हेलो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपको बताने वाला हूं कि सेतु प्रकार का साइक्लोकन्वर्टर | bridge type cycloconverter in hindi, सिंगल फेज से सिंगल फेज स्टेप डाउन ब्रिज प्रकार के साइक्लोकन्वर्टर:अगर आप भी है जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिए | तो चलिए शुरू करते हैं
सेतु प्रकार का साइक्लोकन्वर्टर
एकल कला से एकल कला स्टेप डाउन सेतु प्रकार के साइक्लोकन्वर्टर का परिपथ चित्र 1 में दिखाया गया है। इसमें धनात्मक चक्र एवं ऋणात्मक चक्र हेतु अलग-अलग ग्रुप कन्वर्टर लिये गये हैं। उपरोक्त परिपथ में धनात्मक कन्वर्टर द्वारा लोड को धनात्मक अर्द्ध चक्र में तथा ऋणात्मक कन्वर्टर द्वारा ऋणात्मक अर्द्ध चक्र में लोड को धारा प्रदान की जाती है।
इनपुट में लधु परिपथ (Short Circuit) के खतरे के कारण दोनों अर्द्ध कन्वर्टर एक के बाद एक चालित नहीं किये जा सकते हैं इसलिए एक अर्द्ध कन्वर्टर द्वारा ही दिये गये समय पर लोड को धारा प्रदान की जा सकती है अतः गेट पल्स की व्यवस्था इस तरह से करनी चाहिये कि एक समय पर एक अर्द्ध कन्वर्टर को ही पल्स मिले तथा एक अर्द्ध कन्वर्टर के पूर्ण रूप से अचालन की स्थिति में आने पर ही दूसरे अर्द्ध कन्वर्टर के गेटों पर पल्स मिले। यह कन्वर्टर का स्वतन्त्र परिसंचारी मोड (Free circulating mode)कहलाता है।
इस मोड में प्रचालन फायरिंग कोण को विस्थापित (Shifting) कर सकते है। फायरिंग कोण नियंत्रण योजना निर्गत आवृति के अनुसार आवृत्ति कालिक (Periodic) होनी चाहिये ताकि इनपुट के लघु परिपथ से बचा जा सके। समरूप निर्गत उत्पन्न करने हेतु दोनों अर्द्ध चक्र कन्वर्टरों हेतु फायरिंग कोण समान होने चाहिये। फायरिंग कोण एवं पावर फेक्टर की निर्भरता अनुसार प्रतिरोधी भार के लिये लोड धारा असतत् एवं प्रेरकत्व भार हेतु सतत् हो सकती है। R-L भार हेतु धारा लोड वोल्टता से पीछे (Lag) होती है जिससे रूपान्तरकों का प्रचालन जटिल हो जाता है। चित्र 2 में लोड धारा लोड वोल्टता से पीछे है। क्षेत्र AB समय में लोड वोल्टता धनात्मक है तथा लोड धारा ऋणात्मक है अतः लोड धारा शून्य नहीं हो पाती है। इस अन्तराल में ऋणात्मक कन्वर्टर प्रतीपक मोड में SCR के फायरिंग कोण π–α के साथ कार्य करना चाहिये।
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BC समयान्तराल में धनात्मक कन्वर्टर α कोण के साथ फायर होता है। लोड धारा एवं वोल्टता धनात्मक है। धनात्मक कन्वर्टर दिष्टकारी की तरह कार्य करता लोड को धारा प्रदान करता है। CD समयान्तराल में लोड वोल्टता विपरित है परन्तु लोड धारा अभी धनात्मक है। ऋणात्मक कन्वर्टर को प्रतीपक मोड में काम करना चाहिये जब तक कि फायरिंग कोण α पर पल्स मिलती है और DE समय अन्तराल में ऋणात्मक रूपान्तरक दिष्टकारी विधा में काम करता है और लोड को शक्ति प्रदाय होती है।
ABCD और EF समयान्तराल में तात्क्षणिक शक्ति ऋणात्मक होती है तथा शक्ति लोड से स्त्रोत में पुनः निवेश होती है।
अगर दोनों कन्वर्टरों के फायरिंग कोण की क्रमता को बनाये रखा जाता है तो स्त्रोत को लघु परिपथ (Short Circuit) होने से बचाया जा सकता है। ऐसा SCR के गेट पल्स को लोड धारा से नियन्त्रित करके किया जा सकता है। कुल मात्रा में परिसंचारी धारा के प्रवाह द्वारा गेट पल्स नियन्त्रण को कुछ सरल किया जा सकता है। यह परिसंचार धारा दोनों कन्वर्टरों को काल्पनिक रूप से लगातार पूरी नियन्त्रण सीमा में चालन स्थिति में रख सकती है। इस प्रचालन को परिसंचार धारा मोड कहा जाता है। इस मोड में अगर धनात्मक कन्वर्टर αp तथा ऋणात्मक कन्वर्टर αn फायरिंग कोण पर फायर किये जाते है तो αp + αn = 180° होना चाहिये।
इस स्थिति में धनात्मक कन्वर्टर दिष्टकारी एवं ऋणात्मक कन्वर्टर प्रतीपक मोड में प्रचालित होते हैं। प्रत्येक कन्वर्टर का फायरिंग कोण ऐसे नियन्त्रित किया जाता है कि इससे प्रत्येक कन्वर्टर समान माध्य दिष्ट टर्मिनल वोल्टता उत्पन्न करें अर्थात् दिष्टकारी मोड द्वारा उत्पन्न वोल्टता का माध्य मान प्रतीपक मोड में प्रेरित पुनः वि.वा.बल के माध्यमान के बराबर हो ।
अतः दोनों समूह कन्वर्टरों के मध्य उच्च-निम्न आवृत्ति धारा से बचाव किया जा सके। लेकिन दोनों समूह कन्वर्टरों की तात्क्षणिक वोल्टता समान नहीं होती है और भारी संनादि धारा का परिसंचार होता है जब तक बाह्य प्रतिबाधा से इसे कम नहीं किया जाता है। एक कला सेतु कन्वर्टरों की निर्गत तरंग रूप चित्र संख्या 3 में दी गयी है। साइक्लोकन्वर्टर में αp + αn= 180° सम्बन्ध को बनाये रखने के लिए फायरिंग कोण αp व αn को लगातार परिवर्तित किया जाता है।
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अब आप जान गए होंगे कि सेतु प्रकार का साइक्लोकन्वर्टर | bridge type cycloconverter in hindi, सिंगल फेज से सिंगल फेज स्टेप डाउन ब्रिज प्रकार के साइक्लोकन्वर्टर|