इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि बरनौली का प्रमेय क्या है , बरनॉली सिद्धांत , उदाहरण, अनुप्रयोग (bernoulli’s theorem in hindi), बरनौली प्रमेय के अनुप्रयोग (Applications of Bernoulli’s Theorem in hindi). इस आर्टिकल में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं
बरनौली का प्रमेय क्या है? (Bernoulli’s Theorem in hindi)
बरनौली प्रमेय बरनौली के प्रमेय के अनुसार किसी प्रवाहित द्रव, जिसके प्रत्येक कण के बीच निरन्तर संबंध हो तथा किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच न तो कोई ऊर्जा जोड़ी जाए और न ही कोई ऊर्जा उसमें से निकाली जाए, तो प्रत्येक बिन्दु पर कुल ऊर्जा समान होगी। यह कुल ऊर्जा, डेटम, दाब तथा वेग ऊर्जा का योग होती है।
जब कोई असंपीड्य (incompressible) तथा अश्यान (non-viscous) द्रव एक स्थान से दूसरे स्थान तक धारारेखी प्रवाह में बहता है तो उसके मार्ग के प्रत्येक बिन्दु पर इसके एकांक आयतन की कुल ऊर्जा अर्थात् दाब ऊर्जा, गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का योग एक नियंताक होता है।
S.I. इकाई में द्रवों के लिए बरनौली समीकरण निम्न प्रकार लिखी सकती है।
गैसों के लिए Z1 का मान छोड़ा जा सकता है।
बरनौली प्रमेय के अनुप्रयोग (Applications of Bernoulli’s Theorem in hindi)
1. Pitot Tube- इससे प्रवाहित द्रव का वेग निकाला जाता है। यह L आकार की कांच की नली है जिसका नीचे का सिरा तिरछा होता है। इस सिरे को प्रवाह की दिशा में रखा जाता है। इसका ऊपरी सिरा वायुमण्डल में खुला रहता है। बरनौली का प्रमेय क्या है.
2. Venturimeter- किसी dip में प्रवाहित द्रव की मात्रा निकालने के लिए काम आता है।
इसके तीन भाग होते हैं-1. अभिसारी शंकु, 2. कंठ (Throat), 3. अपसारी शंकु ।
बरनौली प्रमेय की परिकल्पना
- आदर्श द्रव तथा असम्पीड्य |
- द्रव का प्रवाह अपरिवर्ती हो ।
- द्रव का वेग प्रत्येक स्थान पर समान रहता है
- द्रव पर गुरुत्व बल तथा दाब बल के अलावा अन्य कोई बल कार्य नहीं कर रहा हो।
- द्रव का प्रवाह सतत् धारा रेखा की दिशा में होता है।
- प्रवाहित द्रव में कणों की ऊर्जा में हानि नहीं होती है।
वेन्चुरीमीटर से निस्सरण ज्ञात करने की विधि (Finding Discharge by Venturimeter)
यह किसी पाइप से प्रवाहित द्रव की मात्रा निकालने के लिए काम आता है। इसके तीन भाग होते हैं
1. अभिसारी शंकु. 2. कंठ, 3. अपसारी शंकु
1. अभिसारी शंकु- यह एक छोटी ट्यूब होती है जो कि d, से d, तक अभिसारित होती है। इसे वेन्चुरीमीटर का इनलेट भी कहते हैं और इसकी लम्बाई 2.5d, होती है।
2. कंठ- यह वेन्चुरीमीटर का छोटा भाग होता है जिसका व्यास d, होता है और यह अभिसारी व अपसारी शंकु के मध्य लगा होता है।
3. अपसारी शंकु-यह d, से d, तक अपसारित होता है। इसे वेन्चुरीमीटर का आउटलेट या निकास द्वार कहते हैं। इसकी लम्बाई 7.5d, होती है। बिन्दु (1) व (2) पर दाबान्तर निकालने के लिए एक U-tube manometer होता है।
वेंच्यूरीमीटर का उपयोग निम्नलिखित कार्यों में किया जाता है
(i) इसके द्वारा नली में द्रव के बहने की दर ज्ञात की जा सकती है।
(ii) इसका उपयोग product तथा chemical ship tankers में किया जाता है।
(iii) Atomizers जो स्प्रे गन से स्प्रे पेन्ट या परफ्यूम को बिखेरता है, में वेंच्यूरीमीटर का प्रयोग होता है।
(iv) Industrial Vacuum cleaners के लिए वेंच्युरीमीटर का प्रयोग किया जाता है।
(v) फ्लू गैस उत्सर्जन (flue gas emission) को clean करने के लिए venturi scrubbers का प्रयोग किया जाता है।
(vi) Medical oxygen therapy में venturi mask का प्रयोग किया जाता है।
(vii) Foam firefighting nozzles तथा extinguishers में venturimeter का प्रयोग होता है।
आज आपने क्या सीखा :-
दोस्तों आज आपने सीखा कि बरनौली का प्रमेय क्या है , बरनॉली सिद्धांत , उदाहरण, अनुप्रयोग (bernoulli’s theorem in hindi), बरनौली प्रमेय के अनुप्रयोग (Applications of Bernoulli’s Theorem in hindi). के बारे में भी आपने जाना तो अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ में इसे शेयर कर सकते हो और अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके बता सकते हो