DOL स्टार्टर का योजना तथा वायरिंग आरेख – Wiring Diagram of a DOL Starter

हेलो दोस्तों, आज में आपको बताने वाला हूं कि DOL स्टार्टर का योजना तथा वायरिंग आरेख – Schematic and Wiring Diagram of a DOL Starter in hindi :अगर आप भी है जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिए

DOL स्टार्टर का योजना तथा वायरिंग आरेख – Schematic and Wiring Diagram of a DOL Starter

किसी भी विद्युत परिपथ के लिए दो प्रकार के स्कीमेटिक तथा वायरिंग आरेख खींचे जाते हैं। मोटर के कन्ट्रोल के लिए कॉन्टेक्टर कन्ट्रोल परिपथ उपयोग में लिया जाता है जो कि निम्न हैं

त्रिकलीय प्रेरण मोटर को start करने के लिए स्टार्टर की आवश्यकता होती है। कम क्षमता की मोटरों को सप्लाई वोल्टेज सीधे ही दी जा सकती है। मोटर को चालू करने, बन्द करने, ओवरलोड होने पर स्वतः बन्द होने, सप्लाई बन्द हो जाने के बाद मोटर पुनः स्वतः स्टार्ट न हो, सुरक्षात्मक तरीके से मोटर को चलाने आदि के लिए स्टार्टर की आवश्यकता होती है। इस प्रकार के स्टार्टर में मोटर को सप्लाई सीधे ही कॉन्टेक्टर के द्वारा दे दी जाती है। इस स्टार्टर में मोटर को फुल लाइन वोल्टेज मिलता है तथा मोटर की स्टार्टिंग धारा पर कोई नियन्त्रण नहीं होता है। इस स्टार्टर केवल अतिभार एवं शॉर्ट सर्किट सुरक्षा ही काम में ली जाती है। विकलीय मोटर के लिए D.O.L. स्टार्टर के कन्ट्रोल परिपथ के स्कीमेटिक आरेख तथा सम्पूर्ण वायरिंग आरेख को चित्र में दिखाया गया है।

 Wiring Diagram of a DOL Starter

मोटर को 3 फेज सप्लाई, मुख्य स्विच, कॉन्टेक्टर तथा एक थर्मल अतिभार रिले का संयोजन स्कीमेटिक आरेख के द्वारा बताया गया है। मोटर को चलाने हेतु जैसे ही ON पुश बटन दबाया जाता है तो कन्ट्रोल सप्लाई, कन्ट्रोल फ्यूज से आगे बढ़ती हुई OLR (Over Load Relay) के कॉन्टेक्ट से होती हुई रिले की क्वॉयल A को मिलती है। सप्लाई मिलते ही कॉन्टेक्टर पिक-अप (Pick-up) हो जाता है जिससे कॉन्टेक्टर के मेन कॉन्टेक्ट्स क्लोज हो जाते हैं और 3 फेज सप्लाई मोटर को मिल जाती है जिससे मोटर स्टार्ट हो जाती है।

जब कॉन्टेक्टर पिक-अप होता है तो इसके ऑक्जीलरी कॉन्टेक्ट्स भी अपनी स्थिति बदलते हैं जैसे- जो कॉन्टेक्ट NO (Normally Open) है वह क्लोज और जो NC (Normally Close) है वह ओपन हो जाता है। यहां केवल एक ही ऑक्जीलरी कॉन्टेक्ट c काम में लिया गया है। चित्र (a) से स्पष्ट है कि यह ON पुश बटन के समानान्तर लगाया गया है। अतः जब ON पुश बटन को दबाकर छोड़ दिया जाता है तब भी ऑक्जीलरी कॉन्टेक्ट c के द्वारा विद्युत सप्लाई कॉन्टेक्टर की क्वॉयल A को मिलती रहती है और मेन कॉन्टेक्टर पिक-अप स्थिति में ही रहता है। इस कारण मोटर चलती रहती है। जब मोटर बन्द करनी होती है तो OFF पुश बटन दबाया जाता है जिससे कॉन्टेक्टर क्वॉयल A की सप्लाई ब्रेक (break) हो जाती है फलस्वरूप यह ड्रॉप हो जाता है और कॉन्टेक्टर ओपन हो जाते हैं जिससे मोटर को सप्लाई मिलना बंद हो जाती है और मोटर बन्द हो जाती है। पावर कॉन्टेक्ट्स के साथ ही ऑक्जीलरी कॉन्टेक्ट c भी ओपन हो जाता है जिससे तभी चलती है जब ON पुश बटन दबाया अब मोटर पुनः जाए। 

इस परिपथ में दो protection काम में लिए गए हैं। पहला शॉर्ट सर्किट (short circuit) दूसरा अतिभार (overload)। यदि किसी कारण मोटर या केबल में कोई शॉर्ट सर्किट होता है तो पावर सर्किट में लगे फ्यूज जल जाएंगे एवं मोटर ऑफ हो जाएगी। इसी प्रकार यदि मोटर में अतिभार होता है तो पूर्व में सेट किए गए करन्ट से मान बढ़ते ही अतिभार रिले का कॉन्टेक्ट ओपन हो जाता है और कॉन्टेक्टर की क्वॉयल A की सप्लाई ब्रेक हो जाती है जिससे कॉन्टेक्टर ड्रॉप हो जाता है तथा मोटर ऑफ हो जाती है तथा मोटर अतिभार पर जलने से बच जाती है। मोटर को पुनः चलाने के लिए ठंडी होने के पश्चात् तापीय अतिभार रिले (Thermal overload relay) को रिसेट (reset) किया जाता है। रिसेट करने से रिले का कॉन्टेक्ट पुनः अपनी पूर्व स्थिति में अर्थात् कॉन्टेक्टर क्वॉयल A के सीरीज (series) में आ जाता है। इससे जब भी ON पुश बटन दबाया जाता है तो कॉन्टेक्टर क्वॉयल A को सप्लाई मिल जाती है। थर्मल अतिभार रिले को रिसेट करने से पूर्व यह जांच करना जरूरी है कि जिस कारण से मोटर ओवर लॉड हुई थी उसका निवारण कर दिया गया है या नहीं।

अब आप जान गए होंगे कि DOL स्टार्टर का योजना तथा वायरिंग आरेख – Schematic and Wiring Diagram of a DOL Starter in hindi.

2 thoughts on “DOL स्टार्टर का योजना तथा वायरिंग आरेख – Wiring Diagram of a DOL Starter”

  1. बहुत बड़ीहा ऐसे ही भेजा करो स्टार कनेक्शन का डायग्राम भेज दीजिए और इलेक्ट्रिक चैन होस्ट का डायग्राम भेज दीजिए

  2. एयर कंप्रेसर मशीन, एंड थ्री फेस कनेक्शन का इंडक्शन मोटर एंड ग्लैंडर मशीन का डायग्राम भेज दीजिए

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