फ्रांसिस टरबाइन- प्रकार, भाग, कार्यप्रणाली | Francis Turbine in Hindi

इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि फ्रांसिस टरबाइन- प्रकार, भाग, कार्यप्रणाली ,Francis Turbine in Hindi, फ्रांसिस टरबाइन के मुख्य भाग,Main Parts of Francis Turbine in hindi, फ्रांसिस टरबाइन की कार्यप्रणाली, Working Francis Turbine in hindi. इस आर्टिकल में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं

फ्रांसिस टरबाइन (Francis Turbine in Hindi)-यह मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं

1.बंद फ्रांसिस टरबाइन 

     
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2.खुली अवनलिका फ्रांसिस टरबाइन 

1.बंद फ्रांसिस टरबाइन (Closed Francis Turbine)- इस turbine में पानी पाट नली से होता हुआ turbine की परिधि के चारों ओर बने खोल में प्रवेश करता है। इस खोल का क्षेत्रफल प्रवेश पर अधिकतम व अंत में न्यूनतम रखा जाता है जिससे पानी समान रूप से वितरित हो और भंवर धारा उत्पन्न न होने पाए। पानी इसके बाद विसर्जन में चला जाता है। 

2.खुली फ्रांसिस टरबाइन (Open Francis Turbine)- इसमें सर्पिल खोल की जगह एक कंक्रीट अक्ष होती है। 

 

फ्रांसिस टरबाइन के मुख्य भाग (Main Parts of Francis Turbine) 

(i) सर्पिल आवरण (Spiral Shell)- गाइड वलयों को समान रूप से वितरण करने के लिए आवरण इस प्रकार बनाया जाता है कि शुरूआत में क्षेत्रफल अधिकतम व अंत में न्यूनतम हो।

(ii) गाइड वेन यंत्रावली (Guid Bane Mechanism)- गाइड वेन को विकेट द्वार भी कहा जाता है। ये दो वलयों के बीच में एक चक्र में स्थायी रूप से बंधी रहती हैं। इन गाइड वेन का परिच्छेद ऐसा होता है कि पानी बिना भवर धारा उत्पन्न किए गुजरता है। प्रत्येक गाइड वेन एक कीलक के सापेक्ष घूम सकती है जो लीवर के द्वारा जोड़ा जाता है।

(iii) रनर व टरबाइन की मुख्य शॉफ्ट (Runner and Main Shaft of Turbine) – फ्रांसिस टरबाइन का रनर विशिष्ट चाल के अनुसार धीमा, मध्यम या तेज हो सकता है। छोटे संयंत्रों में रनर ढलवां लोहे का बनाया जाता है।

(iv) ड्राफ्ट ट्यूब (Draft Tube)- टरबाइन के निकास पर पानी का दाब बहुत कम होता है तथा वहां पानी की गतिज ऊर्जा ज्यादा होती है। अतः पानी के निकास के लिए एक शुण्डाकार नली लगाई जाती है, जिससे दाब ऊर्जा पुनः प्राप्त की जा सकती है। 

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फ्रांसिस टरबाइन की कार्यप्रणाली (Working)

उच्च दाब वाला पानी पाट नल द्वारा टरबाइन की वायुरोधी खोल तक लाया जाता है। यह खोल पानी को गाइड वेन की तरह निर्देशित करता है। इसके बाद पानी रनर वेनों पर गिरता है।

फ्रांसिस टरबाइन

प्रवेश के समय पानी में दाब व गतिज ऊर्जाएं होती हैं जिसमें दाब ऊर्जा ज्यादा व गतिज ऊर्जा कम होती है। जब पानी गाइड वेनों के मध्य गिरता है तो क्षेत्रफल के कम होने के कारण दाब ऊर्जा, गतिज ऊर्जा में परवर्तित होती है और अंत में ज्यादा वेग व कम दाब पर पानी ड्राफ्ट ट्यूब में प्रवेश करता है जिससे दाब ऊर्जा पुनः बढ़ जाती है। पूरी टरबाइन में दाब अंतर व सापेक्ष में परिवर्तित के कारण रनर की गति होती है और जनरेटर generator  के द्वारा विद्युत का उत्पादन होता है।

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आज आपने क्या सीखा :-

दोस्तों आज आपने सीखा कि फ्रांसिस टरबाइन- प्रकार, भाग, कार्यप्रणाली ,Francis Turbine in Hindi, फ्रांसिस टरबाइन के मुख्य भाग,Main Parts of Francis Turbine in hindi, फ्रांसिस टरबाइन की कार्यप्रणाली, Working Francis Turbine in hindi.  के बारे में भी आपने जाना तो अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ में इसे शेयर कर सकते हो और अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके बता सकते हो

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