ओम का नियम क्या है? | Ohm’s Law in Hindi, om ka niyam

इस लेख में हम भौतिक के अध्याय में ओम के नियम (Ohm’s Law in Hindi) के बारे में पढ़ेंगे। यह नियम बहुत महत्वपूर्ण है। ओम का नियम क्या है ( om ka niyam) प्रश्न कक्षा 10 और कक्षा 12 और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं।

आज मैं आपको 10वीं और 12वीं बोर्ड भौतिकी के महत्वपूर्ण ओम के नियम के बारे में पूरी जानकारी दूंगा। इस पोस्ट को पढ़कर आप ओम के नियम को आसानी से समझ जाएंगे और इसका उपयोग जान पाएंगे।(

ओम का नियम क्या है? ( What is ohm law in hindi)

1827 में जर्मन भौतिकविज्ञानी जार्ज साईमन ओम ने, किसी धातु के तार में प्रवाहित विद्युत धारा I तथा उसके सिरों के बीच विभवांतर में परस्पर संबंध का पता लगाया। एक विद्युत परिपथ में धातु के तार के दो सिरों के बीच विभवान्तर उसमें प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा के समानुपाती होता है, इसे ओम का नियम कहते हैं।

om ka niyam

ओम के नियम की परिभाषा

ओम का नियम (om ka niyam)- किसी बन्द डी.सी. वैद्युतिक सर्किट में किसी चालक के सिरों पर पैदा होने वाला वोल्टेज उसमें से बहने वाली धारा के समानुपाती होता है। इसे ओम का नियम कहते हैं।

V∝ I

   V=RI

ओम का नियम केवल डीसी परिपथ में लागू होता है, AC Circuit में नहीं |

अर्थात्

ओम के नियम के अनुसार, यदि किसी चालक की भौतिक स्थिति (लंबाई, मोटाई, तापमान आदि) में परिवर्तन नहीं किया जाता है, तो चालक के आर-पार विभवांतर उस चालक से प्रवाहित धारा के समानुपाती होता है।

ओम का नियम संभावित या वोल्टेज, करंट और प्रतिरोध के बीच संबंध का वर्णन करता है।

ओम का नियम का सूत्र

 V=IR 

ओम के नियम का मूल अर्थ यही है इसी सूत्र से आप नियम की परिभाषा बना सकते हैं

यहां

V= वोल्टेज

I = करंट

R= सर्किट का रैजिस्टैंस

सरल भाषा

ओम का सिद्धान्त (om ka niyam) बताता है कि बंद सर्किट में करंट वोल्टेज के सीधे अनुपात में होती है तथा रैजिस्टेंस के उल्टे अनुपात में होती है जबकि इसकी भौतिक अवस्थायें एक सी हों, जैसे तापक्रम आदि, तो Iαv, lαl/R, या R= V/I या V=IR या

 I = V/R 

मान लो एक सर्किट का रैजिस्टेंस 10 ओम है और वोल्टेज 200 वोल्ट है तो हम इसकी करंट निकाल सकते हैं।

 I =V/R 

I =200/10=20 एम्पियर 

अब यदि ऊपर लिखे सर्किट में करंट और वोल्टेज दी हो तो रैजिस्टेंस आसानी से निकल सकता है 

R = V/I ओम 

 R= 200/20 = 10 ohm 

फिर यदि सर्किट में करंट और रैजिस्टेंस दिये हों तो वोल्टेज आसानी से निकल सकती है। 

V =I.R. V=20 x 10 = 200 वोल्ट

 

ओम के नियम की सीमाएं (Limitations Ohm’s Law In Hindi)

ओम का नियम पदार्थों के विस्तृत वर्ग के लिए मान्य है, विद्युत परिपथों में उपयोग होने वाले कुछ ऐसे पदार्थ एवं युक्तियाँ विद्यमान हैं जहाँ V तथा I की आनुपातिकता लागू नहीं होती है। मोटे तौर पर, यह विचलन निम्नलिखित एक या अधिक प्रकार का हो सकता है-

(a) V की Iसे आनुपातिकता समाप्त हो जाती है

 (b) V तथा / के मध्य संबंध V के चिह्न पर निर्भर करता है। दूसरे शब्दों में, यदि कुछ के लिए धारा । है, तो v का परिमाण स्थिर रख कर इसकी दिशा बदलने पर, विपरीत दिशा में | के समान परिमाण की धारा उत्पन्न नहीं होती है। उदाहरण के लिए, डायोड में ऐसा होता है। 

