Babcock and Wilcox Boiler in Hindi | बैबकॉक और विलकॉक्स बॉयलर की कार्यप्रणाली

तो दोस्तों  इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि बैबकॉक और विलकॉक्स बॉयलर क्या है,  बैबकॉक और विलकॉक्स बॉयलर की कार्यप्रणाली, Babcock and Wilcox Boiler in Hindi. इस आर्टिकल में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं

Babcock and Wilcox boiler in Hindi ( बैबकॉक और विलकॉक्स बॉयलर क्या है )

यह एक अनुदैर्ध्य, water tube, बाह्य ज्वलित, निश्चित boiler है। 25 bar के pressure के लिए अधिकांशतः इसका use करते हैं। भाप के अतितापन का प्रबंध होने के कारण भापरोध valve पर 450°C temperature तक steam प्राप्त की जा सकती है। इस boiler की maximum वाष्पन क्षमता 5 x 10 kg/h तक होती है। ऐसे boiler क्रांतिक दाब तक के लिए भी बनाए जा चुके हैं।

     
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बैबकॉक और विलकॉक्स बॉयलर की कार्यप्रणाली, Construction

इसमें 0.5-1.5m व्यास तक का एक जल ड्रम होता है जिसका अगला सिरा छोटे तल द्वारा उद्वाही header से तथा पिछला सिरा एक लम्बे तल द्वारा अधोवाही header से connect रहता है। इन headers से लगभग 100 mm व्यास की कई अनन्त सीधी tubes connect होती हैं। यह tubes इस प्रकार लगी रहती हैं कि प्रत्येक पंक्ति की प्रत्येक tube ऊपर या नीचे की पंक्ति की दो tubes के बीच रहती हैं। इस अवस्था से यह लाभ है कि प्रत्येक जल नली दग्ध gases के ज्यादा सम्पर्क में आती है।

इस boiler में साधारणतया गतिशील झंझरी काम में लाई जाती है। झंझरी पर कोयला एक सिरे पर hopper द्वारा निश्चित मात्रा में भेजा जाता है। जाली लगभग 0.5 m/min की चाल से चलती है। अतः जब कोयला दूसरे छोर पर पहुंचता है तो पूर्णरूप से जल जाता है व राख नीचे गर्त में गिर जाती है।

प्रवात को नियंत्रित करने के लिए एक प्रवात नियन्त्रक लगा रहता है, जिसको जंजीर या रस्सी द्वारा boiler के अग्रभाग से संचालित किया जा सकता है। सम्पूर्ण boiler लोहे की गर्डरों पर लौह शलाकाओं द्वारा लटका रहता है। यह ईंट के निर्माण से स्वतन्त्र रहता है, जिससे boiler के सिकुड़ने व फैलने का ईंटों के ढांचों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

Boiler कोश लगभग आधा जल से भरा रहता है तथा शेष स्थान भाप के लिए होता है। जब कोयला हॉपर से झंझरी पर चलाया जाता है तो भट्टी से निकलने वाली गर्म गैसें ऊपर उठकर व्यारोध पट्टिकाओं के लगे होने से जल नलिकाओं के ऊपर से तीन बार गुजरती हैं तथा drum के निचले सिरे व अतितापक को भी ऊष्मा प्रदान करती हैं और अन्त में प्रवात नियंत्रक द्वारा chimney तक पहुंचती हैं तथा chimney से बाहर वायुमण्डल में निकल जाती हैं। दग्ध गैसों द्वारा गर्म होने पर नलियों का जल उद्वाही हैडर से होता हुआ कोश में आता है।

कोश से ही अधोवाही हैडर में ठण्डा जल आता है। जहां से वह पुनः अनेक नलिकाओं में गर्म होने के लिए प्रवेश करता इस प्रकार जल का सतत् परिसंचरण चलता रहता है। जल से उत्पन्न भाप कोश में जल के ऊपर एकत्रित होती रहती है। यहां से steam संग्रहित नलिका द्वारा अतितापक में प्रवेश करके, ऊष्मा अवशोषित कर अतितप्त हो जाती है। यहां से steam एक दूसरे नल से जो steam लाने वाले से सहअक्षीय होता है, रोध वाल्व तक पहुंचती है।

आज आपने क्या सीखा :-

अब आप जान गए होंगे कि बैबकॉक और विलकॉक्स बॉयलर क्या है,  बैबकॉक और विलकॉक्स बॉयलर की कार्यप्रणाली, Babcock and Wilcox Boiler in Hindi. इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|

उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो

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