किरचॉफ का नियम किसे कहते है? – Kirchhoff’s Laws in Hindi

इस लेख में हम भौतिक के अध्याय में किरचॉफ का नियम (Kirchhoff’s Laws in Hindi,Kirchhoff ka niyam) के बारे में पढ़ेंगे। यह नियम बहुत महत्वपूर्ण है। किरचॉफ का नियम क्या है? प्रश्न कक्षा 10 और कक्षा 12 और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं।

किरचॉफ का नियम क्या है, पहला नियम करंट का होता है और दूसरा वोल्टेज का और जब इसे जंक्शन या जंक्शन, लूप, शाखा या शाखा दिया जाता है। किरचॉफ के प्रथम नियम को समझने के लिए सबसे पहले आपको तीन चीजों को समझना होगा, संधि और शाखा आप इन सभी की परिभाषा नीचे पढ़ सकते हैं।

किरचॉफ एक जर्मन भौतिक विज्ञानी थे जिन्होंने सन 1842 की बात है वैज्ञानिक किरचॉफ कुछ विद्युतीय प्रयोग कर रहे थे। वैज्ञानिक किरचॉफ ने विद्युत परिपथों के विश्लेषण के लिए दो नियम दिए, जो सभी प्रकार के विद्युत नेटवर्क में लागू होते हैं, ये नियम आवेश और ऊर्जा के संरक्षण को दर्शाते हैं, इनकी सहायता से हम किसी भी विन्यास में विद्युत जाल स्थापित कर सकते हैं। शाखाओं में वोल्टेज या करंट पाया जा सकता है वास्तव में, किरचॉफ के पहले और दूसरे नियम ओम के नियम पर आधारित हैं या यह कहा जा सकता है कि यह ओम के नियम का अनुप्रयोग है जिसे जटिल परिपथों को हल करने के लिए डिजाइन किया गया है।

शाखा क्या है, किरचॉफ के नियम के लिए समझें, विद्युत परिपथ का वह भाग जहाँ धारा का मान स्थिर रहता है, उस भाग को शाखा कहते हैं, विद्युत परिपथ का वह बिंदु जहाँ तीन या अधिक शाखाएँ मिलती हैं, जंक्शन कहलाता है, इसे नोड और जंक्शन भी कहा जाता है।

किरचॉफ का नियम – Kirchhoff’s Circuit Laws in Hindi

विद्युत परिपथों में कभी-कभी कई प्रतिरोधक एवं सेल जटिल ढंग से संबद्ध होते हैं। श्रेणी एवं पार्श्व संयोजन के लिए जो सूत्र हमने पहले व्युत्पन्न किए हैं, वे परिपथ के सभी विद्युत धाराओं तथा विभवांतरों के लिए हमेशा पर्याप्त नहीं होते। दो नियम, जिन्हें किरखोफ के नियम कहते हैं| विभिन्न प्रकार के डी.सी. सर्किटस के लिए किरचौफ नामक वैज्ञानिक ने दो नियम स्थापित किये हैं, वो निम्न प्रकार के होते हैं 

किरचॉफ का पहला धारा नियम – Kirchhoff’s current law in hindi

(i) करंट नियम (Current Law): “चालकों के किसी संगम (joint) की ओर जाने वाली करंट का योग, संगम से दूर जाने वाली धारा के योग के बराबर होता है।” यदि संगम की ओर जाने वाली धारा i1, i2 हों और संगम से दूर जाने वाली धारा i₃, i₄, i₅ हों तो

i₁ + I₂ = i₃ + i₄ + i₅

किरचॉफ का नियम दूसरे शब्दों में परिपथ के किसी भी बिन्दु (Node) पर प्रवेशित धाराओं का योग निर्गत धाराओं के योग के समान होता है। अर्थात किसी भी Node पर धाराओं का बीजीय योग शून्य होता है। 

∑ i = 0 (शुन्य) ……(1)

i₁ + i₂ – i₃ – i₄ – i₅ = 0       ……(2)
Or
i₁ + I₂ = i₃ + i₄ + i₅          ……(3)
किरचॉफ के प्रथम नियम को इस प्रकार भी लिखा जा सकता है – “किसी विद्युत परिपथ के जंक्शन में प्रवेश करने वाली सभी विद्युत धाराओं का योग इस जंक्शन से निकलने वाली सभी विद्युत धाराओं के योग के बराबर होता है।”
 
इस प्रकार समीकरण से स्पष्ट है कि किसी जंक्शन की ओर आने वाली सभी धाराओं का योग उस जंक्शन से दूर जाने वाली सभी धाराओं के योग के बराबर होता है। दूसरे शब्दों में, जब किसी परिपथ में एक नियत धारा प्रवाहित होती है, तो परिपथ में किसी जंक्शन से न तो आवेश संचित होता है और न ही हटाया जाता है, अर्थात किरचॉफ का नियम आवेश संरक्षण के सिद्धांत पर आधारित है, इसे किरचॉफ की धारा कहते हैं। नियम भी कहा जाता है।

किरचॉफ का दूसरा वोल्टेज नियम – Kirchhoff’s voltage law in hindi

(ii) वोल्टेज नियम (Voltage law): किसी बन्द सर्किट में लगाए गए वि.वा.बलों के बीजगणितीय योग, उसकी शाखाओं में बहने वाली करंट्स और उन शाखाओं के रेसिस्टेंसेस के गुणनफलों के बीजगणितीय योग के बराबर होता है। अर्थात

