अल्टरनेटर के समान्तर परिचालन की आवश्यकता और समान्तर परिचालन के लाभ

हेलो दोस्तों, आज में आपको बताने वाला हूं कि अल्टरनेटर के समान्तर परिचालन की आवश्यकता और समान्तर परिचालन के लाभ (Need of Parallel Operation of alternator in hindi ), (Advantages of Parallel operation of alternator in hindi) :अगर आप भी है जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिए

अल्टरनेटर के समान्तर परिचालन की आवश्यकता (Need of ParallelOperation)

समान्तर क्रम परिचालन की जरूरत निम्न कारणों से पड़ती हैं

(i) एक मशीन की अपेक्षा कई समान्तर क्रम में जुड़ी मशीनें एक से ज्यादा लोड को सप्लाई कर सकती हैं।

(ii) कई मशीनों के समान्तर क्रम में चलने से शक्ति संयंत्र की विश्वसनीयता बढ़ जाती है क्योंकि किसी एक इकाई के खराब होने की स्थिति में पूरा संयंत्र बन्द नहीं होता है और बाकी मशीनों की सहायता से सप्लाई जारी रहती है।

(iii) कई मशीनों के समान्तर क्रम में चलने से यदि किसी एक या अधिक मशीनों की मरम्मत की.जरूरत हो तो उसको बिना संयंत्र को हानि पहुंचाए बन्द कर उसकी मरम्मत की जा सकती है तथा बाकी मशीनें सप्लाई जारी रखती हैं। 

(iv) प्रत्यावर्तक सबसे अधिक किफायती तब होता है जब यह अपने पूर्ण लोड पर चलता है। यदि एक ही प्रत्यावर्तक द्वारा पूरे संयंत्र को चलाया जाता है तो उस प्रत्यावर्तक को हमेशा पूर्ण लोड पर चलाना सम्भव नहीं है, परन्तु यदि कई मशीनें समान्तर क्रम में चल रही हों तो केवल उनका कुछ भाग बदलते हुए लोड पर चलता है। जबकि बाकी मशीनों को पूर्ण लोड पर चलाया जा सकता है, जो संयंत्र को अधिक दक्ष बनाता है।

(v) यदि संयंत्र में अधिक लोड की मांग होती है तो प्रत्यावर्तकों को समान्तर क्रम में जोड़कर इस मांग की पूर्ति की जा सकती है। 

 

अल्टरनेटर के समान्तर परिचालन के लाभ (Advantages ofParalleloperation) 

(i) सप्लाई एवं अनुरक्षण की निरन्तरता (Continuity of Supply and Maintenance) – आकार में छोटी इकाइयों के इन्स्टालेशन के कारण किसी भी प्रत्यावर्तक को रिपेयर एवं अनुरक्षण के लिए शामिल किया जा सकता है तथा पावर सप्लाई में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होती है। 

(ii) दक्षता (Efficiency) – प्रत्यावर्तक पूर्ण लोड़ पर संचालित करने पर 100% दक्षता देता है। यदि हम बड़ी इकाई प्रयोग में लेते हैं तो लोड़ में परिवर्तन को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। लेकिन छोटी इकाइयों में किसी भी प्रत्यावर्तक को आवश्यकता अनुसार लोड़ में परिवर्तन के अनुसार बंद या चालू किया जा सकता है।

(ii) विस्तारण योजना (Expansion Plans)- यदि पावर प्लान्ट की क्षमता में वृद्धि करनी हो तो छोटी इकाइयों का समान्तर परिचालन कर क्षमता बढ़ाई जा सकती है।

(iv) प्रत्यावर्तकों का आकार (Size ofAlternators)- एक बड़ी यूनिट का संचालन कठिन होता है तथा समान्तर परिचालन में प्रयुक्त विभिन्न छोटी इकाइयों का प्रचालन आसान होता है।

आज आपने क्या सीखा :-

आज आपने जाना की अल्टरनेटर के समान्तर परिचालन की आवश्यकता और समान्तर परिचालन के लाभ (Need of Parallel Operation of alternator in hindi), (Advantages of Parallel operation of alternator in hindi).

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