शेडेड पोल प्रेरण मोटर की संरचना और उपयोग – shaded pole induction motor hindi

हेलो दोस्तों, आज में आपको बताने वाला हूं कि शेडेड पोल प्रेरण मोटर की संरचना और उपयोग – shaded pole induction motor hindi :अगर आप भी है जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिए

शेडेड पोल प्रेरण मोटर की संरचना

संरचना:- इस मोटर का रोटर त्रिकलीय पिंजरी प्रेरण मोटर की तरह ही होता है। इनमें कला विघटन प्रेरण द्वारा किया जाता है। समुन्नत ध्रुव पर एक उत्तेजन कुण्डलन लिपटी होती है परन्तु साथ ही धुंवों के लगभग 1/3 भाग में खांचा (slot) बनाकर इसे चित्र 1 की भांति दो भागों में विभाजित किया जाता है। ध्रुव के छोटे भाग पर ताम्र रिंग फिट की जाती है जिसे छादित कुण्डली (Shaded coil) कहते हैं। इस छोटे ध्रुव को छादित ध्रुव कहते हैं। जब स्टेटर कुण्डलंन को एक कलीय प्रदाय से संयोजित किया जाता है तो चित्र 2(a) की भांति प्रत्यावर्ती फ्लक्स उत्पन्न होता है। छादित कुण्डली के कारण प्रत्येक ध्रुव पर फ्लकस वितरण समरूप नहीं होता है। इसे चित्र 2(a) तथा 2(b) से समझा जा सकता है।

शेडेड पोल प्रेरण मोटर की संरचना

शेडेड पोल प्रेरण मोटर की संरचना

समय t1 पर स्टेटर कुण्डलन में फ्लक्स बढ़ता (rise) है इसलिए ध्रुव में फ्लक्स परिवर्तन की दर उच्च होती है। इस फ्लक्स परिवर्तन के कारण छदित कुण्डली में प्रेरित वि. वाहक बल उत्पन्न होता है। चूंकि छादित कुण्डली लघु परिपथ (Short circuited) होती है, इसलिए इसमें धारा प्रवाह होने लगता है। यह धारा फ्लक्स उत्पन्न करती है तथा लेंज के नियमानुसार यह फ्लक्स स्टेटर कुण्डलन द्वारा उत्पन्न फ्लक्स का विरोध करता है। परिणामस्वरूप छादित भाग में फ्लक्स बिना छादित भाग से कम हो जाता है।

इसलिए चुम्बकीय उदासीन अक्ष (MNA) की स्थिति ध्रुव के मध्य न होकर ध्रुव में बांयी ओर होती है। 

समय t पर धारा अधिकतम तथा फ्लक्स में परिवर्तन की दर निम्नतम है। इसलिए छादित कुण्डली में प्रेरित वि. वाहक बल लगभग शून्य होता है। अतः फ्लक्स का वितरण ध्रुव पर समरूप होता है। इस स्थिति में (MNA) की स्थिति ध्रुव के मध्य आ जाती है।

समय t पर धारा घटती (Fall) है इसलिए फ्लक्स भी घटता है। चूंकि फ्लक्स में परिवर्तन होता है इसलिए छादित कुण्डली में प्रेरित वि. वाहक बल उत्पन्न होता है। परिणामस्वरूप छादित कुण्डली द्वारा उत्पन्न फ्लक्स स्टेटर कुण्डलन के फ्लक्स के कम होने का विरोध करता है। अतः छादित भाग में अधिक फ्लक्स व बिना छादित भाग में कम फ्लक्स होता है। इस स्थिति में (MNA) छादित भाग में विस्थापित हो जाती है।

उपरोक्त वर्णन से स्पष्ट होता है कि t, से 1, समय अन्तराल में फ्लक्स की अक्ष बायें से दायें ओर धीरे-धीरे विस्थापित होती है। ऋणात्मक अर्द्धचक्र में फ्लक्स की दिशा विपरीत हो जाती है लेकिन (MNA) बायें से दायें विस्थापित होना चुम्बकीय फ्लक्स के समरूप ही है। जिससे मोटर पर प्रारम्भिक बल आघूर्ण कार्य करता है और मोटर घूमने लगती है।

छादित मोटर का प्रारम्भिक बल आघूर्ण बहुत कम होता है अतः इस मोटर का प्रयोग वहां पर किया जाता है जहां प्रारम्भिक बल आघूर्ण की आवश्यकता कम हो। छादित रिंग में IPR हानि होती है इसलिए इस मोटर की दक्षता बहुत कम होती है। बहुत छोटी मोटरों की कम दक्षता आपत्तिजनक (Objectionable) नहीं होती है क्योंकि इन मोटरों में कुल शक्ति व्यय भी बहुत कम होता है।

शेडेड पोल प्रेरण मोटर के उपयोग

इनका प्रयोग सामान्यतः छोटे पंखों, कूलर पम्प, विद्युत घड़ियों स्लाइड तथा फिल्म प्रोजेक्टर, वायु ऊष्मक (Air heater) आदि में होता है।

आज आपने क्या सीखा :-

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