इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि उच्च दाब बॉयलर क्या है,What is High Pressure Boiler in Hindi,उच्च दाब बॉयलर की कार्यप्रणाली,Working of High Pressure Boiler in hindi,उच्च दाब बॉयलरो के अभिलक्षण,Characteristics of High Pressure Boiler. इस आर्टिकल में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं
उच्च दाब बॉयलर क्या है? (High Pressure Boiler in Hindi)
बॉयलर की दक्षता जितनी अधिक होती है, उतनी ही मितव्ययता बढ़ती है। दक्षता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के उपसाधनों का उपयोग किया जाता हैं। परंतु फिर भी अधिक लाभ प्राप्त नहीं होता है। अतः अधिक दक्षता के लिए भाप का जनन अधिक दाब व तापमान पर किया जाता है। उच्च दाब की भाप के लिए विभिन्न उच्च दाब बॉयलरों का निर्माण हुआ। वे उच्च दाब बॉयलर व्यवहार में काफी अधिक दाब तक यहां तक कि अति क्रांतिक दाब (super critical pressure) तक के भी बनाए जा चुके हैं तथा काम में लाए जा रहे हैं। भाप का तापमान 500°C व क्षमता 600 ton/h तक होती है। क्रांतिक परास में भाप के गुणधर्म काफी बदल जाते हैं।
अतः इन बॉयलरों का अभिकल्प व कार्यप्रणाली अन्य साधारण निम्न दाब बॉयलरों से भिन्न होती हैं
- जल के प्रणोदित परिसंचरण का उपयोग।
- कम व्यास की नलियों का उपयोग।
- जल ड्रम का उपयोग नहीं।
- क्रांतिक दाब से अधिक दाब पर भाप जनन।
- दाब दहन का उपयोग।
- ऊष्मान्तरण दर बढ़ाने के लिए दग्ध गैसों को अतिध्वनिक गति पर प्रवाहित करना।
- अतितप्त भाप से जल को गर्म करना।
- जलशीतित भट्टी का उपयोग करना।
- बलकृत प्रवात व प्रेरित प्रवात पंखे का उपयोग।
- वायु पूर्व तापक का उपयोग।
उच्च दाब बॉयलर की कार्यप्रणाली
निम्न दाब बॉयलरों में जल का प्रवाह साइफनिक प्रभाव द्वारा नीचे से ऊपर की ओर होता है, किन्तु उच्च दाब पर यह प्रवाह क्षीण होता जाता है। अतः 160 bar से अधिक दाब वाले बॉयलरों में प्रवाह को अधिक तीव्र करने के लिए बाह्य पम्प का उपयोग किया जाता है। उच्च दाब बॉयलरों में ईंधन के दहन से उत्पन्न ऊष्मा का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए कम व्यास की नलिकाओं का उपयोग किया जाता है तथा इन्हें अधिक समूह में व्यवस्थित किया जाता है। उच्च दाब बॉयलरों में बहुत ही छोटे भाप विलगक ड्रम का उपयोग किया जाता है। “इक-नली बॉयलर” में तो कोश बिल्कुल ही नहीं होता है। इससे बॉयलर संहत होता है। भार भी कम हो जाता है तथा कम फर्श क्षेत्र की आवश्यकता होती है जिससे भाप के वाष्पन की एन्थैल्पी प्रदान नहीं करनी पड़ती। ईंधन के अधिक शीघ्रतापूर्वक पूर्ण दहन के लिए दाब दहन का उपयोग किया जाता है। इससे ऊष्मा निकास की दर बढ़ जाती है। इसके लिए द्रवीय ईंधन या चर्णित कोयले का उपयोग किया जाता है।
उच्च दाब बॉयलरो के अभिलक्षण
उच्च दाब बॉयलरो के अभिलक्षण निम्न होते हैं
1.जल के प्रणोदित परिसंचरण का उपयोग- निम्नदाब बॉयलर में जल का प्रवाह साइफन पद्धति में नीचे से ऊपर होता है किन्तु उच्च दा पर यह प्रभाव कम होता जाता है। अतः 160 bar दाब से अधिक दाब वाल बॉयलरों में प्रवाह को तीव्र करने के लिए बाह्य पम्प का प्रयोग किया जाता है।
2.कम व्यास की नलियों का प्रयोग- उच्च दाब बॉयलरों में ईंधन से भाप ऊष्मा का पूर्ण प्रयोग करने के लिए कम व्यास की नलियों का प्रयोग किया जाता है तथा इन्हें समूह में व्यवस्थित किया जाता है।
3.जल ड्रम का उपयोग नही- उच्च दाब बॉयलरों में बहुत हैं छोटा भाप विलगक ड्रम का प्रयोग किया जाता है “एक-नली बॉयलर” में तो कोश बिल्कुल ही नहीं होता है। इससे बॉयलर का आकार कम हो जाता । है व उनका भार भी कम हो जाता है तथा कम फर्श क्षेत्रफल की आवश्यकत होती है।
4.उच्च दाब बॉयलरों में क्रान्तिक दांब से अधिक दाब पर भाप जनन होता है, जिससे भाप के वाष्पन की एन्थैल्पी प्रदान नहीं करनी पड़ती।
5.इन बॉयलरों में ईंधन के अधिक शीघ्रतापूर्वक पूर्ण दहन के लिए दाब दहन का उपयोग किया जाता है। इसमें ऊष्मा निकास की दर बढ़ जाती है। इसके लिए द्रवीय ईंधन या चूर्णित कोयले का उपयोग किया जाता
है।
6.ऊष्मान्तरण बढ़ाने के लिए दग्ध गैसों को अतिध्वनिक गति पर प्रवाहित करना।
7.अतितप्त भाप से जल को गर्म करना।
8.जलशीतित भट्टी का उपयोग करना।
9.बलकृत प्रवात व प्रेरित प्रवात पंखे का प्रयोग।
10.वायु पूर्व तापक का उपयोग|
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आज आपने क्या सीखा :-
दोस्तों आज आपने सीखा कि उच्च दाब बॉयलर क्या है,What is High Pressure Boiler in Hindi,उच्च दाब बॉयलर की कार्यप्रणाली,Working of High Pressure Boiler in hindi,उच्च दाब बॉयलरो के अभिलक्षण,Characteristics of High Pressure Boiler. के बारे में भी आपने जाना तो अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ में इसे शेयर कर सकते हो और अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके बता सकते हो