Construction and Working Process of HRC Fuse in Hindi

नमस्कार पाठको, क्या आप HRC फ्यूज की बनावट और कार्यप्रणाली – Construction and Working Process of HRC Fuse in Hindi पर पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं? यदि हां तो तो इस लेख में आपको HRC Fuse in Hindi से संबंधित पूरी जानकारी जानने को मिलेगी।

HRC फ्यूज की बनावट

HRC फ्यूज सामान्यतया तीन प्रकार के होते हैं-

     
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  1. HRC कार्टाइज फ्यूज
  2. Tipping युक्त HRC कार्टाइज फ्यूज
  3. GEC HRC फ्यूज

Construction and Working Process of HRC Fuse

1. HRC कार्टाइज फ्यूज- इस प्रकार के फ्यूज की संरचना नीचे चित्र 1 में दर्शायी गई है। इस प्रकार के फ्यूज में-

(a) कार्टाइज
(b) ब्रास की टोपी
(c) फ्यूज तत्व
(d) द्वि-धात्विक तापीय संपर्क
(e) Filler पाउडर
(f) बाह्य फ्यूज संपर्क, आदि महत्त्वपूर्ण भाग हैं।

hrc fuse diagram

इस फ्यूज की बाहरी संरचना सिरेमिक की बनी होती है और इसके बेलनाकार भाग में फिलर पाउडर भरा होता है। यह पाउडर सामान्यतः क्वार्ट्स रेत का होता है। इस फ्यूज यूनिट के दोनों सिरों पर ब्रास की टोपी होती है जिसके साथ धारा वहन करने के लिए द्वि-धात्विक पट्टी का फ्यूज तत्व जुड़ा रहता है।

किसी परिपथ में फॉल्ट होने की स्थिति में फ्यूज से फॉल्ट धारा प्रवाहित होती है तो फ्यूज तत्व, धारा के प्रथम शीर्ष मान प्राप्त करने से पूर्व ही पिघल जाता है और उत्पन्न ऊष्मा के कारण पिघला हुआ फ्यूज धातु वाष्पित हो जाता है।

चांदी के फ्यूज तत्व की यह वाष्प, फिलर पाउडर के साथ रासायनिक क्रिया करके एक उच्च प्रतिरोधी धातु बनाती है जो आर्क शमन में बहुत सहायक सिद्ध होती है। चित्र 1 में HRC कार्टाइज प्रकार का फ्यूज दर्शाया गया है।

HRC कार्टाइज फ्यूज के लाभ

HRC कार्टाइज फ्यूज के निम्न लाभ हैं

(a) इस प्रकार के फ्यूज की क्रिया धीरे तथा उच्च धारा पर संतोषजनक होती है। 

(b) इसमें ऑक्सीकरण की सम्भावना नहीं होती है। 

(c) इसमें उच्च गति से कार्य करने की क्षमता होती है। 

(d) इसकी कीमत भी कम होती है। 

(e) इनकी समय-धारा प्रकृति का वक्र व्युत्क्रम (inverse) होता है। 

(f) इनकी पहचान करना आसान है। 

HRC फ्यूज की हानियां

हानियां-HRC फ्यूज की निम्न हानियां हैं

(a) इनके ऑपरेशन के पश्चात् इन्हें इसे बदलना आवश्यक है।

(b) इनके ऑपरेशन के समय उच्च तापमान उत्पन्न होता है जो आस-पास के स्विच को हानि पहुंचा सकता है यदि इनकी सुरक्षा ठीक प्रकार से नहीं की जाए। 

2. ट्रिपिंग युक्त HRC कार्टाइज फ्यूज- चित्र में ट्रिपिंग युक्त IRC फ्यूज दर्शाया गया है। इसमें फ्यूज की बॉडी सिरेमिक की बनी होती और इसके दोनों ओर धात्विक टोपी लगी होती है। इन cap से सिल्वर के फ्यूज तत्व जुड़े रहते हैं और इसके लिए इसके एक सिरे पर plunger लगा होता है जो कि संबंधित परिपथ वियोजक-के लिए ट्रिपिंग युक्ति का कार्य करता है।

यह प्लंजर या तो परिपथ वियोजक से सीधे जुड़ा होता है या रिले परिपथ को बंद करके परिपथ वियोजक को क्रियाशील बनाता है और स्वयं रासायनिक आवेश द्वारा ऑपरेट होता है। रासायनिक आवेशों को ऑपरेट करने के लिए प्लंजर से कमजोर गलनीय तार जुड़ा होता है जो रासायनिक आवेशों से होते हुए टंगस्टन शंट तार से जुड़ा रहता है।

टंगस्टन तार का दूसरा सिरा फ्यूज के नीचे वाली टोपी से जुड़ा होता है। परिपथ में फॉल्ट होने की स्थिति में सर्वप्रथम चांदी के फ्यूज पिघल जाते हैं और उसके पश्चात् धारा, शंट तार में से प्रवाहित होती है जिससे टंगस्टन तार के साथ जुड़ा हुआ फ्यूजिबल लिंक फ्यूज हो जाता है और रासायनिक आवेश को कम कर देता है। यह आवेश कम होने पर प्लंजर को बाहर की ओर धकेलता है जो कि परिपथ वियोजक को ऑपरेट करता है। 

उपयोग- 3-phase परिपथ में जब फ्यूज उड़ जाता है तो यह परिपथ में लगे ब्रेकर को प्रारम्भ करके 2-phase में चलने के कारण होने वाली हानि को कम करता है।

 

3. GEC HRC फ्यूज- नीचे चित्र 3 में GEC HRC फ्यूज दर्शाया गया है। इस प्रकार के फ्यूज में बॉडी, सिलेण्डर आकार में सिरेमिक की बनी होती है तथा इसके दोनों सिरों पर धात्विक टोपी लगी होती है। इसमें प्रयुक्त फ्यूज तत्व शुद्ध चांदी का बना होता है जो सिलिका से घिरा होता है। इस प्रकार के फ्यूज में दो चौड़े गलन तत्व भी समानान्तर क्रम में लगे होते हैं जो परिपथ की ब्रेकिंग क्षमता को बढ़ाते हैं।

इस प्रकार के फ्यूज में एक सूचक भी लगा होता है जिसमें एक गेज का प्रतिरोधी तार, गलन तत्व के साथ समान्तर में जुड़ा रहता है और फ्यूज के साइड में पैकेट के रूप में ढका होता है जो चित्र 3 में दर्शाया गया है। 

HRC फ्यूज के उपयोग

HRC फ्यूज के उपयोग निम्न हैं

1. कम विभव वाले HRC फ्यूज का प्रयोग न्यून विभव वितरण तंत्र में ओवर लोड तथा लघुपथन की स्थिति के लिए किया जाता है। 

2.HRC फ्यूज सर्किट ब्रेकर की ब्रेक-अप सुरक्षा के लिए प्रयुक्त होता है जिसकी लघुपथन क्षमता उसकी रेटेड क्षमता MVA से बढ़ी हुई होती है।

आज आपने क्या सीखा :-

दोस्तों आज आपने सीखा कि HRC फ्यूज की बनावट और कार्यप्रणाली – Construction and Working Process of HRC Fuse in Hindi, फ्यूज क्या होता है और कितने प्रकार का होता है | HRC fuse क्या होता है?.construction and working of hrc fuse,explain construction types and working principle of hrc fuse,construction and operation of hrc fuse. के बारे में भी आपने जाना तो अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ में इसे शेयर कर सकते हो और अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके बता सकते हो

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