हेलो दोस्तों, इस आर्टिकल में आपको बताने वाला हूं कि एंपलीफायर के प्रचालन बिंदु क्या होता है? (Operating Point of an amplifier in hindi), एंपलीफायर के प्रचालन बिंदु किसे कहते हैं| तो चलिए शुरू करते हैं
एंपलीफायर के प्रचालन बिंदु क्या होता है
धारा एवं वोल्टेज की निश्चित स्थिति को प्राप्त करने के लिए biasing का उपयोग किया जाता है। Current एवं voltage की इस निश्चित condition को ही operating point या प्रचालन बिंदु कहते हैं।
Transistor के linear function के लिए transistor को हमेशा active region में ही operate करना चाहिए, अतः operating point या Qpoint को सदैव active region में locate करना चहिए।Qpoint को fix करने के लिए यह जरूरी है कि apply किए जाने वाले voltage और current भी proper होने चाहिए, ताकि Q point ना तो saturation region और ना ही cut-off region में shift हो सके। इन दोनों region में ट्रांजिस्टर nonlinearity दर्शाता है, अतः यह output में inputsignal का ठीक-ठीक reproduction नहीं करता है।
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CE संरूपण (CE configuration) में transistor amplifier | दिखाया गया है। इसी configuration के लिए output characteristics | निम्न प्रकार हैं। यह output characteristics collector current (Ic) व collector emitter voltage (Vor) के मध्य अलग-अलग base current जैसे Ib=0, IBI, IB2 के लिए सम्बन्ध दिखाती है।
अब आप जान गए होंगे कि एंपलीफायर के प्रचालन बिंदु क्या होता है(Operating Point of an amplifier in hindi), एंपलीफायर के प्रचालन बिंदु किसे कहते हैं, इस विषय में आपको अच्छी तरह से जानकारी मिली हो गई होगी|
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