इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि बेन्सन बॉयलर क्या है? | Benson Boiler in Hindi , बेन्सन बॉयलर की कार्यप्रणाली,बेन्सन बॉयलर के गुण,बेन्सन बॉयलर के दोष,Benson Boiler Working,Properties of Benson Boiler,Defects of Benson Boiler. इस आर्टिकल में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं| इसीलिए आज समझेंगे बेन्सन बॉयलर क्या है? | Benson Boiler in Hindi
बेन्सन बॉयलर क्या है? (Benson Boiler in Hindi)
लॉ-मॉन्ट बॉयलर में यह देखा गया कि जल से भाप बनने में बुलबुले बहुत बनते हैं जो उष्मक नलियों की अन्दर की सतह से चिपक जाते हैं। ये बुलबुले उष्मान्तरण की दर को काफी कम कर देते हैं। इसके साथ ही बुलबुले बनते रहने से जल तल में काफी उच्चावचन होता है। बेन्सन ने 1972 में बताया कि यदि जल के दाब को क्रान्तिक दाब तक बढ़ाकर भाप में परिवर्तित किया जाए तो बुलबुले नहीं बनेंगे क्योंकि इस दाब पर भाप व जल का घनत्व समान होता है। इस दाब पर भाप जनन के लिए वाष्पन एन्थैल्पी की आवश्यकता नहीं रहती है।
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पहला उच्च दाब बेन्सन बॉयलर 1927 में सीमैन्स कम्पनी जर्मनी ने बनाया था। इस प्रकार के बॉयलर में कोई जल या भाप ड्रम नहीं होता है। यह एक पथ बॉयलर है। इनमें केवल नलिकाएं ही होती हैं। यह एक अति क्रांतिक दाब, ऊर्ध्वाधर जल नलिका बॉयलर है। इसकी भट्टी जल नलिकाओं द्वारा ठण्डी की जाती रहती है। इसमें अधिकतर चूर्णित कोयला ईंधन के रूप में काम में लिया जाता है। इसमें तेल अथवा गैस को भी ईंधन के रूप में काम में लिया जाता है। रूमानिया व यूरोप के कई देशों में गैस ज्वलित बॉयलर भी स्थापित किए हुए हैं। चूर्णित कोयला को बर्नर द्वारा भट्टी में झोंका जाता है। प्रभरण पम्प बॉयलर दाब से अधिक दाब पर जल मितोपयोजित में भेजता है। यहां यह बॉयलर से बाहर जाने वाली दग्ध गैसों पर गर्म होता है। यही में आने वाली वायु को भी दग्ध गैसों द्वारा एक वायु पूर्वतापक में गर्म किया जाता है। यह वायुपूर्वतापक मितपयोजित्र के बाद लगा रहता है।
अधिकांश जल मितोपयोजित्र में ही भाप में परिवर्तित हो जाता है। मितोपयोजित्र वाष्पक का कार्य करती है। पहले जल विकिरण वाष्पक में प्रवेश करता है, तथा अन्त में संवहक वाष्पक में आता है। शेष जल का वाष्पण इन वाष्पकों में ही जाता है। उच्च दाब की उत्पन्न संतप्त भाप बाद में एक अतिव्यापक में से प्रवाहित होते हैं। यह अतिव्यापक भट्टी के सबसे गर्म भाग में स्थित होता है। अतिव्यापक से निष्कासित अतिप्त भाप को प्रथम चालक में भेजा जाता है। दहन के लिए आवश्यक प्राथमिक व द्वितीयक वायु बलकृत प्रवाह पंखे से प्रदान की जाती है। इसमें एक प्रेरित पंखा वायु पूर्वतापक से दग्ध गैसों का चूषण करके उसे चिमनी से बाहर निकाल देता है।
उच्च दाब पर भाप की एन्ट्रॉपी में कमी हो जाती है। इस प्रकार इस उच्च दाब की भाप का पब भाप टरबाइन में प्रसरण होता है। तो भाप आर्द्र हो जाती है जिससे टरबाइन फलकों का क्षय होता है। अतः इस क्षय को रोकने के लिये भाप को टरबाइन के भेजने के पहले एक उपरोध वाल्व से 140 से 150 bar तक उपरोधन किया जाता है।
इस बॉयलर में बहुत से समान्तर परिपथ होते हैं जिससे बॉयलर की तापीय दक्षता 91% तक हो जाती है।
बेन्सन बॉयलर 500 bar दाब व 650°C तापमान वाली भाप को 150 tonnech तक की क्षमता के लिये बनाये जा चुके हैं तथा उपयोग में लाये जा रहे हैं।
