अर्थिंग क्या है? | अर्थिंग के लाभ | अर्थिंग करने की प्लेट अर्थिंग विधि

हेलो दोस्तों, आज में आपको बताने वाला हूं कि अर्थिंग क्या है? -अर्थिंग के लाभ – अर्थिंग करने की प्लेट अर्थिंग विधि , अर्थिंग का मतलब क्या होता है| What is Earthing in hindi , Advantages of Earthing, Plate Earthing System:अगर आप भी है जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिए

अर्थिंग/भूसम्पर्कन क्या है? – What is Earthing

सप्लाई के न्यूट्रल बिन्दु या विद्युत उपकरणों के धातु भागों को जिसमें धारा प्रवाहित नहीं होती, को धरती के सामान्य पिण्ड से जोड़ने की प्रणाली को भूसम्पर्कन  कहते है, ताकि किसी भी समय वैद्युत संस्थापन में दोष उत्पन्न होने पर विद्युत ऊर्जा का विसर्जन बिना खतरे के तुरन्त हो सके। इससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि किसी धारा वहन करने वाले चालक का भूमि के प्रति विभव उसके डिजाइन विद्युतरोधन की अपेक्षा अधिक नहीं होगा तथा काम करने वालों की बिजली के झटके से सुरक्षा करती है। 

अर्थिंग या भू-सम्पर्कन के लाभ (Advantages of Earthing)

(i) यदि विद्युत उपकरणों पर सटीकता से अथिंग की जाती है तो ऐसे में यदि धारा का क्षरण हो, तो भी मनुष्य को विद्युत झटका नहीं लगता है।

(ii) जैसे ही करन्ट लीकेज होती है, भूमि के सम्पर्क में आती है जिससे धारा का मान बढ़ जाता है और M.C.B. परिपथ को बन्द कर देती है व फ्यूज पिघलकर परिपथ को तोड़ देता है। 

(iii) उपकरणों व अधिष्ठापन में विद्युत धारा वहन करने वाले भाग भू-विभव पर बने रहते हैं।

(iv) ओवरहैड लाइनों पर उच्च वोल्टेज आने पर अर्थिंग व्यवस्था के कारण इसे भूमि में समायोजित कर दिया जाता है जिससे लाइन व उपकरणों में हानि नहीं होती है। 

(v)अर्थिंग को ट्रांसफॉर्मर, मोटर, अल्टरनेटर व सभी मशीनों से जोड़ने से दुर्घटनाओं की समस्या कम हो जाती है।

 

प्लेट अर्थिंग विधि (Plate Earthing System)

प्लेट भू-सम्पर्कन में तांबे या जस्तीकृत लोहे की प्लेट प्रयोग की जाती है। यह भू-सम्पर्कन करने की सबसे अधिक प्रचलित विधि है।

प्लेट का आकार 60 सेमी. x 60 सेमी. x 6.30 मिमी. से कम नहीं होना चाहिए, अगर तांबे की प्लेट है तो उसका आकार 60 सेमी. x 60 सेमी. x 3.15 मिमी. से कम नहीं होना चाहिए।

प्लेट को भूमि में अन्दर खड़े रूप में रखा जाता है तथा प्लेट का ऊपरी सिरा भूमि की ऊपरी सतह से 1.5 मीटर से कम (नीचे) नहीं होना चाहिए। जस्तीकृत लोहे व तांबे की प्लेट के साथ क्रमशः जस्तीकृत लोहे की तार व तांबे की तार प्रयोग में लाई जाती है। 15 सेमी. मोटी लकड़ी के कोयले की परत तथा 15 सेमी. नमक की परत क्रम से प्लेट के चारों तरफ रखी जाती है जिससे कि प्लेट के चारों तरफ नमी बनी रहे। इसकी व्यवस्था चित्र में दर्शाई गई है। प्लेट के ऊपरी सिरे से भूमि की ऊपरी सतह तक एक जस्तीकृत लोहे के पाइप का टुकड़ा डाला जाता है। इस जस्तीकृत पाइप के ऊपरी सिरे पर एक तार की जाली वाली कीप (wire mesh funnel) लगी होती है, जिसके द्वारा गर्मी के मौसम में जरूरत पड़ने पर पानी डाला जाता है जिससे प्लेट के चारों तरफ नमी बनी रहे। एक दो बाल्टी पानी हर 15 दिन के बाद डालते रहना चाहिए। पानी डालने के लिए तथा पाइप को यांत्रिक क्षति से बचाने के लिए इसके ऊपर सीमेंट कंक्रीट का मेनहोल (manhole) भी बनाया जाता है।

अर्थिंग के लिए पदार्थों तथा उपसाधनों की सूची 

प्लेट अर्थिंग में काम आने वाली सामग्रियों का विवरण निम्न प्रकार है

(i) अर्थिग प्लेट

(ii) अर्थिंग तार

(iii) अर्थिग पाइप, सॉकेट सहित

(iv) नट, बोल्ट व वाशर 

(v) नमक, कोयला, पानी

(i) अर्थिंग प्लेट (Earthing Plate)- यह तांबे अथवा गैल्वेनाइज्ड आयरन की बनी होती है। प्लेट की लम्बाई व चौड़ाई 60 सेमी. होती है परन्तु मोटाई में अन्तर होता है। तांबे की प्लेट 3.2 मिमी. और GI. की 6 मिमी. मोटाई की प्रयोग की जाती है।

(ii) अर्थिंग तार (Earthing Wire)- प्लेट की भांति तार भी तांबे का प्रयोग किया जाता है।

(iii) अर्थिंग पाइप सॉकिट सहित (Earthing Pipe with Socket)-यह गैल्वेनाइज्ड आयरन के बने होते हैं और भूमि के अन्दर प्लेट तक की लम्बाई के होते हैं। इसका व्यास 12 मिमी. से 30 मिमी. होता है। पाइप के ऊपर सर्किट लगा होता है, जो पाइप में धूल, कूड़ा आदि रोकने के लिए लगाया जाता है। 

(iv) नट, बोल्ट व वाशर (Nut, Bolt and Washer)- ये गैल्वेनाइज्ड आयरन के बने होते हैं और तार को लगाने के लिए प्रयोग किये जाते हैं।

(v) नमक, कोयला व पानी (Salt, Coal and Water)- प्लेट के चारों ओर नमी बनाए रखने के लिए मिट्टी में नमक, कोयला और पानी आवश्यकतानुसार मिलाया जाता है।

                                                                  सारणी – प्लेट अर्थिंग हेतु आवश्यक सामग्री की सूची

What-is-Earthing

अब आप जान गए होंगे कि अर्थिंग क्या है? -अर्थिंग के लाभ – अर्थिंग करने की प्लेट अर्थिंग विधि  ,अर्थिंग का मतलब क्या होता है| What is Earthing in hindi , Advantages of Earthing, Plate Earthing System|

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