आज के इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि पदार्थों के यांत्रिक गुण को समझाइए | धातु के यांत्रिक गुणधर्मो को समझाइए – Explain mechanical properties of substances in hindi. explain the mechanical properties of metals in hindi. इस आर्टिकल में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं
पदार्थों के यांत्रिक गुण (धातु के यांत्रिक गुण ) निम्नांकित हैं-
1. तन्यता (Ductility)– तन्यता पदार्थ का वह गुण है, जिसके कारण उसमें बिना टूट-फूट के पर्याप्त विरूपण सम्भव हो सकता है अर्थात् पदार्थ के इस गुण के कारण ही पदार्थ के पतले तार खींचे जा सकते हैं। उदाहरण-सोना, चांदी, तांबा ।
2. दृढ़ता (Tenacity)- तनाव में किसी पदार्थ को तोड़ने के लिए उसमें जितना अधिकतम विरोधी बल उत्पन्न किया जा सके, उसे उस पदार्थ की दृढ़ता कहते हैं अर्थात् इस गुण को तनाव में उपजी अधिकतम प्रतिबल तीव्रता द्वारा मापा जाता है।
3. कड़ापन (Toughness)- इस गुण के कारण पदार्थ टूटने से पूर्व झटकों या धक्कों का विरोध करता है। अतः संरचना एवं मशीन के उन अवयवों में जिन पर झटके एवं कम्पन लगते हैं उनमें कड़ापन का गुण अत्यावश्यक है।
4. दुनर्ग्यता (Stiffness)- दुनयंता पदार्थ का वह गुण है जिसके कारण पदार्थ बाह्य बल के कारण उत्पन्न विक्षेप का विरोध करता है। स्प्रिगों में इस गुण का होना परमावश्यक है।
5. घातवर्ध्यता (Malleability)- पदार्थ का वह गुण है जिसके कारण पदार्थ को हथौड़े से पीटकर बिना दरार पड़े, पतली चादरों के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। जैसे-पीतल, सोना, चांदी आदि।
6. कठोरता (Hardness)- यह पदार्थ का वह गुण है जिसके कारण पदार्थ रगड़ने, काटे जाने, घिस जाने एवं खुरचे जाने का विरोध करता है
7. भंगुरता (Brittleness)- पदार्थ का यह गुण तन्यता का विपरीत है, अर्थात् इस गुण के कारण पदार्थ पर बाह्य बल लगाने से या चोट लगने से बिना किसी खराबी के टुकड़े-टुकड़े हो जाता है। इस गुण के कारण पदार्थ थोड़ी सी भी प्लास्टिकता नहीं रखता और थोड़ी सी भी विकृति पर ही टुकड़े-टुकड़े हो जाता है।
8. नम्यता (Flexibility)- यह पदार्थ का वह गुण है जिसके कारण पदार्थ को बिना टूटे, किसी माप की आकृति में मोड़ा जा सकता है।
9. प्रत्यास्थता (Elasticity)- यह पदार्थ का वह गुण है जिसके कारण प्रत्येक पिण्ड अपने आकार में होने वाले परिवर्तन का विरोध करता है, किन्तु जैसे ही आकार में परिवर्तन करने वाले बाह्य बलों को हटा लिया जाता है। पिण्ड अपने मूल आकार में वापस आ जाता है अर्थात् प्रत्यास्थता पदार्थ का वह गुण है, जिसके कारण प्रतिबल या बाह्य बल द्वारा उत्पन्न विरूपण प्रतिबल या बाह्य बल के हटा लेने पर पूर्णतया समाप्त हो जाता है है।
10. सुघट्ता (Plasticity)- इस गुण के कारण पदार्थ पर बल लगाने से उसके आकार में बिना टूटे स्थायी परिवर्तन हो जाता है अर्थात् बल हटा लेने पर पदार्थ अपनी प्रारम्भिक दशा में नहीं आता। तापमान वृद्धि के साथ-साथ इस गुण में भी वृद्धि होती है।
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आज आपने क्या सीखा :-
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