हेलो दोस्तों, आज में आपको बताने वाला हूं कि इन्डोर सब-स्टेशन और आउटडोर सब-स्टेशन क्या है? – (Indoor Sub-Stationin hindi), इन्डोर सब-स्टेशन क्या है?, आउटडोर सब-स्टेशन क्या है? :अगर आप भी है जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिए
इन्डोर सब-स्टेशन क्या है? (Indoor Sub-Station)
इन विद्युत सब-स्टेशनों में ट्रांसफॉर्मर एवं स्विचगियर आदि उपकरण भवन के अन्दर स्थापित होते हैं। ये साधारणतया 117 और 250 kVA तक की क्षमता के बनाये जाते हैं परन्तु जहां चारों तरफ के वातावरण में अशुद्धियां (चालकीय धूल, धुआं, धातु संक्षारणीय गैस) पायी जाती हैं वहां पर सब-स्टेशन 33kV तथा 66 kV के बनाये जाते हैं।
सप्लाई या प्राथमिक साइड में स्विचगियर केवल सर्किट ब्रेकर रखता है। सर्किट ब्रेकर की सहायता से ट्रांसफॉर्मर के प्राथमिक साइड में उच्च वोल्टेज सप्लाई की जाती है। बस-बार से फीडर जुड़े हुए रहते हैं। फीडर पैनल में पृथककारी स्विच तथा सर्किट ब्रेकर लगे हुए रहते हैं। इनडोर सब-स्टेशन को इन्स्टॉल करने का मुख्य कारण यह है कि इसमें आग की संभावना को आग प्रतिरोधक दीवार तथा आग बुझाने वाले यंत्रों को लगाकर कम किया जा सकता है। कार्बन-डाइऑक्साइड को मुख्यतः आग बुझाने हेतु उपयोग में लिया जाता है। इनडोर टाइप के सब-स्टेशन के ले-आउट को चित्र (1) में दिखाया गया है।
इस प्रकार के सब-स्टेशन में लगभग 500 kVA के दो ट्रांसफॉर्मर लगे हुए होते हैं। सामान्यतया प्राथमिक वोल्टेज 11 kV तथा द्वितीयक वोल्टेज 400/230V होता है। ट्रांसफॉर्मर के प्राथमिक साइड में सप्लाई दी जाती है तथा द्वितीयक साइड को लो-वोल्टेज बस-बार से जोड़ा जाता है। विद्युत के बहुत सारे उपभोक्ताओं या एक निश्चित क्षेत्र के डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम से फीडर को जोड़ा जाता है। कुछ चयनित क्षेत्रों मे उच्च रेटिंग के सर्किट ब्रेकर तथा आइसोलेटर को सम्मिलित करते हुए एक पैनल प्रदान किया जाता है जिसमें धारा को मापने के लिए प्रत्येक फेज में एक अमीटर (3 फेज के लिए, 3 अमीटर), सलेक्टर स्विच के साथ एक वोल्टमीटर, एक वाटमीटर, एक शक्ति गुणक मीटर तथा एक ऊर्जा मीटर लगे हुए रहते हैं तथा सुरक्षा के लिए रिवर्स पावर रिले उपयोग में ली जाती है। फीडर की सुरक्षा के लिए कई सुरक्षा युक्तियां काम में ली जाती हैं। ट्रांसफॉर्मर की सुरक्षा के लिए अर्थ लीकेज रिले के साथ मर्ज-प्राइस सुरक्षा युक्ति उपयोग में ली जाती है। ट्रांसफॉर्मर की सुरक्षा के लिए उसमें बकोल्ज रिले का होना अनिवार्य है।
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सब-स्टेशन में बैट्रियां, अग्निशमन उपकरण तथा इमरजेन्सी लाइट आदि का होना आवश्यक है।
इनडोर-टाइप सब-स्टेशन के उपसाधन निम्न हैं
(j) स्टोरेज बैट्री
(ii) अग्निशमन उपकरण
सब-स्टेशन में बैट्री कक्ष स्थापित किया जाता है। कई बार सब-स्टेशन में विद्युत की अनुपलब्धता के कारण बैट्री को इमरजेन्सी लाइट के रूप में उपयोग में लिया जाता है अतः बैट्री निम्न कारणों से उपयोगी हैं
(a) सप्लाई के फेल हो जाने पर इमरजेन्सी लाइट के रूप में।
(b) स्विच ऑपरेटिंग सोलेनॉइड तथा प्रोटेक्टिव गियर के प्रचालन में आवश्यक।
इनडोर टाइप के सब-स्टेशन में बहुत सारे उपखंड होते हैं जिनमें कन्ट्रोल उपखंड, सुरक्षा उपखंड, मेन बस-बार उपखंड, सर्किट ब्रेकर तथा प्रचालन क्रियाविधि उपखंड तथा धारा-ट्रांसफॉर्मर व केबल-सील बॉक्स उपखंड शामिल हैं, जिन्हें चित्र 2 में दर्शाया गया है।
आउटडोर सब-स्टेशन क्या है? (Outdoor Sub-Station)
साधारणतया प्राथमिक और द्वितीयक संचारण के लिए आउटडोर सब-स्टेशन अधिक उपयुक्त होते हैं। इसकी संरचना, सप्लाई वोल्टेज, ट्रांसफॉर्मर की क्षमता, ट्रांसफॉर्मर की कूलिंग पद्धति, स्विच गियर और रक्षी गियर पर निर्भर करती है।
आउटडोर सब-स्टेशन अति उच्च वोल्टेज के लिए अभिकल्पित किए जाते हैं इसीलिए इनमें प्रयुक्त उपकरण भी ज्यादा रेटिंग के होते हैं। आउटडोर सब-स्टेशन 33 kV से 440 kV तक के लिए अभिकल्पित किये जाते हैं। आउटडोर सब-स्टेशन पर प्रयोग किये जाने वाले उपकरण भी सबस्टेशन की क्षमता, वोल्टता, प्रकार एवं स्विच गियर के अभिकल्पन पर निर्भर करते हैं। आउटडोर सब-स्टेशन को चित्र 3 में चित्रित किया गया है।
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अब आप जान गए होंगे कि इन्डोर सब-स्टेशन और आउटडोर सब-स्टेशन क्या है – (Indoor Sub-Stationin hindi), इन्डोर सब-स्टेशन क्या है, आउटडोर सब-स्टेशन क्या है|