क्या आप स्टेटिक रिले क्या है : इसके लाभ, उपयोग (What is static Relay in hindi) के बारे में जानना चाहते है? यदि हां तो मै इस पोस्ट में Static Relay के बारे में विस्तृत जानकरी शेयर कर रहा हूँ.
स्टेटिक रिले क्या है? (What is Static Relay in hindi)
वैधुत चुंबकीय रिले को स्थेतिक(स्टेटिक) रिले में रूपान्तरित किया जा सकता है तथा वैद्युत चुम्बकीय रिले में मूविंग भाग द्वारा प्राप्त की जाने वाली प्रवृति (Characteristic) को स्थैतिक रिले से प्राप्त करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक परिपथ का प्रयोग करते हैं। जैसे-प्रेरण रिले में प्रचालन समय को व्यवस्थित करने के लिए डिस्क द्वारा दूरी को व्यवस्थित करते हैं। इसी प्रकार स्थैतिक रिले में R-C समय विलम्ब परिपथ में प्रतिरोध को व्यवस्थित करके प्राप्त किया जाता है।
अन्य शब्दों में, जिन फलनों को वैद्युत चुम्बकीय रिले में मूविंग भाग द्वारा नियन्त्रित करते हैं, उन्हें स्थैतिक रिले में इलेक्ट्रॉनिक परिपथ नियंत्रण द्वारा संपादित किया जाता है।
स्थैतिक रिले के लाभ- Advantages Static Relay in hindi
स्थैतिक रिले के वैद्युत चुम्बकीय रिले की अपेक्षा निम्न लाभ हैं
- इनकी सार्थकता अधिक है।
- प्रचालन दर उच्च होती है।
- इसमें मूविंग भाग केवल ट्रिपिंग परिपथ में होते हैं।
- स्थैतिक रिले के प्रचालन के लिए बहुत कम Volt-amp की जरूरत होती है अतः धारा ट्रांसफॉर्मर तथा शक्ति ट्रांसफॉर्मर बहुत ही कम VA रेटिंग के प्रयुक्त होते हैं।
स्थैतिक रिले के भाग- Part of Static Relay in hindi
स्थैतिक रिले में प्रचालन के लिए निम्न भाग होते हैं
- वोल्टेज सप्लाई (Voltage Supply)-स्थैतिक रिले के परिपथ को ऊर्जा देने के लिए 24VDC की आवश्यकता होती है। यह 230 VAC को 240 VDC में परिवर्तित करके या स्टेशन बैटरी सप्लाई को 110 से 24VDC में प्राप्त किया जाता है।
- तुल्य परिपथ (Comparator)-यह वास्तविक सप्लाई की पूर्व निर्धारित रेफरेन्स से तुलना करता है। यह दो या अधिक विभवों की तुलना करता है।
- समय विलम्ब परिपथ (Time Delay Circuit)-परिपथ में RC के मान को व्यवस्थित करके प्रचालन के लिए आवश्यक समय सैट किया जाता है।
- लॉजिक परिपथ (Logic Circuit)-रिले को तार्किक गेट द्वारा प्रचालित करने के लिए इस परिपथ द्वारा स्थिति निश्चित की जाती है और जब ये स्थितियां संतुष्ट होती हैं तो रिले प्रचालन शुरू हो जाता है।
- निर्गत युक्ति (Output Device)-रिले की वास्तविक ट्रिपिंग को SCR के firing परिपथ द्वारा या तार्किक गेट से Output में आने वाले संकेत से जुड़े हुए आर्मेचर प्रकार के रिले की ऑपरेटिंग से प्राप्त किया जाता है।
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स्थैतिक रिले के उपयोग- Uses of Static Relay in hindi
- मध्यम (medium) एवं लम्बे (long) प्रसारण (transmission) रक्षण हेतु।
- समानान्तर फीडर (parallel feeders) के रक्षण के लिए।
- यह यूनिट को बैकअप (backup) रक्षण प्रदान करती है।
- इन्हें अन्तर्योजित (interconnected) तथा T-योजित (T-connected) लाइन में भी काम में लेते हैं।
स्थैतिक रिले का वर्गीकरण- Classification of Static Relay in hindi
प्रचालन समय के आधार पर प्रतिरक्षी रिले का वर्गीकरण निम्न प्रकार करते है
- तात्क्षणिक रिले (Instantaneous Relay)-इस प्रकार के रिले में फॉल्ट होने पर तुरन्त प्रचालन शुरू हो जाता है।
- निश्चित टाइम लैग रिले (Definite Time Lag Relay)-इस प्रकार की रिले में कार्यकारी समय, धारा व कार्यकारी मात्रा के मान से पूर्णतया स्वतंत्र रहता है।
- व्युत्क्रम टाइम लैग रिले (Inverse Time Lag Relay)-इस प्रकार की रिले में प्रचालन समय, धारा व रिले का प्रचालित करने वाली अन्य अवयवों के मान के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
- व्युत्क्रम निश्चित न्यूनतम समय वाली रिले (Inverse Definite Time Lag Relay)-इस प्रकार की रिले में प्रचालन समय रिले की धारा व प्रचालित करने वाली अवयवों के निम्नतम मान के समानुपाती होता है।
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आज आपने क्या सीखा :-
दोस्तों आज आपने सीखा कि स्टेटिक रिले क्या है : इसके लाभ, उपयोग (What is static Relay in hindi). इसके अलावा भी आपने जाना की स्थैतिक रिले के लाभ- Advantages Static Relay in hindi, स्थैतिक रिले के भाग- Part of Static Relay in hindi, स्थैतिक रिले के उपयोग- Uses of Static Relay in hindi, रिले का वर्गीकरण- Classification of Static Relay in hindi. के बारे में भी आपने जाना तो अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ में इसे शेयर कर सकते हो और अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके बता सकते हो