प्रत्यावर्ती धारा एवं दिष्टधारा संचरण के लाभ व हानियां

हेलो दोस्तों, आज में आपको बताने वाला हूं कि ए.सी. और डी.सी. ट्रांसमिशन लाइन के लाभ और हानि,  प्रत्यावर्ती धारा एवं दिष्टधारा संचरण के लाभ व हानियां (Advantages and Disadvantages of AC and DC Transmission in Hindi): अगर आप भी है जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिए | तो चलिए शुरू करते हैं

ए.सी. और डी.सी. ट्रांसमिशन के लाभ और हानि

प्रत्यावर्ती धारा संचरण के लाभ (Adavantages of AC Transmission)

(i) प्रत्यावर्ती धारा संचरण में वैद्यत शक्ति को उच्च विभव पर उत्पन्न कर सकते है। 

     
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(ii) AC उप-स्टेशन की मेन्टीनेंस आसान तथा कम कीमत पर होती है। 

(iii) AC विभव को ट्रांसफॉर्मर की सहायता से स्टेप-अप या डाउन किया जा सकता है। 

(iv) उच्च विभव पर शक्ति के संचरण के लिए तथा सुरक्षित विभव पर शक्ति के वितरण के लिए प्रत्यावर्ती धारा प्रयुक्त होती है। 

 

प्रत्यावर्ती धारा संचरण की हानियां (Disadavantages of AC Transmission)

(i) AC लाइन को DC लाइन की अपेक्षा अधिक तांबे की आवश्यकता होती है। |

(ii) AC प्रेषण लाइन का निर्माण (construction) DC की तुलना में कठिन होता है। 

(iii) AC तंत्र में स्किन प्रभाव के कारण लाइन का प्रभावी प्रतिरोध बढ़ता है। 

(iv) AC में आवेशन धारा के कारण भार की अनुपस्थिति में भी शक्ति हानि होती है।

(v) AC प्रेषण में प्रेरण व धारितीय प्रभाव के कारण विभव रेग्यूलेशन अधिक होता है। 

(vi). DC की तुलना में अधिक इन्सुलेशन की आवश्यकता होती है। 

दिष्टधारा संचरण के लाभ (Adavantages of DC Transmission)

(i) इसमें केवल दो चालकों की आवश्यकता होती है जबकि प्र. धारा प्रेषण में तीन चालकों की आवश्यकता होती है जिससे कॉपर व एल्युमिनियम चालक धातुओं की बचत होती है।

(ii) DC प्रेषण में प्रेरकत्व, प्रतिधात, फैज परिवर्तन तथा सर्ज (surge) की समस्या नहीं होती है। 

(iii) DC प्रेषण में AC लाइन की तुलना में समान लोड तथा प्रेषित सिरा विभव के लिए विभवपात कम होता है। परन्तु इसके लिए प्रेरकत्व नहीं होना चाहिए। 

(iv) DC तंत्र में स्किन प्रभाव की समस्या नहीं होती है। इसलिए चालक का अनुप्रस्थ काट का क्षेत्र पूर्णतया उपयोग हो जाता है। 

(v) समान कार्यशील विभव के इन्सुलेशन पर विभवान्तर AC तंत्र की तुलना में DC तंत्र में कम होता है। अत: DC तंत्र में कम इन्सुलेशन की आवश्यकता होती है। 

(vi) DC लाइन में कोरोना प्रभाव भी कम होता है और संचार परिपथ क साथ हस्तक्षेप (interference) भी कम होता है। 

(vii) उच्च विभव DC संप्रेषण में परावैद्युत हानि नहीं होती है।

(viii) DC प्रेषण में स्टेबलिटी समस्या तथा सिन्क्रोनाइजिंग की समस्या नहीं होती है। 

(ix) DC तंत्र में प्रेरणिक व धारितीय प्रभाव नहीं होने के कारण लाइन विभव रेग्यूलेशन कम होता है। 

 

दिष्टधारा संचरण की हानियां (Disadavantages of DC Transmission)

 (i) संचार (communication) समस्या के कारण उच्च दिष्टधारा वोल्टता पर विद्युत शक्ति का उत्पादन नहीं किया जा सकता है। 

(ii) उच्च वोल्टता पर शक्ति के संचरण के लिए दिष्टधारा वोल्टता को बढ़ाया (step-up) नहीं जा सकता है। 

(iii ) दिष्टधारा स्विच एवं परिपथ ब्रेकर की स्वयं की कुछ सीमाएं होती हैं।

अब आप जान गए होंगे कि ए.सी. और डी.सी. ट्रांसमिशन लाइन के लाभ और हानि,  प्रत्यावर्ती धारा एवं दिष्टधारा संचरण के लाभ व हानियां, प्रत्यावर्ती धारा संचरण के लाभ (Advantages and Disadvantages of AC and DC Transmission in Hindi, Adavantages of AC Transmission in hindi.

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