हेलो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपको बताने वाला हूं कि यूपीएस/UPS क्या है? (Whai is ups), UPS के प्रकार, ऑनलाइन तथा ऑफ लाइन UPS का वर्णन:अगर आप भी है जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिए | तो चलिए शुरू करते हैं
UPS क्या है? (What is UPS)
UPS (Uninterruptible Power Supply)-उच्च तकनीकी उपकरणों जैसे-computer, process control device, communication system आदि में यदि अचानक power बन्द हो जाये तो data loss हो सकता है। अतः इस प्रकार के उपकरणों में क्षणभर के लिये supply में उत्पन्न बाध्य के कारण बड़े पैमाने पर losses हो सकते हैं। इस समस्या के निराकरण के लिए एक uninterruptible power supply बनाई गई जिसे UPS के नाम से जाना जाता है।
UPS में मुख्यतः DC battery का उपयोग किया जाता है। जब supply (AC mains) उपलब्ध होती है उस समय इस AC को DC में convert करके battery में store कर लिया जाता है। UPS के output के लिये ये battery input की तरह behave करती है। यदि इस दौरान AC mains supply बन्द हो जाती है तो उस स्थिति में battery में stored power के द्वारा supply की पूर्ति की जाती है जिससे AC mains off होने पर भी लगातार output मिलता रहता है।
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Block Diagram of UPS
चित्र में UPS का block diagram दिखाया गया है। चित्र के अनुसार UPS को मुख्यतः चार भागों (four stage) में वर्गीकृत किया जाता है।
Block diagram के अनुसार सबसे पहले AC supply को rectifier की सहायता से DC में convert कर लिया जाता है। इस DC supply को एक battery Bank को दिया जाता है। जहां इन बैट्रियों को charge किया जाता है साथ ही rectifier के output को एक inverter, परिपथ को दिया जाता है। Inverter पुनः DC को AC में परिवर्तित कर देता है। Inverter के Output को एक static switching network के द्वारा output stage को दिया जाता है। Output stage का उपयोग AC supply के दोष को दूर करके required voltage का output प्रदान करता है। UPS के प्रकार:–
1.ऑन लाइन UPS
2.ऑफ लाइन UPS
ऑफ लाइन यू.पी.एस. (Off-line UPS)
इस प्रकार के यू.पी.एस. के द्वारा सामान्य अवस्था में आउटपुट मुख्य ए.सी. स्त्रोत (AC main) से प्राप्त किया जाता है परन्तु मुख्य ए.सी. के ऑफ होने के पश्चात् आउटपुट को इनवर्टर से प्राप्त किया जाता है। मुख्य ए.सी. से इनवर्टर पर स्विचिंग, विद्युतीय युक्ति द्वारा की जाती है फिर भी इस स्विचिंग के दौरान आंशिक व्यवधान उत्पन्न होता है। चित्र 2 द्वारा ऑफ लाइन यू.पी.एस. के खण्ड आरेख को दर्शाया गया है।
मुख्य ए.सी. ऑन की अवस्था में बैटरी चार्जर द्वारा बैटरी को चार्ज किया जाता है। बैटरी चार्जर मूल रूप से दिष्टकारी (Rectifier) होता है। दिष्टकारी के अतिरिक्त इसमे ऑटो कट की सुविधा होती है ताकि बैटरी के पूर्ण चार्ज हो जाने के पश्चात् ऑटो कट से इनपुट आना बन्द हो जाये|
इलेक्ट्रोनिक स्विच S, एवं S, मुख्य ए.सी.सेन्सर एवं स्विच नियंत्रण इकाई द्वारा नियंत्रित होते हैं जब मुख्य ए.सी. आ रही होती है तब स्विच S, एवं 5, का पोत कमशः कॉन्टेक्ट । एवं 2 पर होते हैं। जिसके प्रतीपक का इनपुट खुला (open) रहता है तथा यू.पी.एस. आउटपुट मुख्य ए.सी. से जुड़ा होता है। मुख्य ए.सी. ऑफ होने के पश्चात् सेन्सर एवं स्विच नियंत्रण इकाई स्विच को ऑपरेट करती है। अतः स्विच S, एवं S, का पोल क्रमशः 1 एवं 2′ पर होता है। इस अवस्था में इनवर्टर का इनपुट बैटरी से जुड़ जाता है तथा यू.पी.एस आउटपुट इनवर्टर रो आंशिक व्यवधान पश्चात् ए.सी. प्राप्त होने लगती है। मुख्य ए.सी. आने के पश्चात् पुनः स्विच ऑपरेट होंगे। अतः स्विच के पोल क्रमशः 1 एवं 2 पर होगें तथा यू.पी.एस का आउटपुट पुनः मुख्य ए.सी. से जुड़ जाएगा।
ऑन लाइन यू.पी.एस (On-Line UPS)
ऑफ लाइन यू.पी.एस. में स्विचिंग के दौरान कुछ मिली सेकण्ड का व्यवधान उत्पन्न होता है परन्तु कुछ उपकरणों में नगण्य व्यवधान की ए.सी. की आवश्यकता होती है। नगण्य व्यवधान की ए.सी. को प्राप्त करने के लिए ऑन लाइन यू.पी.एस. प्रयुक्त किये जाते हैं। इस प्रकार के यू.पी.एस में आउटपुट हमेशा प्रतीपक से प्राप्त किया जाता है। चित्र 3 द्वारा ऑन लाइन यू.पी.एस के खण्ड आरेख को दर्शाया गया है।
बैटरी चार्जर मुख्य ए.सी. से ए.सी. प्राप्त करके बैटरी को चार्ज करता है। बैटरी चार्जर मूल रूप से दिष्टकारी (Rectifier) होता है जिसमें ऑटो कट परिपथ भी होता है जिसके द्वारा चार्जिंग पूर्ण होने पर बैटरी इनपुट को कट कर दिया जाता है। प्रतीपक, बैटरी के द्वारा डी.सी ऊर्जा को प्राप्त करके ए.सी. में परिवर्तित करता है।
प्रतीपक के आउटपुट से ए.सी. प्राप्त की जाती है। आउटपुट में मीटर लोड धारा एवं विभव को प्रदर्शित करता है जबकि बचाव परिपथ लघु परिपथ एंव अतिधारा (over load) से बचता है। चुंकि आउटपुट हमेशा इनवर्टर से प्राप्त किया जाता है तथा स्विचिंग नहीं होती है अतः हमें नगण्य व्यवधान की ए.सी. प्राप्त होती है।
ऑन लाइन यू.पी.एस. द्वारा प्राप्त की जाती है परन्तु बैटरी एवं प्रतीपक के हमेशा सक्रिय होने की वजह से बैटरी एवं प्रतीपक का रखरखाव (maintenance) अधिक होता है तथा इनकी उम्र कम होती है।
ऑफ लाइन यू.पी.एस. का समग्र रूप से खर्च, ऑन लाइन यू.पी.एस. के अलावा कम होता है परन्तु स्विचिंग की वजह से आंशिक व्यवधान होता है। जरूरत के अनुसार उचित यू.पी.एस. का चयन किया जाता है।
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अब आप जान गए होंगे कि यूपीएस/UPS क्या है? (Whai is ups), UPS के प्रकार, ऑनलाइन तथा ऑफ लाइन UPS का वर्णन|