दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सीसा अम्ल बैटरी क्या है (Lead- Acid Battery in hindi), सीसा अम्ल बैटरी की बनावट (construction of lead acid battery in hindi), सीसा अम्ल बैटरी की कार्यप्रणाली (working of lead acid battery in hindi) के बारे में. इस आर्टिकल में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |
सीसा अम्ल बैटरी क्या/किसे कहते है (Lead- Acid Battery in hindi)
बैटरी साधारणतया एक ही प्रकृति के कई सैलों का संयोजन होती है। लैड एसिड बैटरी की बनावट तथा गठबंधन ( assembly) निम्न प्रकार है-
सीसा अम्ल बैटरी की बनावट ( Construction)
द्वितीयक सैल में कई धन प्लेटें तथा ऋण प्लेटें होती हैं। सभी धन प्लेटों को बैटरी के एक ही टर्मिनल पर सोल्डर किया जाता है जिसे बैटरी का धन (+) टर्मिनल कहा जाता है। ऋण (-) प्लेटों को अन्य टर्मिनल पर जोड़ा जाता है जिसे बैटरी का ऋण (-) टर्मिनल कहा जाता है। प्रत्येक धन प्लेट को दो ऋण (-) प्लेटों से sandwich कर दिया जाता है। इस प्रकार बैटरी के अंत में ऋण प्लेट होती है।
धन तथा ऋण प्लेटों के मध्य लघु परिपथ (short circuit) से बचाने के लिए प्लेटों के बीच झिरीदार लकड़ी, रबड़, PVC या अन्य विद्युतरोधी (insulating) पदार्थ की पतली चद्दरों के पृथक्कारी (separator) रखे जाते हैं। यह लघु परिपथ सक्रिय पदार्थ के धन प्लेट से बैटरी के तल में गिरने से होता है। द्रव्य का सभी जगह पहुंचने के लिए पृथक्कारी समुचित रूप से सान्द्र (porous) होना चाहिए ।
जैसा कि हम जानते हैं कि सैल के दो टर्मिनल धन (+) तथा ऋण (-) होते हैं। सैल या बैटरी के टर्मिनल प्रायः सीसे (lead) के बनाए जाते हैं ताकि विद्युत विश्लेश्य गंधक का तेजाब (sulphuric acid) से जंग नहीं लग पाए। सैल को अधिक धारा और उनका प्रतिरोध कम रखने के लिए टर्मिनल मोटे बनाए जाते हैं। वे पदार्थ जो पुनः संयोजित होकर विद्युत ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा के रूप में संचित करते हैं, सक्रिय पदार्थ (active material) कहलाते हैं।
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सीसा अम्ल बैटरी की कार्यप्रणाली (Working)
लैड एसिड बैटरी की कार्यप्रणाली को उसके आवेशन तथा निरावेशन द्वारा समझा जा सकता है।
सीसा अम्ल बैटरी का निरावेशन (Discharage)
जब सीसा अम्ल सैल पूर्ण रूप से आवेशित होता है उस समय धन (+) प्लेट या एनोड सीसा (lead oxide) गहरे भूरे रंग की होती है व ऋण प्लेट या कैथोड शुद्ध सीसे (lead) की हल्के स्लेटी रंग की होती है। जब बैटरी पर भार (load) लगाया जाता है तब रासायनिक ऊर्जा वैद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होकर भार को विद्युत ऊर्जा प्रदाय करती है। अतः विसर्जन के समय रासायनिक वैद्युत ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। जब सैल का विसर्जन आरम्भ होता है उस समय बैटरी बाह्य परिपथ को धारा देती है|
गंधक का अम्ल (H2SO4 ), हाइड्रोजन (2H+) तथा सल्फेट (SO₄²- ) के आयनों में बंट जाता है। धारा ऋण (-) प्लेट से धन (+) प्लेट की ओर प्रवाहित – होने लगती है।
हाइड्रोजन आयन धन (+) प्लेट की ओर तथा सल्फेट आयन ऋण प्लेट की ओर जाने लगते हैं धन प्लेट पर हाइड्रोजन, PbO2, एवं ऑक्सीजन संयोग कर लेड सल्फेट (PbSO4) बना देता है। रासायनिक क्रिया निम्न प्रकार होती है
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सीसा अम्ल बैटरी का आवेशन (Charging)
एक विसर्जित बैटरी को आवेशित करने के लिए दिष्ट धारा (DC) वोल्टता का मान बैटरी वोल्टता से थोड़ा अधिक होता है। आवेशन करते समय चार्जर के धन टर्मिनल को बैटरी के धन टर्मिनल तथा ऋण (-) टर्मिनल को बैटरी के ऋण () टर्मिनल से जोड़ा जाता है।
सैल के अंदर धारा धन (+) प्लेट से ऋण (-) प्लेट की ओर प्रवाहित होती है तथा अपघट्य में गंधक अम्ल (H2SO4) को सल्फेट आयन तथा हाइड्रोजन आयन (2H-) में बांट देता है। सल्फेट आयन एनोड की ओर तथा हाइड्रोजन आयन कैथोड की ओर अग्रसर होते हैं जो सल्फेट आयन के साथ क्रिया कर क्रमशः लैड परॉक्साइड तथा शुद्ध सीसा बनाते हैं। इसमें निम्न रासायनिक क्रिया होती है।
यह भी पदे-
आज आपने क्या सीखा :-
अब आप जान गए होंगे कि सीसा अम्ल बैटरी क्या है (Lead- Acid Battery in hindi), सीसा अम्ल बैटरी की बनावट (construction of lead acid battery in hindi), सीसा अम्ल बैटरी की कार्यप्रणाली (working of lead acid battery in hindi), सीसा अम्ल बैटरी का आवेशन (Lead Acid Battery Charging in hindi) Lead Acid Battery Discharge hindi, सीसा अम्ल बैटरी का निरावेशन. इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|
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