परिपथ वियोजकों में आर्क की घटना | Arc Phenomenon in circuit breakers in hindi

क्या आप परिपथ वियोजकों में आर्क की घटना | Arc Phenomenon in circuit breakers in hindi के बारे में जानना चाहते है? यदि हां तो मै इस पोस्ट में परिपथ वियोजकों में आर्क की घटना के बारे में विस्तृत जानकरी शेयर कर रहा हूँ.

परिपथ वियोजकों में आर्क की घटना (Arc Phenomenon in circuit breakers in hindi)

ऊर्जा प्रणाली में कहीं लघु परिपथ होने पर संबंधित परिपथ वियोजक के कॉन्टेक्ट्स खुलने से पहले उनसे होकर भारी मात्रा में धारा बहती है। कॉन्टेक्ट्स के अलग होने के क्षण पर कॉन्टेक्ट क्षेत्र तेजी से कम होता है तथा बढ़ती हुई धारा से धारा का घनत्व (current density) बढ़ता जाता है। इससे तापक्रम में बढ़ोत्तरी होती है। तापक्रम के बढ़ने पर उपस्थित हवा या गैस अणु सभी दिशाओं में तेजी से गति करने लगते हैं तथा इस दौरान वह रास्ते में आने वाले कणों से टकराते हैं। तापमान 3000K तक बढ़ने पर अणु सरल अणुओं तथा परमाणुओं में तब्दील हो जाते हैं। तापक्रम और बढ़ने पर इलेक्ट्रॉन्स को परमाणुओं से बांधने वाला बल प्रभावित हो जाता है तथा इलेक्ट्रॉन बाहर निकल जाते हैं व परमाणु आवेशित हो जाते हैं। ये इलेक्ट्रॉन एक उदासीन परमाणु से जुड़ जाते हैं या मुक्त घूमते रहते हैं। इस तरह माध्यम आयनीकृत हो जाता है।

तापक्रम के और बढ़ने पर आयनीकरण बढ़ जाता है तथा प्लाज्मा (Plasma) की स्थिति प्राप्त होती है। प्लाज्मा में आवेशित कण होते हैं। यह. विद्युत धारा के लिए एक चालक का काम करता है। इस तरह परिपथ वियोजक के खुलने पर आर्क स्थापित होती है। परिपथ वियोजक के कान्टेक्ट्स के बीच विभव (Potential) का मान काफी कम होता है। यह केवल उतना ही होता है, जितना की आर्क को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है।

परिपथ वियोजक में आर्क बनने के लिए आवश्यक आयनीकरण निम्न कारणों से उत्पन्न होता है।

(i) थर्मल आयनीकरण-तापक्रम के बढ़ने से होता है।

(ii) टक्कर के कारण आयनीकरण- उच्च गति वाले कण (इलेक्ट्रॉन आयन या अणु) दूसरे कण को टक्कर मारते हैं तथा परमाणुओं में से इलेक्ट्रॉन्स को बाहर निकाल देते हैं। इस कारण आयनीकरण बढ़ता है। 

(iii) कॉन्टेक्ट्स की सतह से थर्मल उत्सर्जन द्वारा-जब परिपथ वियोजक के कॉन्टेक्ट्स अलग होते हैं तो कॉन्टेक्ट क्षेत्र कम होता जाता है तथा इस दौरान सतह पर केवल कुछ बिन्दु कॉन्टेक्ट में रहते हैं, अतः धारा का घनत्व (Current density) बढ़ता जाता है । जिससे उच्च ताप वाले सामान्य धब्बे उत्पन्न होते हैं जो कि कॉन्टेक्ट सतह से थर्मल उत्सर्जन का कारण बनते है।

(iv) कॉन्टेक्ट्स सतह से द्वितीयक उत्सर्जन द्वारा-कॉन्टेक्ट्स के बीच में ताकतवर विद्युत एरिया के कारण इलेक्ट्रॉन कॉन्टेक्ट्स के बीच में घमूते हैं तथा दूसरे कॉन्टेक्ट की सतह पर स्ट्राइक करते हैं। जिससे उससे द्वितीयक उत्सर्जन (Secondary emission) होता है।

(v) कॉन्टेक्ट सतह पर फील्ड उत्सर्जन द्वारा-कॉन्टेक्ट की सतह पर वोल्टता ग्रेडिएन्ट (Volt/cm) के बढ़ने पर कॉन्टेक्ट्स की सतह से इलेक्ट्रॉन्स बाहर निकल सकते हैं।

आज आपने क्या सीखा :-

दोस्तों आज आपने सीखा कि परिपथ वियोजकों में आर्क की घटना | Arc Phenomenon in circuit breakers in hindi. इसके अलावा भी आपने जाना की arc phenomenon in circuit breaker in hindi, explain the arc phenomenon in circuit breaker in hindi, discuss the arc phenomenon in a circuit breaker in hindi. के बारे में भी आपने जाना तो अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ में इसे शेयर कर सकते हो और अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके बता सकते हो

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top