बेन्सन बॉयलर की कार्यप्रणाली
यह water tube boiler है। इस boiler में पानी क्रांतिक दाब (225 kg/cm2) पर भरा जाता है। इसमें एक water pump रहता है जिसे feed pump कहते हैं। उससे पानी 225 kg/cm2 pressure पर economiser में भेजा जाता है economiser में पानी गर्म न होकर रेडिएट वाष्पक में पहुंचता है, जहां पर पानी गर्म होता है, परंतु वाष्पन नहीं हो पाता। वाष्पन के लिए tubes को वाष्पक में भेजा जाता है जहां पानी का तापमान उच्च हो जाता है तथा वाष्पन क्रिया start हो जाती है इस क्रान्तिक pressure पर पानी की वाष्पन क्रिया बिना गुप्त ताप के होती है। इसलिए पानी तुरन्त स्टीम में चेंज हो जाता है। इसके बाद भाप का और ज्यादा तापमान बढ़ाने के लिए भाप को super heated tubes में भेज दिया जाता है।
आजकल के Benson boiler में steam को 500 kg/cm pressure तथा 650°C temperature पर तैयार करते हैं। इस प्रकार बहुत high pressure पर steam बनाने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि benson boiler की size बहुत छोटी हो जाती है। लेकिन पानी का दाब बढ़ाने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसका परिणाम यह होता है कि boiler की efficiency कम हो जाती है। इस प्रकार benson boiler की steam उत्पादन दर/hours दूसरे boilers की तुलना में बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। आधुनिक benson boiler 150 ton/hours की दर से steam तैयार करता है।
वाल्व का प्रयोग boiler को स्टार्ट करने के लिए होता है। गर्म पानी बार-बार economiser, वाष्पक तथा superheater tubes में से होता हुआ जाता है। जब पानी का तापमान बढ़ जाता है और भाप बनना शुरू हो जाती है, तब एक वाल्व को बंद कर दूसरे को खोल देते हैं।
इस boiler में समान्तर ट्यूब्स् परिपथ होता है जिससे बॉयलर की तापीय efficiency 91% तक हो जाती है। ये 500 bar pressure व 650°C तापमान वाली स्टीम को 150 ton/hour तक की capacity तक के लिए बनाए जा चुके हैं व प्रयोग में लाए जा रहे हैं।
बेन्सन बॉयलर के गुण
इस boiler के निम्नांकित गुण हैं
- इन boilers की starting cost कम होती है।
- इन boilers को easily व जल्दी स्थापित किया जा सकता है, क्योंकि सभी parts की वेल्डन boiler अवस्थापन स्थान पर ही की जाती है।
- Boiler के लिए कम फर्श क्षेत्रफल की आवश्यकता होती है। इन boiler को शीघ्र start किया जा सकता है। 4.विस्फोटन से ज्यादा नुकसान नहीं होता है, क्योंकि जल drum नहीं होने से boiler की संग्रहण क्षमता कम होती है।
बेन्सन बॉयलर के दोष
इस boiler के निम्नांकित दोष हैं
- Tubes की सफाई अत्यधिक कठिन है।
- जल प्रवाह के कम होने पर tubes का अधितापन हो जाता है।
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आज आपने क्या सीखा :-
दोस्तों आज आपने सीखा कि बेन्सन बॉयलर क्या है? | What is Benson Boiler in Hindi, बेन्सन बॉयलर की कार्यप्रणाली,बेन्सन बॉयलर के गुण,बेन्सन बॉयलर के दोष,Benson Boiler Working,Properties of Benson Boiler,Defects of Benson Boiler. के बारे में भी आपने जाना तो अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई है तो अपने दोस्तों के साथ में इसे शेयर कर सकते हो और अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो नीचे कमेंट करके बता सकते हो
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