आज के इस आर्टिकल में आपको सिखाने वाला हूं कि ऑटो ट्रांसफार्मर क्या होता है? (auto transformer in hindi) और ऑटो ट्रांसफार्मर के लाभ और हानि और इसके उपयोग ( auto transfomer advantages,disadvantages and uses in hindi) के बारे में बताने वाला हूं तो अगर आप भी आ जाना चाहते हो कि ऑटो ट्रांसफॉर्मर क्या होता है और इसके लाभ और हानि. यहां पर आपको अच्छी तरीके से जानकारी देने वाला हूं|
ऑटो ट्रांसफॉर्मर क्या होता है? (Auto Transformer in hindi)
ऑटो ट्रांसफॉर्मर (स्व ट्रांसफॉर्मर) में लेमिनेटेड क्रोड पर केवल एक ही कुण्डलन की जाती है। इस कुण्डलन का कुछ भाग प्राथमिक तथा द्वितीयक कुण्डलन में उभयनिष्ठ होता है। इसका कार्य सिद्धान्त दो कुण्डलन ट्रांसफार्मर की तरह ही होता है। एक कुण्डलन होने के कारण इस ट्रांसफार्मर में ताम्र की बचत होती है। इसके द्वारा सतत परिवर्तनशील निर्गत वोल्टता प्राप्त की जा सकती है। इस ट्रांसफार्मर में प्राथमिक तथा द्वितीयक कुण्डली वैद्युत रूप से (Electrically) पृथक नहीं होती है।
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ऑटो ट्रांसफॉर्मर के लाभ (Advantages of Auto Transformer)
ऑटो ट्रांसफॉर्मर के लाभ निम्नलिखित हैं
1. इस ट्रांसफॉर्मर से निरंतर परिवर्तनशील मान का आउटपुट वोल्टेज प्राप्त किया जाता है।
2.स्व-ट्रांसफार्मर को कम तांबे की आवश्यकता होती है, क्योंकि इसके कुंडल के एक भाग में (जो प्राथमिक और द्वितीयक दोनों के लिए सामान्य है) द्वितीयक और प्राथमिक धारा के बीच का अंतर है
3. इस ट्रांसफार्मर की दक्षता का मूल्य अधिक है।
4. ऑटो ट्रांसफार्मर के अच्छे वोल्टेज रेगुलेशन पर काम करता है। इसलिए इनका उपयोग रेगुलेटिंग ट्रांसफॉर्मर के रूप में भी किया जाता है।
ऑटो ट्रांसफॉर्मर की हानियां (Disadvantages of Auto Transformer)
1. इसकी सबसे बड़ी कमी, इसके प्राथमिक एवं द्वितीयक के बीच सीधे विद्युत संयोजन का होना है। यदि प्राथमिक को उच्च वोल्टता प्रदाय दी जाए, तो कुण्डलन में दोष (fault) होने की दशा में द्वितीयक परिपथ की वोल्टता के खतरनाक होने की संभावना रहती है।
2. इसका प्रतिघात कम होता है, जिससे लघुपथ की स्थिति में कुण्डलन में अधिक मान की धारा प्रवाहित होती है।
3.जब रूपान्तरण (transformation) प्राथमिक की अपेक्षा बहुत उच्च वोल्टता पर होता है तब यह आवश्यक है कि दोनों कुण्डलन विद्युत दृष्टिकोण में परस्पर अच्छी प्रकार विद्युतरोधी हों। ऐसा आटा ट्रांसफॉर्मर में सम्भव नहीं है।
ऑटो ट्रांसफॉर्मर के उपयोग (Applications of Auto Transformer hindi)
1. ऑटो ट्रांसफॉर्मर नियामक ट्रांसफॉर्मर की भांति उपयोग किए जाते हैं। जैसे पंखों की गति नियंत्रण के लिए।
2. इनका उपयोग प्रत्यावर्ती धारा फीडर (feeder) में वोल्टता वृद्धि के लिए बूस्टर (booster) के रूप में किया जाता है।
3. प्रेरण मोटर को चलाने के लिए प्रारंभक (starter) के रूप में उपयोग किया जाता है।
4. इनका उपयोग शक्त्ति तथा प्रकाश परिपथों के वोल्टता नियंत्रण के लिए किया जाता है।
अब आप जान गए होंगे कि ऑटो ट्रांसफार्मर क्या होता है? (autotransformer in hindi) और ऑटो-ट्रांसफार्मर के लाभ और हानि (autotransformer advantages disadvantages in hindi) और इसके उपयोग के बारे में आपको जानकारी मिल गई होगी| इन सभी प्रश्नों के बारे में आपको अच्छे से जवाब मिल गया होगा|
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