से cylinder में से air निकल जाती है। वहां आंशिक निर्वात् दाब उत्पन्न हो जाता है | Cylinder में vacuum उत्पन्न होने के कारण pump में वायुमण्डलीय दाब पानी को suction pipe में धकेलता है तो suction valve को खोलकर पानी cylinder में प्रवेश करता है। इस अवस्था में piston अपनी दाईं चरम सीमा से crank θ= 180° पर होता है व cylinder पानी से भरा होता है। इस अवस्था में suction valve बंद व delivery valve खुलने की सीमा पर होता है। थोड़ा दाब लगाने पर यह खुल जाता है। यह क्रिया suction stroke कहलाती है।

Delivery Stroke/Exhaust Stroke-जब crank θ= 180° से 360° पर घूमती है तो piston अपनी दाईं चरम सीमा से फिर बाईं चरम सीमा पर पहुंच जाता है व.cylinder के पानी पर दबाव डालता है। इस दाब के कारण पानी delivery valve खोलकर delivery pipe में चला जाता है तथा वांछित ऊंचाई तक चला जाता है। यह क्रिया delivery या exhaust stroke कहलाती है।

Working of Air Vessel-Delivery stroke के प्रथम half part में piston त्वरण के साथ चलता है जिससे delivery pipe में पानी औसत से अधिक वेग से चढ़ता है व extra पानी air vessel में चला जाता है और वायु के आयतन को कम करने के लिए उस पर दबाव डालता है। Delivery stroke के last half part में piston मंदन के साथ चलता है जिससे पानी में delivery pipe में औसत से कम वेग के साथ चढ़ता है। Air vessel में इकट्ठा पानी delivery pipe में uniformly flow होता है।

इसी प्रकार suction pipe के प्रथम half suction stroke में पानी suction pipe में लगे air vessel में चला जाता है तथा अंतिम half stroke में air vessel से cylinder में चला जाता है।

 

अपकेन्द्री पम्प व प्रत्यागामी पम्प के बीच अंतर

अपकेन्द्री पम्प (Centrifugal Pump)

  1. इसकी दक्षता ऊंचे शीर्ष पर कम व कम शीर्ष पर अधिक होती है।
  2. वह गंदे पानी के लिए भी उपयुक्त है।
  3. इसका आकार छोटा होने के कारण स्थान कम घेरता है।
  4. इसमें अंसअम नहीं होते हैं।
  5. इसमें Priming जरूरी है।
  6. इसमें टूट-फूट कम होती है।
  7. इनका रख-रखाव आसान है
  8. इसमें चलाने की लागत कम है।

प्रत्यागामी पम्प  (Reciprocating Pump)

  1. इसकी दक्षता ऊंचे शीर्ष पर अधिक व कम शीर्ष पर कम होती है। 
  2. यह केवल साफ पानी के लिए उपयुक्त है। 
  3. इसका आकार बड़ा होने के कारण यह स्थान अधिक घेरता है। 
  4. इसमें अंसअम होते हैं।
  5. इसमें Priming जरूरी नहीं है।
  6. इसमें टूट-फूट ज्यादा होती है।
  7. इसमें रख-रखाव आसान नहीं है।
  8. इसमें चलाने की लागत अधिक है।

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आज आपने क्या सीखा :-

दोस्तों आज आपने सीखा कि एकल क्रिय प्रत्यागामी पम्प की कार्यप्रणाली, एकल क्रिय प्रत्यागामी पम्प की बनावट ,Working of Single Action Reciprocating Pump, Single acting Reciprocating Pump in Hindi,अपकेन्द्री पम्प व प्रत्यागामी पम्प के बीच अंतर, Differentiation between Centrifugal Pump and Reciprocating Pump,Construction of single action reciprocating pump.  के बारे में भी आपने जाना तो अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ में इसे शेयर कर सकते हो और अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके बता सकते हो

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