सोडियम वाष्प लैम्प: संरचना, कार्यप्रणाली, सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में

हेलो दोस्तों, इस आर्टिकल में आपको बताने वाला हूं कि सोडियम वाष्प लैम्प: संरचना, कार्यप्रणाली, सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में, सोडियम वाष्प लैम्प की संरचना- Construction of Sodium Vapour Lamp in hindi | तो चलिए शुरू करते हैं

सोडियम वाष्प लैम्प क्या है- What is Sodium Vapour Lamp in hindi

निम्न दाब सोडियम वाष्प लैम्प पीला प्रकाश एक ही तरंग लम्बाई 5980°A पर प्रदान करता है। सोडियम वाष्प लैम्प की दक्षता 50 lumen/watt होती है। इस लैम्प में डिस्चार्ज ट्यूब होती है जो कि glass के special composition से बनाई जाती है जो कि विद्युत निस्सरण के उच्च तापमान (300°C) को सह सकती है। यह निस्सरण ट्यूब एक outer tube से घिरी रहती है। निस्सरण ट्यूब में थोड़ी सी मात्रा में धात्वीय सोडियम तथा थोड़ी मात्रा में नियॉन गैस भरी रहती है। 

     
                    WhatsApp Group                             Join Now            
   
                    Telegram Group                             Join Now            

Sodium Vapour Lamp in hindi

सोडियम वाष्प लैम्प की संरचना- Construction of Sodium Vapour Lamp in hindi

लैम्प के दोनों इलेक्ट्रोड glass tube में लगे होते हैं। लैम्प का switch on करने पर नियॉन गैस में डिस्चार्ज उत्पन्न होता है जिससे पर्याप्त ताप (300°C) उत्पन्न होता है जो कि सोडियम को वाष्पित कर देता है। निस्सरण ट्यूब में एक कैथोड फिलामेंट को गर्म करने के लिए छोटा T/F तथा एनॉड सीधे ही 230V की AC supply से चॉक द्वारा connect होता है। Choke तथा T/F के कारण परिपथ का शक्ति गुणक काफी न्यून हो जाता है जिसमें सुधार के लिए परिपथ में capacitor जोड़ा जाता है। 

सोडियम वाष्प लैम्प की कार्यप्रणाली- Working Principle of Sodium Vapour Lamp in hindi

जब लैम्प ऑपरेट नहीं होता है तो सोडियम ट्यूब की side walls पर ठोस अवस्था में जमा रहता है। जब लैम्प को supply से जोड़ा जाता है तो नियॉन गैस निस्सरण उत्पन्न होता है तथा लाल-नारंगी प्रकाश देता है तथा नियॉन गैस के निस्सरण से उत्पन्न ऊष्मा से ठोस सोडियम वाष्प में बदलने लगता है और लगभग 15 मिनट बाद पूर्ण पीत प्रकाश उत्पन्न करने लगता है। 

सोडियम वाष्प लैम्प की दक्षता लगभग 50 lumen/watt होती है। ये लैम्प 50, 100, 200, 500 Watt के बनाए जाते हैं। इसकी औसत आयु 3000 घण्टे होती है। लैम्प को केवल AC supply पर ही प्रयोग किया जाता है। 

सोडियम वाष्प लैम्प के प्रयोग- Uses of Sodium Vapour Lamp in hindi

सोडियम लैम्प का प्रयोग दफ्तरों, दुकानों तथा औद्योगिक क्षेत्र व सड़कों को प्रकाशित करने के लिए किया जाता है।

सोडियम वाष्प लैम्प की हानियां- Disadvantages of Sodium Vapour Lamp in hindi

  1. शुरू होने में 15 मिनट लेता है। 
  2. Transformer के कारण cost बढ़ती है। 

सोडियम वाष्प लैम्प के  दोष- Demerits  of Sodium Vapour Lamp in hindi

  1. लैम्प से इलेक्ट्रोड उत्सर्जन बंद हो गया हो। 
  2. लैम्प का फिलामेन्ट जल गया हो या टूट गया हो। 
  3. सोडियम के ठोस कण निस्सरण ट्यूब पर एक ओर जम गए हो। 
  4. सोडियम के वाष्पित होने पर निस्सरण ट्यूब काली पड़ गयी हो। 

सोडियम वाष्प लैम्प (Sodium Vapour Lamp) 

सोडियम वाष्प लैंप के प्रकार, सोडियम वाष्प लैंप दो प्रकार का होता है.

1. लो प्रेशर सोडियम वाष्प लैम्प (Low Pressure Sodium Vapour Lamp in hindi)

सोडियम वाष्प लैम्प एक गैस डिस्चार्ज लैम्प है। यह पीले रंग की रोशनी देता है। लो प्रेशर अर्थात् कम दाब के सोडियम वाष्प लैम्प की बनावट चित्र में दर्शाई गई है। आन्तरिक ट्यूब को ऑर्क ट्यूब भी कहते हैं। आन्तरिक ट्यूब में सोडियम वाष्प व इलेक्ट्रॉड होते हैं।

Low Pressure Sodium Vapour Lamp

सोडियम वाष्प लैम्प की दक्षता धारा घनत्व के निश्चित मान की तीव्रता से कम होती है। लैम्प की प्रदीप्ति 7.5 कैण्डेला प्रति वर्ग सेमी होती है। इसकी लम्बाई का पर्याप्त होना आवश्यक होता है। साथ ही इसकी दक्षता | ट्यूब ताप में परिवर्तन की अत्यधिक सुग्राही होती है। उच्च दक्षता प्राप्त करने के लिए लैम्प को लगभग 220°C होना चाहिए इसकी ट्यूब को U आकार में मोड़ा जाता है। इस लैम्प की Uआकार की नली कांच की बनी होती है। 

