वायु बलित परिपथ वियोजक | Air Blast Circuit Breakers in hindi

क्या आप वायु बलित परिपथ वियोजक (Air Blast Circuit Breakers in hindi) के बारे में जानना चाहते है? यदि हां तो मै इस पोस्ट में वायु वियोजन परिपथ वियोजक के बारे में विस्तृत जानकरी शेयर कर रहा हूँ.

वायु बलित परिपथ वियोजक (Air Blast Circuit Breakers in hindi)

ये पुराने समय में 11 से 1100 kV तक के लिए उपयोग में लिया जाता था। उच्च वोल्टता परिपथ में ये सबसे उपयुक्त है। इसमें संकुचित (compressed) वायु को आर्क बुझाने के काम में लेते थे। 

     
                    WhatsApp Group                             Join Now            
   
                    Telegram Group                             Join Now            

वायु बलित परिपथ वियोजक की बनावट ( Construction of Air Blast Circuit Breakers in hindi)

चित्र (a) इसकी बनावट को दर्शाया गया है। इसके निम्न भाग हैं

Air Blast Circuit Breakers

  1. वायु टैंक संग्राहक
  2. खोखला प्रतिरोधी भाग
  3. दुगुना आर्क बुझाने का चैम्बर 
  4. न्यूमेटिक (pneumatic) प्रचालन भाग 
  5. प्रचालन रोड
  6. न्यूमेटिक मान
  7. अचल भाग
  8. चल भाग
  9. धारा का सम्पर्क
  10. संकुचन स्प्रिंग
  11. वायु आउटलेट
  12. आर्किंग होर्न 
  13. प्रतिरोधी स्विचिंग यूनिट 
  14. एन्क्लोजर (Enclosure)
  15. पोर्ट (Ports)

निचले हिस्से में एक टैंक होता है जिसे वायु संग्राहक कहते हैं जिसमें. वाल्व लगे होते हैं। इसके ऊपरी भाग में खोखला प्रतिरोधी भाग होता है। हर प्रतिरोधी भाग के ऊपर दुगुना आर्क बुझाने का चैम्बर होता है। संवाहक तथा वायु संग्राहक के बीच उच्च वोल्टता होने के कारण पूरे आर्क चैम्बर को प्रतिरोधक के ऊपर बांधा जाता है।

इसमें छः दुगुने आर्क वियोजक होते हैं। प्रत्येक आर्क बुझाने के चैम्बर के साथ दो चल तथा अचल सम्पर्क होते हैं। ये सम्पर्क अक्ष पर खुलते व बन्द होते समय घूर्णन करते हैं। इनकी स्थिति वायु दाब तथा स्प्रिंग. दबाव पर निर्भर करती है।

खुलने वाली रोड (rod) को जब नियंत्रण संकेत मिलता है तब वह खुलती है। चल सम्पर्कों के घूमने के कारण वायु के बाहर जाने का रास्ता बन्द हो जाता है तथा आर्क बुझाने वाला चैम्बर आर्क दबाव से खुल जाता है। आर्क चैम्बर में हवा प्रवाह होती है। वाल्व (valve) जो कि खोखला प्रतिरोधी कॉलम तथा संग्राहक के बीच लगे होते हैं वायु दबाव को नियन्त्रित करते हैं।

वायु बलित परिपथ वियोजक की  कार्यप्रणाली ( Working of Air Blast Circuit Breakers in hindi)

इसमें सम्पीडित वायु प्रणाली की आवश्यकता होती है। यह वायु संग्राहक को वायु प्रदान करती है। खुलने की क्रिया के समय वायु आर्क बुझाने के चैम्बर में प्रवेश करती है जो चल सम्पर्क को घुमाती है। इस प्रकार सम्पर्क अलग-अलग हो जाते हैं तथा वायु का विस्फोट से आयनित गैस बनती है तथा आर्क को बुझाने में सहायता करती है।

संपीडित वायु के प्रवाह के आधार पर वायु झोंका परिपथ तीन प्रकार के होते हैं

  1. क्रॉस वायु झोंका परिपथ
  2. अक्षीय वायु झोंका परिपथ 
  3. रेडियल वायु झोंका परिपथ 

