नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में आप जानेंगे कि डेरिक पोल विधि से खम्भों को कैसे खड़ा किया जाता है (Method of errection of line support in hindi) के बारे में जानने वाले हैं अगर आप भी यह जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिए
खम्भे खड़े करना (Erection of Poles)-खम्भों को प्रायः जमीन में सीधे ही दबाया जाता है। अधिक भारी खम्भों को डेरिक पोल विधि द्वारा तथा हल्के खम्भों को डेड मैन विधि के द्वारा खड़ा किया जाता है। खम्भों को खड़ा करने की इन विधियों का वर्णन निम्न प्रकार किया गया है।
(a) डेरिक पोल विधि (Derrick Pole Method)
जिन मार्गों (paths) पर खम्भों को खड़ा करना होता है। उस मार्ग पर खड़े किए जाने वाले खम्भे को सर्वप्रथम लिटाया जाता है। इस खम्भे को इस प्रकार लिटाया जाता है कि खम्भे का निचला भाग (bottom) गड्ढ़े के ऊपर रहे तथा गड्ढ़े में रखे skid board के विपरीत दिशा में हो। एक डेरिक पोल को रस्सी की सहायता से खींचकर इस प्रकार खड़ा किया जाता है कि वह खड़े किए जाने वाले खम्भे की तली के समीप स्थित रहे। जैसा कि चित्र (1) में दर्शाया गया है इस विधि में खम्भे को उसके शिखर भाग से थोडा नीचे पांच रस्सियों से बांधा जाता है, ताकि खम्भा खड़ा करते समय किनारे झुके नहीं।
चित्र (1) में दिखाए अनुसार रस्सी नम्बर 2 को खम्भे के शिखर भाग पर कस कर बांध दिया जाता है तथा यह रस्सी डेरिक खम्भे पर लगी घिरनी से गुजरती है। इसे चित्र (1) में दिखाई गई दिशा में हाथों से खींचा जाता है। रस्सी संख्या (Rope No)3 को खम्भे (pole) पर बांधा जाता है। खम्भे (pole) को खड़ा करने के लिए इस रस्सी को खींचा जाता है। इसके साथ रस्सी नम्बर 2 को भी खींचा जाता है तथा skid board की सहायता से खम्भा गड्ढे में नीचे खिसक जाता है। इस स्थिति में रस्सी 1,3 तथा 4 के माध्यम से ऊर्ध्वाधर रूप में खड़ा किया जाता है।
अब गड्ढे को मिट्टी से भर दिया जाता है तथा यह भी ध्यान रखा जाता है कि मिट्टी की प्रत्येक परत को सही प्रकार से दबाया गया है या नहीं। यदि मिट्टी (soil) ढीली हो तो फाउन्डेशन के लिए विशेष प्रबन्ध किए जाते हैं जैसा कि चित्र 2 (a) व (b) में दर्शाया गया है। जहां कहीं भी इस प्रकार कि स्थिति हो वहां खम्भों को अतिरिक्त टेक देने के लिए विशेष baulk लगाई जाती हैं।
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(b) डेड मैन विधि (Dead man’s Method)
इस विधि में खम्भों को लाइन मार्ग के समीप रखा जाता है तथा skid board को गड्ढे के पीछे ऊर्ध्वाधर रूप में रखा जाता है। अब खम्भों को हाथों के माध्यम से ऊपर उठाते हैं और जिस तरफ खम्भे को उठाया जाता है उसके विपरीत दिशा में खम्भे (pole) को डेड मैन द्वारा सपोर्ट (support) देते हैं। इस विधि में रक्षक रस्सियों को खम्भे की अर्द्ध ऊंचाई से कुछ अधिक ऊपर बांध दिया जाता है। अब खम्भे को उठाते हैं तथा साथ ही साथ डेड मैन टेक को आगे की तरफ बढ़ाते रहते हैं। यह तब तक किया जाता है जब तक की खम्भे के नीचे 3 मीटर ऊंची पोल स्पाइक या सीढ़ी न आ जाए।
इस विधि में सीढ़ी को खम्भे की प्रथम उठान के लिए प्रयोग किया जाता है तथा डेड मैन टेक को आगे बढाते जाते हैं। अब सीढ़ी को और आगे की तरफ बढ़ाकर लगभग 4 मीटर की ऊंचाई की दूसरी सीढ़ी को खम्भे के नीचे लगा दिया जाता है। अब डेड मैन टेक को सतह से हटा लिया जाता है तथा रक्षक रस्सियों को कस दिया जाता है। ताकि खम्भा हिले-डुले नहीं। अब इसके बाद 5 मी ऊंची सीढ़ी का प्रयोग किया जाता है तथा प्रत्येक सीढ़ी के साथ खम्भे को उठाते जाते हैं। यह प्रक्रिया जब तक चलती है जब तक की खम्भे का भूमितल 70° कोण पर नहीं हो जाता । अब पीछे की तथा साइड की रस्सी को कुछ ढीला कर दिया जाता है और ऐसा तब तक करते हैं जब तक खम्भा ऊर्ध्वाधर में स्थिति में नहीं आ जाए। 12 मीटर ऊंचे खम्भे के लिए 5 मीटर ऊंची सीढ़ी की आवश्यकता होती है। अब रक्षक रस्सी की सहायता से लम्बवत् रूप से खड़े खम्भे को स्थिर बनाए रखा जाता है तथा गड्ढ़े को समान रूप से मिट्टी से भर दिया जाता है|
सड़कों के किनारे या अधिक जनसंख्या वाले स्थानों पर प्रायः खम्भों की कंक्रीटिंग की जाती है। इसमें भूमितल पर एक सीमेट कंक्रीटिंग की एक चौकी बनाई जाती हैं। चौकी बनाने से पूर्व खम्भों को मिट्टी से अच्छी तरह दबा दिए जाना चाहिए।
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आज आपने क्या सीखा :-
हेलो दोस्तों आज इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि डेरिक पोल विधि से खम्भों को कैसे खड़ा किया जाता है (Method of errection of line support in hindi).
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