∑IR = ∑E  ……(4)

दूसरे शब्दों में किरचोफ विभव नियम एक लूप के अन्दर लगाया जाता है, जिसमें किसी भी बन्द परिपथ में प्रयुक्त विद्युत वाहक बल परिपथ में विद्यमान अवयवों के विभवपात के बीजीय योग के समान होता है, अर्थात बन्द परिपथ में अवयवों के विभवान्तरों का बीजीय योग शून्य होता है किरचौफ के नियमों का उपयोग मिश्रित प्रकार के सर्किट्स में करंट का मान ज्ञात करने में किया जाता है  किरचॉफ का द्वितीय नियम ऊर्जा संरक्षण पर आधारित है इसे किरचाफ का वोल्टता नियम भी कहते हैं.

गणना करते समय निम्नलिखित नियमों को ध्यान में रखा जाता है-

  • जब हम धारा की दिशा में आगे बढ़ते हैं, तो हम धारा के गुणनफल और उसके संगत प्रतिरोध को धनात्मक मानते हैं और जब हम धारा की विपरीत दिशा में चलते हैं, तो हम धारा के गुणनफल और उसके संगत प्रतिरोध को ऋणात्मक लेते हैं।
  • सेल के इलेक्ट्रोलाइट में, नकारात्मक इलेक्ट्रोड से सकारात्मक इलेक्ट्रोड में जाने पर इलेक्ट्रोमोटिव बल को नकारात्मक माना जाता है और सकारात्मक से नकारात्मक इलेक्ट्रोड में जाने पर इसे सकारात्मक माना जाता है।

किरचॉफ का नियम

आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं, मान लीजिए कि दी गई आकृति में एक विद्युत परिपथ है, जिसमें क्रमशः E₁ या E₂ वाली कोशिकाओं को समानांतर क्रम में जोड़कर बाह्य प्रतिरोध R से धारा प्रवाहित हो रही है और इन कोशिकाओं का आंतरिक प्रतिरोध r₁V है।

क्रमश। r₂ अब यदि इन सेलों से खींची गई धारा क्रमशः I₁ या I₂ है और यदि बाहरी प्रतिरोध R के माध्यम से धारा I₃ है, तो जंक्शन D पर किरचॉफ के पहले नियम के अनुसार

I₃ = I₁ + I₂       ……(5)
 
अब किरचॉफ के द्वितीय नियम अनुसार परिपथ ADCBA में,
 
I₁r₁ − I₂r₂ − E₁ + E₂ = 0        ……(6)
 
तथा परिपथ CDEFC में,
 
I₂r₂ + (I₁ + I₂)R − E₂  = 0           ……(7)
 
किरचॉफ के द्वितीय नियम के अनुसार परिपथ AEFBA मे,
 
(I₁ + I₂)R + I₁r₁ – E₁ = 0     ……(8)
 
उपर्युक्त समीकरण (6) वा (7) को हल करने पर
 
I₁ वा I₂ के मान प्राप्त हो जाते हैं।
 
 

Quetions- दिए गए परिपथ में i3 का मान ज्ञात करे –

Kirchhoff’s Laws

SOL. दिए गए नोड पर किरचॉफ  का धारा(current) का नियम  को लागू करें।

i1 + i= i3 + i4  ज्ञात मान को प्रतिस्थापित करें

2 + 9 = i+ 4 i3 के लिए हल करें i3 = 7 A  

Frequently Asked Questions 

प्रश्न-1 विद्युत परिपथ के लिए किरचॉफ के द्वितीय नियम का संरक्षण किस मात्रा पर आधारित है?

उत्तर- ऊर्जा संरक्षण का नियम

प्रश्न-2 आवेश संरक्षण का नियम क्या है? / लॉ ऑफ कंजर्वेशन ऑफ चार्जेज इन हिंदी क्या है?

उत्तर- आप न तो चार्ज बना सकते हैं और न ही नष्ट कर सकते हैं, यह चार्ज स्वाभाविक रूप से फ्री है और इसे एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर किया जा सकता है।

प्रश्न-3 लूप क्या है?/लूप हिंदी में क्या है?

उत्तर- एक क्लोज्ड सर्किट, जिसमें कोई भी अवयव/तत्व एक से अधिक बार नहीं आता है।

Q-4 ब्रांच क्या है?/ ब्रांच क्या है हिंदी में?

उत्तर-शाखा दो जंक्शनों को आपस में जोड़ती है और उसमें धारा का मान अपरिवर्तित रहता है।

प्रश्न-5 जंक्शन/संधि क्या है?/जंक्शन को हिंदी में क्या कहते हैं?

उत्तर- वह बिंदु जहाँ तीन या अधिक पथ मिलते हैं। इसे ज्वाइंट/जंक्शन/नोड कहते हैं।


Conclusion

हमे आशा है किरचॉफ का नियम क्या है, Kirchhoff ka niyam, What is Kirchhoff law in hindi, किरचॉफ के नियम की परिभाषा, किरचॉफ का नियम का सूत्र  समझ आ गया होगा. इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|

उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो

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