इस नली में सोडियम + निऑन गैस भरी होती है तथा एक प्रतिशत ऑर्गन गैस भरी होती है। ऑर्गन का कार्य प्रारम्भिक वोल्टेज को कम करना होता हैं। ट्यूब में दो बेरियम और स्ट्रॉन्शियम से लेप किए हुए टंगस्टन इलेक्ट्रॉड लगे रहते हैं। 

इनकी दक्षता 110 ल्यूमेन/वाट होती है। सोडियम लैम्प का उपयोग गलियों, रेलवे, चौराहों, कोहरे में विशेष रूप से होता है। इनका पीला रंग कोहरे को आसानी से भेद सकता है। इसका जीवन काल 6000 घण्टे माना जाता है। यह लैम्प 2 से 5 मिनट में पूर्ण रोशनी देता है। इसमें हाई लीकेज ट्रांसफॉर्मर लगा होता है, जो धारा को सीमा में रखता है व वोल्टेज को घटा | देता है। वर्तमान में हाई प्रेशर सोडियम वाष्प लैम्प अधिक प्रयोग में लाए जा रहे हैं। 

2.हाई प्रेशर सोडियम वाष्प लैम्प (High Pressure Sodium Vapour Lamp in hindi)

Low Pressure Sodium Vapour Lamp

यह लैम्प उच्च दाब व अति उच्च धारा पर कार्यकारी होता है जा कि छोटी नली में प्रवाहित होती है। यह डिस्चार्ज नली ताप पुर्जित एल्युमिनियम सिरेमिक से बनी होती है। बाहरी बल्ब कठोर कांच का बना होता है। डिस्चार्ज ट्यूब में उच्च दाब पर सोडियम व निऑन गैस भरी होती है। इलेक्ट्रॉड के कनेक्शन मोटे तार द्वारा किए हुए होते हैं। डिस्चार्ज ट्यूब को एक बल्ब के अन्दर रखा जाता है जिसके अन्दर फ्लोरोसेन्ट पाउडर का लेप किया हुआ होता है। इस लैम्प की केप थ्रेड टाइप की होती है। केप के समीप फ्यूज सोडियम + पारा का लेप किया जाता है जो कि बाहर से चमकते काले रंग का दिखाई देता है। इस भाग के कनेक्शन टोपी द्वारा सप्लाई से होते हैं। इस चमकते भाग के नजदीक से एक गोलाकार छल्ला सप्लाई के दूसरे तार से जोड़ा जाता है जो लैम्प को प्रारम्भ करने में सहायक होता है। इसे हाई रिएक्टैन्स चॉक द्वारा उच्च वोल्टेज प्रदान किया जाता है।

सोडियम वाष्प लैम्प का सिद्धान्त (Principle of Sodium Vapour Lamp in hindi)

प्रारम्भ में सोडियम के कण ठोस रूप में होते हैं। प्रारम्भ में जब सप्लाई दी जाती है तो सोडियम के ठोस कणों को वाष्पित करने हेतु अधिक गर्मी की आवश्यकता होती है। इस कार्य के लिए इग्नीटर का प्रयोग किया जाता है। इग्नीटर को चित्र  में दिखाया गया है। उसमें Red, Yellow, Blue तीन सिरे दर्शाए गए हैं। 

प्रारम्भ में फ्यूज्ड सोडियम व पारे के लेप तथा गोलाकार छल्ले के मध्य स्पार्किंग को इग्नीटर बूस्ट करता है। जब लैम्प काम करना शुरू कर देता है तो केपेसिटर क्रिया द्वारा स्पार्किंग को बन्द कर देता है व लैम्प हाई प्रेशर मरक्यूरी वेपर लैम्प की तरह कार्य करता है। पावर फैक्टर के सुधार हेतु केपेसिटर लगाया जाता है। 

यह लैम्प 10 मिनट में पूर्ण रोशनी प्रदान करता है। गुलाबी रंग निऑन गैस का गुण है। इसका कार्यकारी ताप 300°C होता हैं। 45 वाट व 60 वाट के लैम्प क्षैतिज अवस्था में कार्य करते हैं। उच्च वाट के लैम्प में क्षैतिज स्थिति से 20° से अधिक विचलन नहीं होना चाहिए। सोडियम वाष्प लैम्प की आयु  6000 घण्टे होती है।

आज आपने क्या सीखा :-

दोस्तों आज आपने सीखा कि सोडियम वाष्प लैम्प की संरचना- Construction of Sodium Vapour Lamp in hindi, सोडियम वाष्प लैम्प की कार्यप्रणाली- Working Principle of Sodium Vapour Lamp in hindi, सोडियम वाष्प लैम्प के प्रयोग- Uses of Sodium Vapour Lamp in hindi, सोडियम वाष्प लैम्प की हानियां- Disadvantages of Sodium Vapour Lamp in hindi, सोडियम वाष्प लैम्प के  दोष- Demerits  of Sodium Vapour Lamp in hindi, लो प्रेशर सोडियम वाष्प लैम्प- Low Pressure Sodium Vapour Lamp in hindi, हाई प्रेशर सोडियम वाष्प लैम्प- High Pressure Sodium Vapour Lamp in hindi,सोडियम वाष्प लैम्प क्या है- What is Sodium Vapour Lamp in hindi, सोडियम वाष्प लैम्प का सिद्धान्त- Principle of Sodium Vapour Lamp in hindi. के बारे में भी आपने जाना तो अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ में इसे शेयर कर सकते हो और अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके बता सकते हो

1 thought on “सोडियम वाष्प लैम्प: संरचना, कार्यप्रणाली, सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में”

Leave a Comment