नमस्कार पाठको, क्या आप ऊर्जा प्रबंधन क्या है | What Is Energy Management in Hindi पर पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं? यदि हां तो तो इस लेख में आपको ऊर्जा प्रबन्धन के उद्देश्य, ऊर्जा प्रबंध की आवश्यकता, ऊर्जा प्रबंधन के सिद्धान्त, ऊर्जा प्रबंधन की महत्वता से संबंधित पूरी जानकारी जानने को मिलेगी।
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ऊर्जा प्रबंधन क्या है? ( What Is Energy Management in Hindi)
ऊर्जा प्रबंधन एक ऐसा शब्द है जिसमें अनेक अर्थ होते हैं परन्तु यहां हम इसके व्यवसाय, लोक नीति/सरकारी उपक्रमों तथा घरों में ऊर्जा संरक्षण पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं।
ऊर्जा संरक्षण का आशय-ऊर्जा प्रबंधन का आशय एक उपक्रम या बिल्डिंग में ऊर्जा नियंत्रण, संरक्षण व निरीक्षण से है। इसमें प्रमुख रूप से निम्न चरण शामिल हैं
1. ऊर्जा उपभोग व संग्रहण के आंकड़ों को निगमित करना।
2. ऊर्जा बचाव के उपायों को खोजना तथा ऊर्जा बचाव के अवसरों का अनुमान लगाना। मीटर डेल का विश्लेषण करना तथा दैनिक ऊर्जा अपव्ययों की मात्रा की पहचान करना, जिससे बिल्डिंग में प्रयुक्त अधिक उपभोग वाले विद्युत उपकरणों को तथा उच्च सुरक्षा व कम ऊर्जा व्यय करने वाले आधुनिक व अक्षत ऊर्जा वाले उपकरणों से बदल सकते हैं। इसके साथ ही बिल्डिंग की रोधन प्रणाली में भी या पुराने वायर्स को भी प्रतिस्थापित कर सकते हैं।
3. मीटर डेटा का विश्लेषण कर इसमें सुधारों का निरीक्षण करना होगा तथा ऊर्जा संरक्षण उपायों की प्रगति की समीक्षा की जानी चाहिए।
4. इस प्रकार पुनः चरण 2 पर जाएं तथा यह चक्र निरंतर चलाएं। अनेक व्यक्ति ऊर्जा प्रबंधन का संबंध विशेष रूप से विद्यमान बिल्डिगों व उपकरणों के बेहतर उपयोग के तरीकों से ऊर्जा संरक्षण प्रयासों से लगाते हैं। जबकि यह विषय यहीं तक सीमित नहीं है इसका क्षेत्र काफी विस्तृत है। यह ऊर्जा संरक्षण के व्यावहारिक पहलुओं (अर्थात् ऊर्जा सचेतता से लोगों को ऊर्जा बचाने व ऊर्जा के कम उपयोग को प्रोत्साहन देना तक सीमित न होकर, लोगों में सस्ते एवं टिकाऊ ऊर्जा नियंत्रण उपकरणों जैसे टाईमर स्वीचेंस का प्रयोग भी इसमें शामिल किया जाना होगा।
उपरोक्त चार चरणीय प्रक्रिया को दूसरे तरीके से भी प्रयोग में लाया जा सकता है, जो कि आप पर निर्भर होगी कि आप कौन से ऊर्जा संरक्षण उपायों को अपनाना चाहेगें। चाहे वे नये उपकरण या बिल्डिंग के तारों में बदलाव ही क्यों न हो।
ऊर्जा प्रबन्धन के उद्देश्य (Objective of Energy Management in hindi)
ऊर्जा प्रबन्धन के मुख्य लक्ष्य निम्नलिखित हैं-
- उत्पादन और गुणवत्ता को प्रभावित करे बिना ऊर्जा मूल्य की बर्बादी को न्यूनतम करना।
- पर्यावरण के प्रभाव और परिवर्तन को न्यूनतम करना।
- ऊर्जा निर्गत प्रति इकाई के लिए ईंधन की आवश्यकता को कम करना।
- सभी विधियों, संगठनो में कठिनाई से प्राप्त होने वाली ऊर्जा का यथा संभव सर्वोत्तम उपयोग करना।
- मांग की आवश्यकता अनुसार लघु, मध्यम, और लंबी अवधि की योजना को स्थापित करना।
ऊर्जा प्रबंध की आवश्यकता (need for energy management in hindi)
ऊर्जा प्रबंध की आवश्यकता निम्न कारणों से है-
- वायुमण्डल में कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन कम करने हेतु यह आवश्यक है कि ऊर्जा दक्षता को बढ़ाया जाये और नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों का अधिक उपयोग किया जाये।
- हम बेहतर उपकरणों के प्रयोग एवं स्थापना व उपकरणों के दक्ष उपयोग द्वारा काफी धन की बचत कर सकते हैं।
- हम ऊर्जा का दक्षतापूर्वक उपयोग कर (उदाहरणार्थ अति तप्त कमरों का प्रयोग न करके) एक अधिक आरामदायक कार्य का वातावरण प्राप्त कर सकते हैं।
- यह ऊर्जा मूल्यों की पहचान का एक सीधा रास्ता है।
ऊर्जा प्रबंधन के सात सिद्धान्त (Seven Principles of Effective Energy Management in hindi)