1. क्रॉस वायु झोंका परिपथ- जब परिपथ वियोजंक के संपर्क अलग-अलग होते हैं तो स्थिर तथा गतिशील कॉन्टेक्ट के बीच आर्क बनना प्रारम्भ हो जाता है।

इस आर्क से लम्बवत् तीव्र हवा का झोंका आर्क के exhaust सिलेण्डर में आर्क स्पिलटर पर विस्थापित कर देता है जिससे आर्क की लम्बाई बढ़ जाती है और वह सरलता से बुझ जाता है। इस प्रकार के वियोजक में प्रतिरोध स्विचिंग की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि इसमें आर्क स्पिलटर द्वारा आर्क की लम्बाई बढाकर प्रतिरोध बढ़ा दिया जाता है। आर्क स्पिलटर •की संख्या वियोजन क्षमता पर निर्भर करती है 

2. अक्षीय वायु झोंका परिपथ- इस प्रकार के परिपथ वियोजक में फॉल्ट उत्पन्न होने पर कम्प्रेसर के ऊपर वाले छिद्र से संपीडित वायु 16 kg/cm2 से 20 kg/cm- दाब पर आर्किंग कक्ष में प्रवेश करती है तथा पिस्टन को नीचे की ओर धकेल कर मूविंग कॉन्टेक्ट, स्थिर कॉन्टेक्ट से अलग-अलग हो जाते हैं और आर्क प्रारम्भ हो जाती है। इसी समय मूविंग कॉन्टेक्ट के चारों ओर से संपीडित हवा तीव्रता से झोंका छिद्र से गुजरती है जिससे arc को बुझाया जाता है।

इससे आर्क बुझाने के लिए अतिरिक्त प्रबंध आइसोलेटिंग स्विच का प्रयोग किया जाता है जिससे कि प्रतिरोध स्विचिंग का प्रबंध होता है।

3. रेडियल वायु झोंका परिपथ- इसमें कॉन्टेक्ट के पृथक होने पर आर्क प्रारम्भ होता है जिससे extinction के लिए संपीडित वायु कॉन्टेक्ट के गेप में रेडियल दिशा में प्रवाहित होने लगती है और आर्क को बुझा देती है। यह प्रक्रिया नीचे चित्र में दर्शाई गई है।

वायु बलित परिपथ वियोजक के लाभ (Advantages of Air Blast Circuit Breakers in hindi)

इस प्रकार के वियोजक के निम्न लाभ हैं

  1. इनकी कार्य करने की प्रचालन दर उच्च होती है। 
  2. इनमें विस्फोट व आग लगने की सम्भावना नहीं होती 
  3. इनमें आर्क समय निश्चित कम होता है। 
  4. इनमें कम मेन्टीनेंस की आवश्यकता होती है। 
  5. इनमें तेल वियोजक की अपेक्षा आर्क ऊर्जा हानि कम होती है। 
  6. इनमें उच्च गति से reclose होता है। 

वायु बलित परिपथ वियोजक की हानियां (Disadvantages of Air Blast Circuit Breakers in hindi )

इस प्रकार के वियोजक में निम्न हानियां हैं

  1. संपीडित दाब के लिए संपीडन प्लांट की आवश्यकता होती है। 
  2. पाइप लाइन में वायु लीक होने की सम्भावना रहती है| 
  3. पुनः आघात विभव के प्रति ये बहुत संवेदी होते हैं।

आज आपने क्या सीखा :-

दोस्तों आज आपने सीखा कि वायु बलित परिपथ वियोजक | Air Blast Circuit Breakers in hindi. इसके अलावा भी आपने जाना की वायु बलित परिपथ वियोजक (Air Blast Circuit Breakers in hindi), वायु बलित परिपथ वियोजक की बनावट ( Construction of Air Blast Circuit Breakers in hindi), वायु बलित परिपथ वियोजक की  कार्यप्रणाली ( Working of Air Blast Circuit Breakers in hindi), वायु बलित परिपथ वियोजक के लाभ (Advantages of Air Blast Circuit Breakers in hindi), वायु बलित परिपथ वियोजक की हानियां (Disadvantages of Air Blast Circuit Breakers in hindi ). के बारे में भी आपने जाना तो अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ में इसे शेयर कर सकते हो और अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके बता सकते हो

Leave a Comment