हेलो दोस्तों, आज में आपको बताने वाला हूं कि अप्रत्यक्ष आर्क भट्टी क्या है? (what is Indirect Arc Furnace), अप्रत्यक्ष आर्क भट्टी की संरचना (structure of Indirect Arc Furnace), अप्रत्यक्ष आर्क भट्टी की कार्यप्रणाली (Working of Indirect Arc Furnace in hindi) :अगर आप भी है जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिए | तो चलिए शुरू करते हैं
अप्रत्यक्ष आर्क भट्टी की संरचना
चित्र 1 में अप्रत्यक्ष आर्क भट्टी को दर्शाया है। इस भट्टी में आर्क का निर्माण दो इलेक्ट्रोडों के बीच होता है। अप्रत्यक्ष आर्क भट्टी पिघलने वाली धातुओं के लिए उपयुक्त होती है, जिसमें निम्न गलनांक होता है, जैसे अलौह धातुएं, पीतल, तांबा, जस्ता, अप्रत्यक्ष आर्क भट्टी में दो इलेक्ट्रोड होते हैं, इस भट्टी का आकार बेलनाकार होता है, इसे एक झुकाव स्थल पर बनाया जाता है जिससे तरल स्टील को आसानी से दूसरे बर्तन में डाला जा सके। पिघले हुए तरल स्टील को डालने के लिए भट्टी को झुकाने की प्रक्रिया टैपिंग कहलाती है।
अप्रत्यक्ष आर्क भट्टी की कार्यप्रणाली (Working of Indirect Arc Furnace)-
अप्रत्यक्ष आर्क भट्टी में आर्क को दो इलेक्ट्रोडों के बीच चार्ज की सतह के ऊपर उत्पन्न किया जाता है। इस आर्क प्रक्रिया में जो ऊष्मा उत्पन्न होती है वह केवल विकिरणों द्वारा ही चार्ज को गर्म करके पिघलाती हैं। इस प्रकार की भट्टी में धारा चार्ज में प्रवाहित नहीं होती हैं। इसलिए अप्रत्यक्ष आर्क भट्टी में प्रत्यक्ष आर्क भट्टी की अपेक्षा तापमान कम प्राप्त होता है और दक्षता भी अपेक्षाकृत कम होती है। इस भट्टी में चार्ज में धारा प्रवाहित न होने के कारण उसमें वैद्युत चुम्बकीय बल उत्पन्न नहीं होता जिससे स्वतः विडोलन नहीं होता और भट्टी के गालन कक्ष (Melting Chamber) को यान्त्रिक प्रबन्ध से दोलन (Rocking) प्रदान करके चार्ज को विडोलित किया जाता हैं। इसमें केवल दो एकल इलेक्ट्रोडों का उपयोग किया जाता है अतः केवल एकल फेज प्रदाय के लिए यह विधि उपयुक्त है। इस भट्टी का कक्ष अन्दर से गोलाकार बनाया जाता है। कक्ष की संरचना अम्लीय या क्षारीय गलनरोधी पदार्थ से बनाई जाती है। पिघले हुए धातु को बाहर निकालने के लिए भी प्रबन्ध किया जाता है एवं भट्टी में चार्ज पहुंचाने की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाती है।
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भट्टी को घुमाने के लिए कक्ष को बेलनों पर रखा जाता है। बेलनों को गियर श्रृंखला से घुमाया जाता है। भट्टी के घुमने से पदार्थ का अधिक भाग ऊष्मा से प्रभावित होता हैं। प्रायः दोनों इलेक्ट्रोड को कक्ष के मध्य में संकेन्द्रीय भट्टी को रोकर भट्टी (Rocker Furnace) भी कहा जाता है। इस भट्टी का उपयोग प्रायः अलौह धातु पिघलाने तथा गलाने के लिए किया जाता हैं। यह भट्टी कुचालक पदार्थों को गर्म करने के लिए अधिक लाभकारी है। इसमें गर्म चार्ज को शीघ्रता से बदला जा सकता है तथा तापन निरन्तर प्राप्त किया जाता है। भट्टी में आर्क स्थापित करने के लिए इलेक्ट्रोडों को एक-दूसरे के निकट लाया जाता है, आर्क उत्पन्न होने पर आवश्यकता अनुसार उनकी दूरी समायोजित कर दी जाती है। यह भट्टी अधिक लचीली, कम धातु हानि तथा उत्तम ढलाई के कारण ताम्र, कांसा,गनमेटल तथा निकिल मिश्र धातुओं की ढलाई के लिए उपयोगी है।
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अब आप जान गए होंगे कि अप्रत्यक्ष आर्क भट्टी क्या है? (what is Indirect Arc Furnace), अप्रत्यक्ष आर्क भट्टी की संरचना (structure of Indirect Arc Furnace), अप्रत्यक्ष आर्क भट्टी की कार्यप्रणाली (Working of Indirect Arc Furnace in hindi)