(c) V तथा / के मध्य संबंध एकमात्र संबंध नहीं है अर्थात उसी धारा I के लिए V के एक से अधिक मान हो सकते हैं। पदार्थ तथा युक्तियाँ जो समीकरण के रूप में ओम के नियम का पालन नहीं करती हैं, यथार्थ में, इलेक्ट्रॉनिक परिपथ में व्यापक रूप से उपयोग की जाती हैं। तथापि इस अध्याय तथा परवर्ती अध्याय में, हम उस पदार्थ में विद्युत धारा का अध्ययन करेंगे जो ओम के नियम का पालन करते हैं।

ओम के नियम का सत्यापन

यह सिद्धांत om ka niyam दर्शाता है कि किसी चालक का प्रतिरोध स्थिर रहता है। यानी अगर वोल्टेज को दोगुना कर दिया जाए तो कंडक्टर में करंट भी दोगुना हो जाएगा। लेकिन विरोध वही रहेगा।

ध्यान रखें कि ये सभी चीजें तब तक मान्य हैं जब तक कंडक्टर का तापमान स्थिर रहता है। यदि तापमान बढ़ता है, तो प्रतिरोध भी बढ़ेगा।

ओम के नियम के उपयोग  (Uses of ohm’s law in hindi)

यह सिद्धांत सरल परिपथों को हल करने में अत्यंत उपयोगी है। पूरा सर्किट एक ऐसा होता जो एक बंद लूप बनाता है। यदि सर्किट में एक वोल्टेज स्रोत है और एक घटक है जो वर्तमान की खपत करता है, तो उस लूप में सभी वोल्टेज का कुल शून्य (0) होगा।

यह भी पदे-

Examples of ohm’s law in hindi

ओह्म के नियम का उदाहरण
Q. एक DC मोटर जिसे 12 वोल्ट की आपूर्ति मिल रही है, उसका कुल प्रतिरोध 6 ओम है, तो परिपथ में प्रवाहित धारा का मान क्या होगा?

Ans.

वोल्टेज = 12

प्रतिरोध = 6

तब, ओह्म के नियमानुसार

V = IR

12 = 6×I

I = 12/6

I (धारा) = 2 एम्पियर

Q. एक चालक तार का प्रतिरोध ज्ञात करों यदि उसमें 0.5 ऐम्पीयर की धारा प्रवाहित करने पर उसके सिरों पर 2 वोल्ट का विभवान्तर उत्पन्न होता हैं।

Ans.


धारा (I) = 0.5 ऐम्पीयर
विभवान्तर (V) = 2 वोल्ट
प्रतिरोध (R) = ?

R = V/I
R = 2/0.5 = 4 Ω

Q. किसी विद्युत बल्ब में 0.5 ऐम्पीयर धारा प्रवाहित करने पर 220 वोल्ट विभवान्तर उत्पन्न होता है तो प्रतिरोध का मान ज्ञात कीजिए।

Ans.

धारा (I) = 0.5 ऐम्पीयर
विभवान्तर (V) = 220 वोल्ट
प्रतिरोध (R) = ?

R = V/I
R = 220/0.5 = 440 Ω

Q. यदि किसी विद्युत बल्ब के तंतु का प्रतिरोध 1200 Ω है तो यह बल्ब 220V स्त्रोत से कितनी धारा लेगा?
यदि किसी विद्युत हीटर की कुडंली का प्रतिरोध 100 Ω है तो यह विद्युत हीटर 200V स्त्रोत कितनी धारा लेगा?

Ans.


V = 220 वोल्ट
R = 1200 Ω
Y(B) V = 220V
R = 100 Ω

I = V/R
I = 220/100 = 2.2 A

ओम के नियम से संबंधित प्रश्न

ओम का नियम क्या है?

  • जब चालक के सिरों पर विभवान्तर 1 वोल्ट हो तथा चालक में प्रवाहित धारा 1 ऐम्पियर हो, तो चालक का प्रतिरोध 1 ओम होगा।

क्या अर्धचालक ओम के नियम का पालन करते हैं?

  • अर्धचालकों में ओम के नियम का पालन नहीं किया जाता है।

ओम की इकाई क्या है?

  • प्रतिरोध

ओम का नियम किस वैज्ञानिक द्वारा प्रतिपादित किया गया था?

  • 1826 में, जर्मन वैज्ञानिक डॉ. जॉर्ज साइमन ओहमी ने

Conclusion

हमे आशा है ओम का नियम क्या है ( om ka niyam, What is ohm’s law in hindi) ओम के नियम की परिभाषा, ओम का नियम का सूत्र,ओम के नियम के उपयोग , समझ आ गया होगा. इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|

उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो

3 Comments

  1. Gopal Kumar

    Hi sir please provide notes

  2. Gopal Kumar

    Hi sir please send me notes

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