सीसा-अम्ल बैटरी के गुण-दोष | Lead-acid batteries in hindi

दोस्तों आज  इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सीसा-अम्ल बैटरी के गुण-दोष, अम्ल संचायक बैटरी का अनुरक्षण, Advantages and disadvantages of lead-acid batteries के बारे में. इस आर्टिकल में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |

सीसा-अम्ल बैटरी के गुण-दोष | Advantages and disadvantages of lead-acid batteries in hindi

सीसा अम्ल बैटरी में निम्न दोष होते हैं 

     
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(i) प्लेटों का मुड़ना – यह दोष प्रायः बैटरी को अधिक दर से आवेशन या विसर्जन करने या अति आवेशन करने से होता है। इस दोष में प्लेटें मुड़ जाती हैं। प्लेटों में लघुपथ भी हो जाता है। इस दोष से बचने के लिए बैटरी को निर्माता के अनुदेशों अनुसार ही आवेशित तथा विसर्जित करना चाहिए ।

(ii) सल्फेशन- प्लेटों पर सफेद रंग के सल्फेट जमने से बैटरी की क्षमता कम हो जाती है। यह दोष बैटरी को अधिक आवेश (over charge) या अधिक विसर्जन से होता है। यह दोष बैटरी को लम्बे समय तक बिना चार्ज रखने से भी होता है। इस दोष को दूर रखने के लिए अपघट्य में थोड़ा सा carbonate soda मिलाया जाता है या बैटरी को टपकन आवेश (trickel charge) पर लगाकर रखना पड़ता है।

(iii) सैडीमेन्टेशन – धन प्लेट से गिरकर sediment तल में एकत्रित हो जाने को sedimentation कहा जाता है। इससे धन तथा ऋण प्लेटों में लघुपथ हो जाने की सम्भावना बढ़ जाती हैं। अपघट्य गंदला हो जाता है इस दोष को दूर करने के लिए अपघट्य बदल देना चाहिए ।

सैलों में लघुपथ होना – 

  • लघु पथ दोष प्रायः निम्न के कारण होता है
  • कठोर सीसा सल्फेट सक्रिय पदार्थ के कारण। 
  • सैलों की प्लेटों के मुड़ने के कारण। 
  • सैल के तल में sediment जमने के कारण । 

लघुपथ सैल के लघुपथ होने के संकेत

  • तेजी से विसर्जित होता है।
  • बैटरी आवेशन के समय अत्यधिक धारा लेती है। 
  • मापने पर दोषी सैल की वोल्टता अन्य सैलों से कुछ कम होती है।

सीसा अम्ल बैटरी में प्रयुक्त पदार्थ

प्रत्येक द्वितीयक संचायक सैल में तीन प्रकार के पदार्थ प्रयोग में लाए जाते हैं, जिनका वर्णन नीचे दिया गया है।

(i) लैड परॉक्साइड – यह सक्रिय पदार्थ है, जो एक परमाणु सीसे का, दो परमाणु ऑक्सीजन के रखता है। इसे रासायनिक रूप से PbO, से दर्शाया जाता है। लैड परॉक्साइड (PbO,) का रंग गहरा चॉकलेट भूरा (brown) होता है। यह काफी कठोर तथा भंगुर (brittle) होता है। इसे धन (+) सक्रिय पदार्थ कहा जाता है।

(ii) स्पंज सीसा – यह शुद्ध सीसा (lead) है, सान्द्र या स्पंज (spongy) दशा में होता है इसे ऋण (-) सक्रिय पदार्थ भी कहा जाता है। (container) को प्रायः सील किया जाता है ताकि अपघट्य को गिरने से रोका जा सके। प्लेटों से गैस के निकलने हेतु छिद्र प्लग (vent plug) में छिद्र बने होते हैं। शुद्ध जल अम्ल में वेंट प्लग खोलकर ही डाला जाता है।

