JFET की संरचना और कार्यप्रणाली हिंदी में | JFET in hindi

हेलो दोस्तों, इस आर्टिकल में आपको बताने वाला हूं कि, JFET की संरचना और कार्यप्रणाली हिंदी में (construction and working of JFET in hindi)| तो चलिए शुरू करते हैं
N-channel JFET, N-type semiconductor bar से मिलकर बना होता है, इसके दोनों ends पर external connection के लिए ohmic contact बनाए जाते हैं। इसके एक end को drain (D) तथा दूसरे end को source (S) कहते हैं।

JFET की संरचना (Construction of JFET)


 JFET IN HINDI

Source-वह टर्मिनल जिसके द्वारा majority charge carriers चैनल में प्रवेश करते हैं।
Drain-वह टर्मिनल जिसके द्वारा majority charge carriers चैनल से बाहर निकलते हैं।
Gate-Semiconductor bar के दोनों तरफ, impurity region (heavily doped p+ region) बनाया जाता है। यह impurity region internally connected होता है। इससे एक single टर्मिनल बाहर निकाल लिया जाता है, इसे ही Gate terminal (G) कहते हैं।

धारा N-type semiconductor bar की लम्बाई के साथ प्रवाहित होती है, यदि drain और source के across कोई external voltage apply किया गया हो।
Source तथा drain के मध्य जो region होता है, उसे channel कहते है और majority carriers channel में source से drain की तरफ प्रवाहित होते हैं।
इसी प्रकार जब p-type semiconductor bar के दोनों तरफ heavily doped n region का प्रयोग किया जाता है, तो वह device p-channel JFET कहलाती है।

JFET की कार्यप्रणाली (working of JFET in hindi)

जब एक reverse voltage (Vgs) को Gate (G) तथा Source (S) terminal के बीच apply किया जाता है, तो depletion laver की width बढ़ती जाती है। यदि हम VGS को बढ़ाते हैं, तो reverse Bias के कारण depletion layer बढ़ जाती है। इस कारण channel conduction की width decrease होती जाती है, और N-type bar का प्रतिरोध बढ़ता जाता है। अतः Drain (D) तथा Source (S) के terminal के बीच current conduction घटता है। जब एक reverse Voltage (Vgs) को Gate (G) तथा Source (S) के बीच घटाया जाता है, तो depletion region की width कम होना शुरू हो जाती है, जिसमें channel conduction की width बढ़ती है, तथा N-type bar का प्रतिरोध भी घटता है। अतः Drain (D) और Source (S) terminals के बीच धारा बढ़ जाती है।

JFET IN HINDI
 JFET IN HINDI

इस प्रकार FET में Drain (D) तथा Source (S) के बीच flow होने वाली धारा, वोल्टेज द्वारा नियंत्रित की जाती है तथा साथ ही gate और source के बीच flow होने वाली धारा भी नियंत्रित होती है।

अब आप जान गए होंगे कि JFET की संरचना और कार्यप्रणाली हिंदी में(construction and working of JFET in hindi) | इस विषय में आपको अच्छी तरह से जानकारी मिली हो गई होगी|

उम्मीद करता हूं मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी| अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव हो तो मुझे कमेंट करके बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा इस आर्टिकल को आपके दोस्त के साथ में भी शेयर कर सकते हो |

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