प्रतिरक्षी रिले क्या है | What is Protective Relay in hindi

क्या आप प्रतिरक्षी रिले क्या है- What is Protective Relay in hindi के बारे में जानना चाहते है? यदि हां तो मै इस पोस्ट में Protective Relay in hindi के बारे में विस्तृत जानकरी शेयर कर रहा हूँ.

What is Protective Relay in hindi

     
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प्रतिरक्षी रिले क्या है- What is Protective Relay in hindi

प्रतिरक्षी रिले वह युक्ति है जो फॉल्ट को अनुभव करके परिपथ में लगे सर्किट ब्रेकर को ट्रिप करके फॉल्ट युक्त भाग को कम समय में फॉल्ट रहित परिपथ से अलग कर देती है।

प्रतिरक्षी रिले का फंक्शन-प्रतिरक्षी रिले का मुख्य फंक्शन विद्युत शक्ति सप्लाई में निरन्तरता बनाये रखने के लिए विद्युत शक्ति प्रणाली को पूर्णतया दोष मुक्त रखना या दोष का तुरन्त पता लगाकर केवल दूषित हिस्से को अलग करके शीघ्र पुनः विद्युत शक्ति प्रदान करना और साथ ही परिपथ में लगे उपकरणों को विद्युत दोष के कारण होने वाली हानियों से सुरक्षित रखना है। रक्षी रिले (Protective relay) ऐसा साधन है जो कि उन विद्युत मात्राओं को जो सामान्य एवं दोष स्थिति में भिन्न होती है, मापकर विद्युत परिपथ में असामान्य (Abnormal) स्थितियों का पता लगाता है।

प्रतिरक्षी रिले की मूलभूत आवश्यकताएं- Basic Requirements of Protective Relay in hindi

1.चयनता (Selectivity)-दोष अवस्था में रक्ष-यन्त्रावली द्वारा विद्युत प्रणाली के किसी अन्य अंग को बिना विचलित (Disturb) किये केवल यथाचित दोषयुक्त (अस्वस्थ) अंग को ही सम्पूर्ण विद्युत प्रणाली से वियोजित (Disconnect) करना चाहिये। लक्षण की इस क्रिया को रक्षण यन्त्रावली की चयन क्रिया (Discriminationaction) कहते हैं।

2.सुग्राहिता (Sensitivity)-रक्षण यन्त्रावली को निम्न दोषी धारा के प्रारम्भिक मान पर ही प्रचालित होकर विद्युत प्रणाली के अस्वस्थ भाग को वियोजित करना चाहिये।

3.विश्वसनीयता (Reliability)-रक्षण यन्त्रावली को पूर्ण-निर्धारित अवस्थाओं के अन्तर्गत अवश्य ही अपना कार्य पूरा करना चाहिये अर्थात् दोषपूर्ण स्थिति के समय यन्त्रावली का प्रचालन असफल नहीं होना चाहिये। 

4.शीघ्रता (Quickness)-विद्युत प्रणाली के विद्युत उपस्करों का रक्षा गुणक (Safety-factor) तथा प्रचालन का स्थायित्व बढ़ाने के लिये, रक्षण यन्त्रावली का प्रति उत्तर (Response) अति शीघ्र होना चाहिए। 

5.स्थायित्व (Stability)-रक्षण यन्त्रावली को आवश्यकता के समय पर ही प्रचालित करना चाहिये अर्थात् अन्य अनावश्यक अवस्थाओं में प्रचालित नहीं करना चाहिए।

6.भविष्य में विस्तार के लिये पूर्व करना (Provision for Future Extension)-भविष्य में विद्युत प्रणाली के विस्तार हेतु रक्षण यन्त्रावली एवं कल्पना का विधान होना चाहिये ताकि प्राथमिक यन्त्रावली के कारण किसी प्रकार की बाधा न पड़े।

आज आपने क्या सीखा :-

दोस्तों आज आपने सीखा कि प्रतिरक्षी रिले क्या है | What is Protective Relay in hindi. इसके अलावा भी आपने जाना की प्रतिरक्षी रिले क्या है- What is Protective Relay in hindi, प्रतिरक्षी रिले की मूलभूत आवश्यकताएं- Basic Requirements of Protective Relay in hindi. के बारे में भी आपने जाना तो अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ में इसे शेयर कर सकते हो और अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके बता सकते हो

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