पारद वाष्प लैम्प की संरचना और कार्यप्रणाली – Mercury vapour lamp hindi

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पारद वाष्प लैम्प की संरचना (Construction) –

मर्करी लैम्प की आन्तरिक ट्यूब, जिसे आर्क टयूब भी कहते है, क्वार्टज की बनी होती है। इस ट्यूब में दोनों तरफ टंगस्टन के इलेक्ट्रोड लगे होते हैं। इस ट्यूब में कुछ मिलीग्राम मर्करी तथा लगभग 25-50 Torr शुद्ध आर्गन गैस भरी जाती है। चूंकि दोनों मुख्य ‘इलेक्ट्रोड के मध्य अधिक दूरी होने के कारण आर्क टयूब में वोल्टेज ग्रेडियन्ट काफी कम होने से भरी हुई गैस का आयनाईजेशन नहीं होता है। इसलिए एक स्टार्टिंग इलेक्ट्रोड एक मुख्य इलेक्ट्रोड के पास चित्रानुसार लगाया जाता है। अतः प्रारम्भ में सम्पूर्ण वोल्टेज एक मुख्य इलेक्ट्रोड व स्टार्टिंग इलेक्ट्रोड के मध्य आरोपित होता है जिससे इन दोनों इलेक्ट्रोड के मध्य पर्याप्त वोल्टेज ग्रेडियन्ट उत्पन्न होता है परिणामस्वरूप गैस का आयनीकरण होता है। गैस डिस्चार्ज प्रारम्भ होने पर बहुत ज्यादा धारा प्रवाहित होती है, इसलिए इस धारा को नियन्त्रित करने के लिए स्टार्टिंग इलेक्ट्रोड के श्रेणी में एक रजिस्टर (Resistor) लगाया जाता है।

     
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Mercury vapor lamp hindi

इस लैम्प की बाहरी टयूब बोरोसिलिकेट की बनी होती । यह ट्यूब पारदर्शी या आन्तरिक सतह फॉस्फोरस लेपित हो सकती है। फॉस्फोरस लेपित बाहरी ट्यूब अल्ट्रावॉयलेट प्रकाश को दृश्य प्रकाश में परिवर्तित करती है। बाहरी ट्यूब को नाइट्रोजन या ऑर्गन नाइट्रोजन मिश्रण से या कभी-कभी कार्बन डाईऑक्साइड से भरा जाता है, जिससे आर्क ट्यूब का ऑक्सीकरण नहीं होता है तथा फॉस्फोरस का क्षय (Deterioration) नहीं होता है। 

कम शक्ति के लैम्प (50 वॉट से कम) की बाहरी ट्यूब में निर्वात या आर्गन गैस भरी जाती हैं क्योंकि इसमें ऊष्मा का क्षय कम होता है। ठण्डे वातावरण में ऊष्मा क्षय को रोकने के लिए इलेक्ट्रोड के पीछे प्लेटिनम या सोने (Gold) की लेपिंग (Coating) की जाती है। मर्करी लैम्प में धारा को नियंत्रित करने के लिए चोक की आवश्यकता पड़ती है। इसका परिपथ आरेख निम्न चित्र में दिया गया है।

Mercury Vapour Lamp in hindi
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पारद वाष्प लैम्प की कार्यप्रणाली  –

