सिंगल फेज ट्रांसफार्मर क्या होता है?-प्रकार,संरचना,मुख्य भाग

नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में आप जानेंगे कि सिंगल फेज ट्रांसफार्मर क्या होता है (Single phase transformer kya hota hai) और सिंगल फेज ट्रांसफार्मर कितने प्रकार के होते हैं, सिंगल फेस ट्रांसफार्मर की बनावट/संरचना के बारे में जानने वाले हैं अगर आप भी यह जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिए

एक फेजी ट्रांसफार्मर क्या होता है? (Single phase transformer in hindi)

Single phase transformer kya hota hai -इस प्रकार के ट्रांसफार्मर में एक प्राथमिक कुण्डलन तथा एक द्वितीयक कुण्डलन होती है। प्राथमिक कुण्डलन में एक फेज विद्युत सप्लाई देकर, द्वितीयक कुण्डलन में एक फेज विद्युत सप्लाई अवक्रम या उत्क्रम रूप में प्राप्त की जा सकती है।

     
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एक फेजी ट्रांसफार्मर दो प्रकार के होते हैं– (Types of single phase transformer)

(a) क्रोड प्रारूपी

(b) शैल प्रारूपी

(a) क्रोड प्रारूपी ट्रांसफार्मर- इस ट्रांसफार्मर में Lआकार की पत्तियों को लगाया जाता है तथा कुण्डलन लगभग लौह क्रोड को घेरती है। इस प्रकार के ट्रांसफार्मर में एक ही चुम्बकीय पथ बनता है नीचे चित्र में एक फेजी प्रारूपी ट्रांसफार्मर का सामान्य प्रबन्ध दिखाया गया है।

Single phase transformer in hindi-min

एक फेजी क्रोड प्रारूपी ट्रांसफार्मरों में क्रोड को आयताकार रूप में एकत्रित किया जाता है।

(b) शैल प्रारूपी ट्रांसफार्मर – इस ट्रांसफार्मर में E आकार की क्रोडों (cores) का प्रयोग किया जाता है। E क्रोड की केन्द्रीय पाद (limb)को किनारे की पाद से दुगुनी चौड़ाई का बनाया जाता है।

Single phase transformer in hindi-min

इसी केन्द्रीय पाद पर प्राथमिक तथा द्वितीयक कुण्डलनो को आपस में अलग करके सैंडविच (sandwitch) विधि से रखा या लपेटा जाता है। और प्रारूपी ट्रांसफार्मर में क्रोड कुण्डलन को घेरती है तथा क्रोड अंग्रेजी अक्षर 8 के रूप में होती है। इस प्रकार के ट्रांसफार्मर में दो चुम्बकीय परिपथ होते है, चूंकी इस ट्रांसफार्मर में क्रोड को कुण्डलन पर शैल के प्रारूप में लगाया जाता है इसलिये इसे शैल प्रारूपी ट्रांसफार्मर कहते हैं। इस प्रकार के ट्रांसफार्मरों में फ्लक्स क्षरण कम होता है, परन्तु यह ट्रांसफार्मर क्रोड प्रारूपी ट्रांसफार्मर की अपेक्षा थोड़ा भारी होता|

सिंगल फेज ट्रांसफार्मर में निम्न मुख्य भाग होते हैं-

(i) क्रोड (Core)-ट्रांसफार्मर में लगने वाली क्रोड फ्लक्स के लिये चुम्बकीय पथ बनाती है। मुख्यतः ट्रांसफार्मरों में ‘E’, ‘I’, ‘L’ तथा ‘U’ आकार की पटलित क्रोडें प्रयोग में लाई जाती हैं।

(ii) कुण्डलन (Winding)- ट्रांसफार्मर में दो प्रकार की वाइंडिंग होती हैं|

(1) प्राथमिक कुण्डलन (primary winding) तथा (2) द्वितीयक कुण्डलन 

दोनों वाइंडिंग सुपर इनेपल ताम्र या एल्यूमीनियम तारों की बनी होती है। इन कुण्डलनों में वर्तनों की संख्या, ट्रांसफार्मर के रूपान्तर अनुपात पर तथा कुण्डलनों में प्रयोग किये जाने वाले तार के अनुप्रस्थ काट क्षेत्र, ट्रांसफार्मर की धारा वहन क्षमता (current carrying capacity) पर निर्भर करती है। ट्रांसफार्मर के जिस ओर सप्लाई प्रदान की जाती है उसे प्राथमिक साइड तथा जिस ओर लोड लगाया जाता है, उसे द्वितीयक साइड कहते हैं|

(iii) विधुततरोधन (Insulation)- दोनों कुण्डलनो को एक दूसरे से विधुत रोधित करने के लिये तथा प्रत्येक कुण्डलन की विभिन्न परतों के मध्य एक विशेष प्रकार का विधुतरोधित कागज (insulated paper) प्रयोग किया जाता है, जैसे प्रैसफान पेपर, लैदोराइड पेपर, विशेष प्रेस बोर्ड, फाइबर शीट, वार्निश युक्त पेपर, क्राफ्ट पेपर इत्यादि।

(iv) टैंक (Tank)-जिस भाग में ट्रांसफार्मर को रखा जाता है, उसे टैंक कहते हैं। यह M.S. sheet का बना होता है। प्राकृतिक शीतलीकरण के लिये टैंक में वायु संचरण के लिये संवाहन नलिकायें (ventilation ducts) छोड़ी जाती हैं, जबकि तेल शीतलीकरण के लिये टैंक की बाहरी सतह में खोखली नलिकायें (tubes) बनी होती हैं। इन टैंको में ट्रांसफार्मर तेल शीतलन के लिये भर दिया जाता है।

(v) टर्मिनल बॉक्स (Terminal box)-प्राथमिक तथा द्वितीयक कुण्डलनों के टर्मिनल सिरों को टर्मिनल बॉक्स के टर्मिनलों पर लगाया जाता है, टर्मिनल प्रायः पीतल (brass) के बनाये जाते हैं तथा टर्मिनल प्लेट बेकलाइट शीट या किसी अन्य विधुतरोधित पदार्थ की बनाई जाती है। टर्मिनल बॉक्स को टैंक के ऊपर या किसी एक साइड (side) पर लगाया जाता है।

(vi) अन्य सामान- उपरोक्त के अतिरिक्त कुछ अन्य सामान भी बड़े शक्ति ट्रांसफार्मरों के सही परिचालन के लिये लगाये जाते हैं, जैसे ब्रीदर (breather), बुक होल्ज रिले कन्जरवेटर टैंक (conservater tank) वैन्ट पाइप व डायफ्राम (ventpipe and diaphragm), टेप चेन्जर इत्यादि।

अब आप जान गए होंगे कि सिंगल फेज ट्रांसफार्मर क्या होता है (Single phase transformer in hindi), सिंगल फेज ट्रांसफार्मर कितने प्रकार के होते हैं और सिंगल फेज ट्रांसफार्मर की संरचना/बनावट (Single phase transformer kya hota hai )हिंदी में इन सब प्रश्नों की जानकारी आपको अच्छी तरह से मिली होगी|

उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल है तो हमें नीचे कमेंट करके बता सकते हैं हम आपके सवाल का जरूर जवाब देंगे|

 

2 thoughts on “सिंगल फेज ट्रांसफार्मर क्या होता है?-प्रकार,संरचना,मुख्य भाग”

  1. Great article! I appreciate the clear and insightful perspective you’ve shared. It’s fascinating to see how this topic is developing. For those interested in diving deeper, I found an excellent resource that expands on these ideas: check it out here. Looking forward to hearing others’ thoughts and continuing the discussion!

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