इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि अपकेन्द्री पम्प क्या है, What is Centrifugal Pump hindi, अपकेन्द्री पम्प की कार्यप्रणाली (Working of Centrifugal Pump in hindi). इस आर्टिकल में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं
अपकेन्द्री पम्प क्या है (What is Centrifugal Pump hindi)
यह द्रवों को तल से उठाने की वह डिवाइस है जिसमें पर्याप्त दाब अपकेन्द्री प्रक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है अपकेन्द्री पम्प की प्रक्रिया रिएक्शन टरबाइन से बिल्कुल विपरीत है।
अपकेन्द्री पम्प के भाग -इसके भाग निम्नांकित हैं
- Impeller- यह एक पहिया होता है जिसके अंदर द्रव के वेग को बढ़ाने के लिए ब्लेड लगी होती है।
- Casing- यह impeller के चारों ओर कवर होता है, जिससे हवा व पानी नहीं रिस सके।
- Suction Pipe- यह एक साधारण पाइप होता है जिसका ऊपरी भाग पम्प के प्रवेश बिन्दु से जुड़ा होता है ताकि नीचे का भाग पानी के तल से लगभग ! मीटर नीचे डुबा रहे । पाइप रहे। पाइप के इस के निचले सिरे पर एक वाल्व तथा स्ट्रेनर लगा होता है, जिससे साफ पानी पम्प में पहुंचता है। वाल्व पानी को पम्प से वापस आने से रोकता है। Suction pipe से पानी impeller के केन्द्र में जो eye भी कहलाता है, में प्रवेश करता है तथा impeller चारों ओर बने casing में प्रवाह करता है।
- Delivery Pipe- यह पम्प के निकास बिन्दु से पानी लेता है तथा ऊंचे स्थानों पर पानी का वितरण करता है। इसमें एक delivery valve व प्रेशर मेजरिंग डिवाइस लगी होती है।
- Delivery Valve- Delivery pipe में casing के समीप पानी का प्रवाह नियंत्रित करने के लिए एक वाल्व लगा होता है, यह वाल्व delivery valve कहलाता है।
- Prime Movers- यह impeller की शाफ्ट को घुमाने की डिवाइस है। अधिकतर यह मोटर होती है, किन्तु स्टीम इंजन का भी प्रयोग किया जा सकता है।
- Air Vent- यह पम्प के casing में वायु नियंत्रण के लिए लगा होता है। यह एक छिद्र के समान होता है।
Read more: मैनोमीटर किसे कहते है?
अपकेन्द्री पम्प की कार्यप्रणाली (Working of Centrifugal Pump in hindi)
पम्प चलाने से पहले यह अनिवार्य है कि suction pipe व pump casing से वायु बिल्कुल निकाल दी जाए, यह विधि priming कहलाती है। Priming के लिए इन भागों को पानी से भर दिया जाता है ।
इस पम्प के सक्शन के रह जाने पर समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिसके कारण पम्प में दाब उत्पन्न नहीं होता है। पम्प की priming करने के बाद delivery valve बंद कर दिया जाता है तथा impeller को घुमाने के लिए मोटर की सप्लाई चालू कर दी जाती है। पम्प की गति सामान्य होने तक धीरे-धीरे बढाते हैं। सामान्य गति होने पर पम्प में पानी को उठाने के लिए पर्याप्त ऊर्जा उत्पन्न हो जाती है। Suction pipe द्वारा पानी लगातार impeller में प्रवेश करता रहता है तथा impeller के घूमने के कारण पानी में अपकेन्द्री बल उत्पन्न होता है, जिससे पानी की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। इसके पश्चात् यह अधिक गतिज ऊर्जा वाला पानी धीरे-धीरे बढ़ते हुए मार्ग से गुजरता है, जिससे इसकी गतिज ऊर्जा दाब ऊर्जा में रूपान्तरित हो जाती है, इस कारण पम्प में निकास बिन्दु पर पानी में दाब ऊर्जा अधिक होती है। इसकी दक्षता 50-85% तक होती है।
Read more: पास्कल का नियम क्या है
आज आपने क्या सीखा :-
दोस्तों आज आपने सीखा कि अपकेन्द्री पम्प क्या है, What is Centrifugal Pump hindi, अपकेन्द्री पम्प की कार्यप्रणाली (Working of Centrifugal Pump in hindi), अपकेन्द्री पम्प के भाग, Centrifugal Pump Parts. के बारे में भी आपने जाना तो अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ में इसे शेयर कर सकते हो और अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके बता सकते हो