जब लैम्प को A.C. supply दी जाती है तो एक मुख्य इलेक्ट्रोड व स्टार्टिंग इलेक्ट्रोड के मध्य गैस डिस्चार्ज प्रारम्भ हो जाता है जिससे मर्करी का आयनीकरण प्रारम्भ हो जाता है तथा डार्क नीली दीप्ति उत्पन्न होती है। क्योंकि इस समय गैस दाब बहुत कम होता है। धीरे-धीरे गैस डिस्चार्ज के कारण ऊष्मा उत्पन्न होती है और मर्करी का आयनीकरण तेजी से होने लगता है जिसके कारण गैस दाब बढ़ जाता है तथा अल्ट्रावॉयलेट प्रकाश दृश्य प्रकाश में परिवर्तित हो जाता है व व्हाइट प्रकाश उत्पन्न होता है। जिन लैम्पों में फॉस्फोरस लेपन नहीं होता हैं उनका प्रकाश पूर्ण प्रकाशित होने की स्थिति में Greenish Blue होता है। इन लैम्पों को ऊर्ध्वाधर (Vertically) लगाया जाता है क्योंकि यदि इनको क्षैतिज रूप में उपयोग किया जाता है तो गैस डिस्चार्ज आर्क ट्यूब को स्पर्श करेगा जिससे लैम्प फेल हो जायेगा। जिन मर्करी लैम्पों को क्षैतिज लगाया जाता है उनमें चुम्बकीय वस्तु लगाई जाती है जिससे गैस डिस्चार्ज कॉलम मध्य में रहे। यह लैम्प पूर्ण प्रकाशित होने में 3 से 4 मिनट लेता है। इसकी आर्क ट्यूब का तापमान लैम्प के जलने की स्थिति में 600°C होता है। इनकी दक्षता 30-40 ल्यूमैन प्रति वॉट होती है। ये 250 वॉट, 400 वॉट की रेटिंग के बनाये जाते है। इस प्रकार के लैम्प को MA टाइप कहते हैं। ये लैम्प ए.सी. पर कार्य करते हैं।

इसके अलावा MAT टाइप के मर्करी लैम्प होते हैं। ये 300 वॉट, 400 वॉट की रेटिंग के बनाये जाते है। इनको ए.सी. व डी.सी. दोनों में प्रयोग किया जा सकता है। इनमें चोक का प्रयोग नहीं किया जाता है। इन लैम्पों की बाहरी ट्यूब को निर्वात् नहीं किया जाता है तथा इसमें फिलामेंट आर्क ट्यूब के श्रेणी में जुड़ा होता है जो बलास्ट का कार्य करता है। जब इस लैम्प को सप्लाई से जोड़ा जाता है तो यह एक फिलामेन्ट लैम्प की तरह कार्य करता है। प्रारम्भ में सम्पूर्ण निर्गत प्रकाश बाहरी ट्यूब द्वारा प्राप्त होता है इसी समय आर्क ट्यूब गर्म होना प्रारम्भ हो जाती है तथा एक निश्चित तापमान पर थर्मल स्विच कार्य करता है जो फिलामेन्ट के कुछ भाग को काट देता है जिससे आर्क ट्यूब के इलेक्ट्रोडस के मध्य डिस्चार्ज प्रारम्भ हो जाता है। इसका शक्ति गुणक 0.95 होता है इसलिए इसमें संधारित्र की आवश्यकता नहीं होती है।

कम वॉट (80 वॉट, 125 वॉट) के लैम्प MB टाइप के होते हैं। इनमें उच्च वाष्प दाब 5-10 Atmosphere प्रयोग किया जाता है। ये MA टाइप के लैम्प की तरह ही कार्य करते है लेकिन इनमें स्टार्टिंग इलेक्ट्रोड के श्रेणी में उच्च प्रतिरोध जोड़ा जाता है। इनका बाहरी आवरण क्वार्टज का बनाया जाता है। इनको किसी भी स्थिति में प्रयोग किया जा सकता है। 

पारद वाष्प लैम्प के उपयोग (Uses) 

इनका उपयोग स्ट्रीट लाइटिंग तथा इन्डस्ट्रियल प्लान्ट व व्यवसायिक स्थलों तथा संस्थानों में किया जाता है।

इनका उपयोग रेल्वे यार्ड (Railway Yards), बन्दरगाह (Ports), शॉपिंग मॉल (Shoping Malls) में किया जाता है।

अब आप जान गए होंगे कि पारद वाष्प लैम्प की संरचना और कार्यप्रणालीMercury vapour lamp hindi, पारद वाष्प लैम्प की संरचना(Structure of mercury vapour lamp), पारद वाष्प लैम्प की कार्यप्रणाली(working of mercury vapour lamp), पारद वाष्प लैम्प के उपयोग(uses of mercury vapour lamp)|

 

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