आज इस आर्टिकल में हम आपको, डीसी जनरेटर क्या होता है, डीसी जनरेटर के मुख्य भाग और डीसी जनरेटर का कार्य सिद्धांत(D.C.Generator in hindi) के बारे में बताने वाले हैं अगर आप भी यह जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिए|
डीसी जनरेटर का परिचय (introduction of DC Generator)
डीसी मशीन को दो प्रकार से काम में लिया जा सकता है अगर डीसी मशीन को डीसी जनरेटर के रूप में उपयोग किया जाए तो डीसी जनरेटर मैकेनिकल उर्जा को इलेक्ट्रिकल ऊर्जा में परिवर्तित करती है डीसी जनित्र व डीसी मोटर की संरचना एक जैसी होती है इसी कारण मशीन को जनित्र की तरह काम में ले सकते हैं|
डीसी जनरेटर क्या है ( what is dc generator in hindi)
वह मशीन जो मेकेनिकल उर्जा को इलेक्ट्रिकल ऊर्जा में परिवर्तित करती है उस यंत्र को डीसी जनरेटर कहा जाता है| इस आर्टिकल में हम डीसी जनरेटर के कार्य सिद्धांत(Principle of D.C.Generator in hindi) के बारे में भी जानेंगे तो अगर आप भी जाना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिए|
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DC मशीन के मुख्य भाग निम्न है :-
1.योक 2.धूर्व क्रोड या शू या क्षेत्र चुम्बक
3.क्षेत्र कुंडली 4.आर्मेचर क्रोड
5.आर्मेचर कुंडलन 6.दिक्परिवर्तक
7.ब्रुश 8.बियरिंग
दिष्ट धारा जनित्र का कार्य सिद्धान्त
यह एक विद्युत चुम्बकीय उपकरण है जिसकी कार्य क्षमता, संरचना डिजाइन सभी यांत्रिक बल व धारा प्रवाह सब ही विद्युत चुम्बकीय बल पर निर्भर करते हैं। यह विद्युत चुम्बकीय बल दो प्रकार का होता है
(i) गतिक विद्युत वाहक बल
(ii) स्थैतिक प्रेरित विभवान्तर
विद्युत शक्ति निम्न प्रकार से उत्पन्न की जा सकती है–
(i) दो संधियों को गर्म करके
(ii) रासायनिक क्रिया द्वारा
(iii) प्रकाश विद्युत प्रभाव द्वारा
(iv) विद्युत चुम्बकीय प्रेरण द्वारा-इसके अनुसार चुम्बकीय शक्ति को विद्युत ऊर्जा में रूपान्तरित किया जाता है
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डीसी जनरेटर कार्य सिद्धान्त (DC generator in hindi)
दिष्ट धारा जनित्र यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है जिसके लिए चुम्बकीय क्षेत्र संवाहक या चालक तथा चालकों की चुम्बकीय क्षेत्र में गति ये सब यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए आवश्यक होते हैं। इसके अनुसार चुम्बक द्वारा चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न किया जाता है तथा इस चुम्बकीय क्षेत्र के मध्य चालक जो कि आर्मेचर में लगे होते हैं, विद्युत वाहक बल प्रेरित करते हैं और इस प्रकार आर्मेचर के घमने पर उसमें उत्पन्न यांत्रिक ऊर्जा को कम्यूटेटर की सहायता से विद्यत ऊर्जा में रूपान्तरित किया जाता है तथा प्रेरित विद्युत वाहक बल की दिशा फ्लेमिंग के दाएं हाथ नियम से ज्ञात की जा सकती है। यदि किसी कुण्डली को B चुम्बकीय क्षेत्र में V मीटर प्रति सैकण्ड के वेग से घुमाया जाता है और कुण्डली की लम्बाई 1 मीटर है तो कुण्डली की प्रत्येक भुजा में उत्पन्न प्रेरित विद्युत वाहक बल E = BIV.sin θ उत्पन्न होता है।
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अब आप जान गए होंगे कि डीसी जनरेटर क्या होता है, डीसी जनरेटर के मुख्य भाग, डीसी जनरेटर का कार्य सिद्धांत(D.C.Generator in hindi). इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|
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