विधुत शक्ति की लागत को प्रभावित करने वाले 10 कारक

आज के इस पोस्ट में हम आपको विद्युत की लागत को प्रवाहित करने वाले बहुत सारे कारक के बारे में बताने वाले हैं जिनकी वजह से अक्सर एक विद्युत प्लांट की लागत घटती बढ़ती रहती है इन सभी कारकों पर ही विद्युत जनन की लागत प्रभावित होती है  इन सभी कारक के घटने-बढ़ने से विद्युत जनन की लागत भी घटती बढ़ती रहती है|

विधुत शक्ति की लागत को प्रभावित करने वाले 10 कारक – Factors That Affect the Cost of Electric: अगर आप भी यह जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिए

विधुत शक्ति संयंत्र की कुल लागत निम्न कारको पर निर्भर करती है-

(i) प्लांट की स्थिति (Location of the Plant)- विद्युत शक्ति संयंत्र की कुल लागत प्लांट की स्थिति पर निर्भर करती है। तापीय शक्ति तंत्र की स्थिति कोयले की खानों के निकट होनी चाहिए ताकि कोयला कम लागत पर उपलब्ध करवाया जा सके। इसी प्रकार जल विद्युत शक्ति संयंत्र को वहां स्थापित करना चाहिए जहां पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध हो। जैसेबड़ी-बड़ी नदियों के पास। तथा नाभिकीय शक्ति संयंत्र को वहां स्थापित करना चाहिए जहां पर जल विद्युत शक्ति संयंत्र तथा तापीय शक्ति संयंत्र उपस्थित न हो।

(ii) निर्माण कार्य में लगा समय (Time of Construction)- शक्ति संयत्र के निर्माण कार्य में कम समय लगना चाहिए तथा दक्षतापूर्ण काम होना चाहिए। निर्माण कार्य में समय ज्यादा लगने से लागत पर प्रभाव पड़ता है ।

(iii ) भार केन्द्र से दूरी (Distance from Load Centre)- विद्युत जनरेटिंग स्टेशन को भार केन्द्र के निकट स्थित होना चाहिए, ताकि इलेक्ट्रिक पावर ट्रांसमिशन में कॉपर हानियों के कारण होने वाला व्यय कम हो। डी.सी. ट्रांसमिशन सिस्टम में यह कारक अधिक महत्त्व रखता है क्योंकि डी.सी. ट्रांसमिशन की स्थिति में जनरेटिंग वोल्टेज 33kV तक सीमित है. इस कारण समान पावर ट्रांसमिशन हेतु लाइन धारा के बढ़ने पर IL.R में भी वृद्धि होती है।

(iv) इकाइयों का आकार (Size of Units)- शक्ति संयंत्र की इकाइयों का आकार सामान्य होना चाहिए। जनरेटिंग शक्ति के अनुसार प्रति इकाई जनरेशन ही लागत का निर्धारण करता है।

(v) साधारण डिजाइन (Simple Design)- पावर प्लांट का डिजाइन साधारण होना चाहिए। इसके लिए प्लांट का ले-आउट ऐसा होना चाहिए कि प्लांट में लगे उपकरणों का अनुरक्षण व मरम्मत कम से कम समय में हो सके। साथ ही प्लांट की संरचना सुगठित, सुनियोजित व समुचित होनी चाहिए ताकि कम से कम स्थान में प्लांट को स्थापित किया जा सके ।

पावर स्टेशन पर उपयोग में लिए जाने वाले उपकरण टिकाऊ व अधिक दक्ष होने चाहिए ताकि इनकी रनिंग एवं अनुरक्षण लागत कम हो त इन्हें आसानी से बदला जा सके।

(vi) संस्थान (Organization)- प्लांट की संरचना के लिए रेटिड प्रबंधन कमेटी में वेतन वाले कर्मचारियों की संख्या सीमित होनी चाहिए ताकि व्यर्थ के ओवर चार्ज से बचा जा सके।

(vii) उच्च दक्षता वाले उपकरणों का उपयोग (Use of High Efficient Equipment)- प्लांट में उपयोग में लिए जाने वाले उपकरणों की दक्षता (efficiency) उच्च होनी चाहिए ताकि उपकरणों के खराब होने पर बार-बार होने वाले अनुरक्षण व्यय से बचा जा सके।

(viii) प्लांट का उप-विभाजन (Sub-division of Plant)- प्लांट में उपयोग में लिए जाने वाले उपकरण एवं औजार अलग-अलग सब-स्टेशनों में विभाजित होने चाहिए ताकि आपातकालीन स्थिति या अनुरक्षण के समय पूर्णतया शट-डाऊन से बचा जा सके। जैसे- सिंगल भाप टरबाइन प्रति जनरेटर सैट या सिंगल वाटर टरबाइन प्रति जनरेटर सैट आदि।

(ix) लेबर को कम करने वाले उपकरण (Labour Saving Equipments)- प्लांट में लगे उपकरणों और यंत्रों की हैण्ड ऑपरेशन के साथ-साथ आवश्यकतानुसार सेल्फ ऑपरेशन भी होना चाहिए ताकि उपकरणों के ऑपरेशन के लिए लेबर की संख्या को कम करके बचत की जा सके।

(x) भविष्य विस्तार (Future Extension)- सम्पूर्ण प्लांट का वर्तमान में डिजाइन करते समय उसके अन्तर्गत भविष्य में विस्तार (extension) होना चाहिए ताकि निम्न लागत पर भार के अनुसार प्लांट की क्षमता में वृद्धि की जा सके क्योंकि एक नये प्लांट के निर्माण में अधिक लागत आती है।

आज इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि विधुत शक्ति की लागत को प्रभावित करने वाले कारक – Factors That Affect the Cost of Electric, what is the effect of power factor on the cost of generation, what are the factors that affect the cost of electricity, factors influence the cost of generation of electric power, factors that affect the cost of electric, factors that affect the cost of electric motor.

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