बढ़ती हुई ऊर्जा कीमतों को देखते हुए ऊर्जा प्रबंधन को सुधारना किसी भी ऊर्जा प्रबंधक की मुख्य प्राथमिकता है। बहुत सारी नयी ऊर्जा-बचत की तकनीकें उपलब्ध हैं पर वो अपने आप में सफल ऊर्जा कार्यक्रम की गारन्टी नहीं देती हैं। किसी भी ऊर्जा तंत्र में ऊर्जा प्रबंधक को अच्छे ऊर्जा प्रबंधन के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए-
(1) ऊर्जा का कब, कहां और कैसे उपयोग होना है इसकी पूरी जानकारी किए बिना किसी भी project को सहमति नहीं देनी चाहिए। ऊर्जा उपयोग के तरीकों की पूरी जांच-पड़ताल करना किसी भी ऊर्जा प्रोग्राम का पहला और सबसे महत्वपूर्ण पद है।
(2) ऊर्जा तंत्र के उपयोग को नियंत्रित करके ज्यादा ऊर्जा की बचत की जा सकती है (जैसे लाइटिंग) अपेक्षाकृत ज्यादा दक्ष उपकरण लगाने के (जैसे T-8 लैम्पस) अर्थात जितनी आवश्यकता हो उतनी ही ऊर्जा काम में लेनी चाहिए जरूरत ना होने पर स्विच ऑफ कर देना चाहिए।
(3) अच्छे तरीके से प्रबंधित और प्रतिपादित (maintain) सेवाओं से ज्यादा सफल ऊर्जा कार्यक्रम प्राप्त किए जा सकते हैं अपेक्षाकृत तकनीकी उपकरणों की भी संख्या बढ़ाने के।
(4) अच्छा प्रतिपादन और अच्छे ऊर्जा प्रबंधन से ऊर्जा संरक्षण की उच्च दर प्राप्त की जा सकती है और इससे ऊर्जा की लागत में भी कमी आयेगी।
(5) आवश्यकता के अनुरूप ऊर्जा तंत्र में संरक्षण प्रतिपादन(maintenance) करवाना चाहिए। जैसे-जब उपकरण नये होते हैं तब उनके प्रतिपादनसंरक्षण (maintenance) की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन जब पुराने हो जाते हैं तो समय-समय पर उनकी मरम्मत की आवश्यकता पड़ती है अतः आवश्यकता के अनुसार प्रतिपादनसंरक्षण (maintenance) की सुविधा होनी चाहिए।
(6) प्रतिपादनसंरक्षण (maintenance) और ऊर्जा प्रबंधन अलग-अलग उद्देश्यों से कार्य करते हैं और इनमें से एक भी दूसरे को प्रतिस्थापित नहीं कर सकता है। जैसे-उपकरणों की सफाई, खराब lamp को बदलना आदि
अच्छी सार-सम्भाल (maintenance) के भाग हैं। लेकिन ज्यादा प्रभावी लैम्पों का स्थापन ऊर्जा प्रबंधन का भाग है। जब बजट तैयार किया जाता है तो इन अंतरों को ध्यान में रखना चाहिए।
(7) स्वचालित ऊर्जा प्रबंधन तंत्र, खराब सिस्टम डिजायन की कमी को पूरा नहीं कर सकता है। यदि हीटिंग और कूलिंग लोड ठीक प्रकार से अनुमानित नहीं हो पा रहे हैं या लोड नापने वाला उपकरण ही ठीक नहीं है तो स्वचालित ऊर्जा प्रबंधन तंत्र उसके प्रदर्शन को ठीक नहीं कर सकता है, अतः ऊर्जा प्रबंधक को इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर ऊर्जा तंत्र की जांच करते रहना चाहिए।
ऊर्जा प्रबंधन की महत्वता (Significance of Energy Management in hindi)
किसी भी संगठन में ऊर्जा की बचत ऊर्जा प्रबंधन द्वारा की जा सकती है। संगठन में यदि ऊर्जा की बचत सही ढंग से की जाए तो विश्व स्तर पर ऊर्जा सम्बन्धित उद्देश्यों को पूरा किया जा सकता है क्योंकि विश्व स्तर पर ऊर्जा की बचत ऊर्जा की कीमतों, उत्सर्जन लक्ष्य (Emission target), नियम-कानूनों (Legislations) को प्रभावित करती हैं।
आज आपने क्या सीखा :-
दोस्तों आज आपने सीखा कि ऊर्जा प्रबंधन क्या है | What Is Energy Management in Hindi. इसके अलावा भी आपने जाना की ऊर्जा प्रबन्धन के उद्देश्य (Objective of Energy Management in hindi), ऊर्जा प्रबंध की आवश्यकता (need for energy management in hindi), ऊर्जा प्रबंधन के सात सिद्धान्त (Seven Principles of Effective Energy Management in hindi), ऊर्जा प्रबंधन की महत्वता (Significance of Energy Management in hindi). के बारे में भी आपने जाना तो अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ में इसे शेयर कर सकते हो और अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके बता सकते हो
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