(iii) तनु गंधक का अम्ल – सैल में तीसरा सक्रिय पदार्थ विद्युत विश्लेश्य है, जिसमें दोनों सक्रिय प्लेटों को डुबाकर रखा जाता है। विद्युत विश्लेश्यं (electrolyte) जो प्रयोग में लाया जाता है वह गंधक के तेजाब का हल्का घोल (solution) होता है इसमें तीन भाग पानी तथा एक भाग गंधक का अम्ल मिलाकर बनाया जाता है। विद्युत अपघट्य (electrolyte) का आपेक्षिक घनत्व (specific gravity) लगभंग 1.26 होती है। इसे रासायनिक रूप में Dil. H, SO4 से दर्शाया जाता है। सैल या बैटरी के सम्पूर्ण गठबंधन को एक पात्र (container) जो कठोर रबड़, कांच, ebonite या अन्य तारकोल (bituminous) यौगिक का बना होता है, रखकर सम्पूर्ण गठबंधन को ऊपर से सील (seal) कर दिया जाता है। 

अम्ल संचायक बैटरी का अनुरक्षण (Maintenance of Lead Acid Storage Battery in hindi)

  • सैल को कभी भी 1.8 वोल्ट से नीचे विसर्जित नहीं करना चाहिए अन्यथा अविलेय PbSO, बनकर प्लेटों पर रवों के रूप में जम जाएगा और फलस्वरूप सैल बेकार हो जाएगा।
  • विद्युत अपघट्य का तल प्लेटों के ऊपर 10 से 15mm तक रखना चाहिए। 
  • सैल को कभी-कभी अधि- आवेशित (over charge) करना चाहिए ताकि प्लेटों पर जमा अविलेय PbSO4 साफ हो जाए।
  • सीसा अम्ल बैटरी को लकड़ी या रबड़ के गुटकों पर रखना चाहिए। 
  • बैटरी के टर्मिनलों और संयोजनों (connections) को सदैव संक्षारण (corrosion) से मुक्त रखना चाहिए। यदि ऑक्साइड एकत्रित हो जाए तो उसे सोडा और पानी से या तनु अमोनिया के घोल से साफ कर लेना चाहिए।
  • बैटरी के टर्मिनलों पर वैसलीन या पेट्रोलियम जैली लगाकर रखनी चाहिए ताकि उन पर संक्षारण प्रभाव न हो ।
  • बैटरी के पास कभी भी लौ (flame) या चिंगारी नहीं लानी चाहिए। 
  • बैटरी को कभी लम्बे अर्से तक विसर्जित अवस्था में नहीं रखना चाहिए अन्यथा प्लेटों पर PbSO4 के अविलेय रवे (crystal) जमने लगेंगे। सैल में अपघट्य की कमी को पूरा करने के लिए उसमें आसुत जल (distilled water) ही डालना चाहिए ।
  • सैल को विसर्जित करने के पश्चात् शीघ्र ही उसे आवेशित कर लेना चाहिए।
  • निर्माता द्वारा वर्णित निर्देशों के अनुसार ही बैटरी को आवेशित तथा विसर्जित करना चाहिए।
  • सैल के अपघट्य का आ.घ. सैल को आवेशित और विसर्जित करने के पश्चात् देख लेना चाहिए।
  • यदि बैटरी निरन्तर उपयोग में नहीं ली जाती है तो उसे ताजा रखने के लिए टपकन आवेश (trickel charging) पर लगा देना चाहिए । बैटरी और प्रदाय की ध्रुवता उचित होनी चाहिए।
  • बैटरी को साधारणतया अधिक आवेशित नहीं करना चाहिए । 
  • आवेशन के समय अपघट्य का तापक्रम 50°C से ऊपर नहीं बढ़ना चाहिए।
  • टर्मिनल खूंटे पर संयोजन सुदृढ़ होना चाहिए।
  • बैटरी को कदापि अति शीघ्र आवेशित व विसर्जित नहीं करना चाहिए अन्यथा धन प्लेटों के क्षय होने की अधिक सम्भावना रहती है । 
  • बैटरी को सदैव उचित दर से चार्ज करना चाहिए।
  • बैटरी को सदैव हवादार कमरे में रखना चाहिए। धूल, मिट्टी से मुक्त होना चाहिए ताकि अम्ल में धुएं (fumes) से दूषित न हो पाए ।

आज आपने क्या सीखा :-

अब आप जान गए होंगे कि अम्ल संचायक बैटरी का अनुरक्षण, Maintenance of Lead Acid Storage Battery in hindi, सीसा अम्ल बैटरी में प्रयुक्त पदार्थ, सीसा-अम्ल बैटरी के गुण-दोष, Advantages and disadvantages of lead-acid batteries in hindi. इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|

उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो

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