LED की संरचना, कार्य विधि और उपयोग

हेलो दोस्तों, इस आर्टिकल में आपको बताने वाला हूं कि LED की संरचना, कार्य विधि (construction and working of led in hindi), LED के उपयोग (use of led in hindi)| तो चलिए शुरू करते हैं

LED in hindi (Light Emitting Diode)-यह एक विशेष प्रकार का semiconductor diode है, जो कि प्रकाश का उत्सर्जन करने के लिए बनाया गया है। यह forward bias में कार्य करता है।

     
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LED की संरचना

LED की संरचना (construction of led in Hindi)

LED की संरचना

LED की संरचना

  • LED construction के लिए Gallium Arsenide (GaAs), Gallium Arsenide Phosphide (GaAsP) या Gallium Phosphide (GaP), आदि semiconductor उपयोग में लिए जाते हैं।
  • एक N-प्रकार की epitaxial layer को एक substrate पर grown किया जाता है, अब diffusion process से P-type region को N-type, epitaxial layer पर create किया जाता है।
  • इस प्रकार e-hole pair का recombination P-type region में होता है। अब एक metal की पतली layer को P-type region की surface पर लगाया जाता है जो anode connection उपलब्ध कराता है।
  • एक gold film को substrate के पैंदे में लगाया जाता है, जो cathode connection उपलब्ध कराता है।
  • अब external surface से maximum light को परावर्तित करने के लिए, metal की पतली सतह के selected भाग को हटाया जाता है।
  • अब इस LED structure को plastic के enclosure में seal कर दिया जाता है। इस plastic के enclosure के top पर एक transparent window होती है। इसमें एक प्लास्टिक lens लगा होता है जो light को एक line में focus करता है।
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LED की कार्यविधि (working of led in hindi)

जब एक LED का P-N junction forward bias में होता है, तब forward bias में धारा प्रवाहित होती है, क्योंकि forward bias में free e SN-side से निकलकर P-side में चले जाते हैं, जहां electrons holes के साथ recombined हो जाते हैं। Free e s conduction band में होते हैं और उनकी energy, valence band में पाए जाने वाले holes से ज्यादा होती है।

जब electrons holes के साथ recombined होते हैं, तो electrons, conduction band से निकलकर valence band में प्रवेश करते हैं, यहां electrons और holes का recombination होता है। इससे ऊर्जा गर्मी एवं प्रकाश के रूप में बाहर आती है।

Conduction band और valence band के बीच energy का अतर ‘forbidden energy gap (Eg) कहलाता है। LED से निकलने वाले प्रकाश का रंग LED के निर्माण में काम में लिए जाने वाले material पर निर्भर करता है। सामान्यतः LED लाल, पीले तथा हरे रंग में पाई जाती है।

निम्न प्रकार से विभिन्न रंग के उत्सर्जन के लिए LED में विभिन्न प्रकार के पदार्थ काम में लिए जाते हैं-

Colour                                                           Semiconductor material

Green                                                             GaP on Gap

Yellow                                                            GaAsP on Gap

Red                                                                 GaAsP on Gap

 

LED के उपयोग (use of led in hindi)

(a) सूचक लाइट के रूप में

(b) सप्तखंड प्रदर्शन इकाई के रूप में संचार में।

(c) उच्च तीव्रता के प्रकाश उत्पन्न करने वाले LED प्रकाशिक तन्तु संचार में।

अब आप जान गए होंगे कि LED की संरचना, कार्य विधि (construction and working of led in hindi), LED के उपयोग (use of led in hindi)|

उम्मीद करता हूं मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी| अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव हो तो मुझे कमेंट करके बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा इस आर्टिकल को आपके दोस्त के साथ में भी शेयर कर सकते हो |

 

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